Elvish Yadav का जुड़ सकता है जमशेदपुर से कनेक्शन, विदेशी सांपों के साथ पकड़ी गई महिला ने किया ये खुलासा
नोएडा की रेव पार्टी में सांप का जहर सप्लाई करने के आरोप में पुलिस ने एल्विश समेत छह लोगों पर केस दर्ज की है। यदि सघन जांच हो तो इस केस में एल्विश यादव से जमशेदपुर का कनेक्शन भी जुड़ सकता है। टाटानगर रेलवे स्टेशन पर सात नवंबर 2022 को महिला तस्कर को विदेशी सांपों के साथ गिरफ्तार किया गया था। इस दौरान तस्कर ने बड़ा खुलासा किया था।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। बिग बॉस ओटीटी के विजेता व यूट्यूबर एल्विश यादव पर नोएडा की रेव पार्टी में सांप का जहर सप्लाई करने के आरोप में पुलिस ने एल्विश समेत छह लोगों पर एफआईआर दर्ज की है।
पुलिस के अनुसार, एल्विश यादव पर आरोप है कि जहरीले व जिंदा सांपों के साथ नोएडा के फार्म हाउस में वीडियो बनाते हैं और रेव पार्टी कराते हैं। जिस प्रकार नोएडा में एल्विश यादव के रेव पार्टी में 9 सांप बरामद किए गए, जिसमें बेहद जहरीले किंग कोबरा जैसे सांप भी थे। इसका उपयोग नशे के लिए किया जाता था।
यदि सघन जांच हो तो इस केस में एल्विश यादव से जमशेदपुर का कनेक्शन भी जुड़ सकता है। जमशेदपुर के टाटानगर रेलवे स्टेशन पर सात नवंबर 2022 को देवी चंद्रा नामक एक महिला तस्कर को विदेशी नस्ल के 28 सांप, 300 मकड़ी, 12 गिरगिट के साथ गिरफ्तार किया गया था। महिला ने बताया कि वह सांप, मकड़ी व गिरगिट को नई दिल्ली में डिलीवरी करने जा रहे थे।
बड़े-बड़े महानगर बना सांपों के तस्करी का अड्डा
टाटानगर रेलवे स्टेशन पर सांपों के साथ गिरफ्तार की गई महिला तस्कर देवी चंद्रा ने बताया कि वह कई सालों से बतौर डिलीवरी वीमेन के रूप में तस्करों के साथ काम कर रही है। उसे प्रति डिलीवरी खाने व ट्रेन के किराए के अलावा 8000 रुपये मिलते थे।
उसने पूछताछ में बताया कि पुणे से कुत्ते असम के दीमापुर में डिलीवरी दी और वहीं से उसे डिलीवरी के लिए नया माल मिला। उसे नहीं पता कि नई दिल्ली में कहां माल की डिलीवरी देनी है।
नई दिल्ली पहुंचने पर उसे मोबाइल फोन पर यह सूचना मिलती है। महिला तस्कर दीमापुर से गोवाहाटी फिर यहां से हावड़ा, हिजली पहुंची और नीलांचल एक्सप्रेस पकड़ने के लिए खड़गपुर से ट्रेन में बैठी थी। उसने बताया था कि डिब्रूगढ़, खड़गपुर, दिल्ली से पूणे उसका आना-जाना लगा रहता था।
'कानून बनता गया, वन्यजीवों का तस्करी बढ़ता गया'
झारखंड के पूर्व प्रधान मुख्य वन संरक्षक वाइल्ड लाइफ लाल रत्नाकर सिंह का कहना है कि सरकार ने समय-समय पर कानून तो बनाया, लेकिन तस्करी पर रोक तो नहीं लगी। हालांकि, वन्यजीवों का तस्करी बढ़ता गया।
पूर्व वन अधिकारी एलआर सिंह कहते हैं कि मादक पदार्थों की तस्करी के बाद पूरे दुनिया में दूसरे नंबर वन्यजीवों की तस्करी है। सांपों के विष का उपयोग विभिन्न प्रकार के दवाओं के साथ ही अब इसका उपयोग अल्प मात्रा में मादक द्रव्यों के विकल्प के रूप में किए जा रहे हैं, जबकि वन्य जीवों की तस्करी को रोकने के लिए कई कानून बने हैं।
इसमें अवैध व्यापार रोकने के लिए वन्यप्राणी सुरक्षा अधिनियम 1972, विदेशी कारोबार अधिनियम 1992, कस्टम अधिनियम 1960, पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 के अलावा जैव विविधता अधिनियम 2002 के होते हुए भी वन्यजीवों का अवैध व्यापार में वृद्धि हुई है।
सांप के जहर का ऐसे करते हैं उपयोग
रेव पार्टी में सांपों के जहर को प्रोसेस कर उसे हल्का बना लेते हैं। यह जहर ऐसा होता है कि नशा तो हो, लेकिन उसका दुष्प्रभाव शरीर पर न हो। इसके अलावा युवक व युवतियां सांप से जबरन खुद को कटवाते हैं। इसमें सांप को ऐसे पकड़ा जाता है कि वह बहुत ज्यादा जहर शरीर में न जाएं। ऐसे डंसने को ड्राई स्नेक बाइट कहते हैं।
इससे नशा करने वाले के शरीर में बहुत ही काम मात्रा में जहर जाता हे। वन अधिकारी कहते हैं कि लगातार जहर की खुराक लेते रहने से नशे का आदि व्यक्ति के शरीर में एंटीबॉडी बन जाता है। ऐसे में सांपों का जहर उस पर बेअसर होता है।
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