लोकतंत्र के रंग में रंगा जमशेदपुर, बुजुर्गों का जोश हाई तो महिलाओं ने निभाई जिम्मेदारी; देखें खूबसूरत तस्वीरें
Jharkhand Third Phase Voting जमशेदपुर शनिवार को लोकतंत्र के रंग में रंगा हुआ नजर आया। सुबह से ही शहर के विभिन्न मतदान केंद्रों पर लंबी कतारें देखने को मिली। लोकतंत्र के इस महापर्व में बूढ़े जवान महिलाएं सभी में अलग ही उत्साह देखने को मिला। इस बार जमशेदपुर में 18 लाख से ज़्यादा मतदाताओं अपने मताधिकार का प्रयोग कर रहे हैं।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। झारखंड की चार सीटों पर लोकसभा चुनाव के लिए वोटिंग जारी है। रांची, धनबाद, जमशेदपुर तथा गिरिडीह में मतदान सुबह से ही मतदाताओं में अलग उत्साह देखने को मिला है। शाम तीन बजे तक पूरे राज्य में शाम तीन बजे तक 54.34 प्रतिशत मतदान हुआ।
वहीं, जमशेदपुर में 56.14 प्रतिशत मतदान हुआ। विधानसभावार देखा जाए तो बहरागोड़ा में 64.50, घाटशिला में 62.96, पोटका में 61.18, जुगसलाई में 57.72, जमशेदपुर पूर्वी में 47.50 और जमशेदपुर पश्चिम में 48.22 वोटिंग हुई है।
दरअसल, इस्पात नगरी जमशेदपुर आज लोकतंत्र के रंग में रंगा हुआ था। सुबह की पहली किरण के साथ ही शहर के विभिन्न मतदान केंद्रों पर लोगों की लंबी कतारें लगनी शुरू हो गईं। बूढ़े, जवान, महिलाएं, पुरुष, सभी में एक अनोखा उत्साह देखने को मिल रहा है।
चाकुलिया के अभ्यास मध्य विद्यालय केंद्र संख्या 50 में मतदान के बाद स्याही का निशान दिखाते झामुमो प्रत्याशी समीर महंती व उनकी पत्नी नैना महंती। जागरण
टाटा स्टील के एमडीटाटा स्टील के एमड़ी टी वी नरेंद्रन ने लोयला स्कूल मे अपनी पत्नी रूचि नरेंद्रन के साथ वोट किया। वोट देने के बाद उन्होंने शहरवसियों से वोट देने की अपील की। कहा कि वोट देना हमारा अधिकार है और इसका उपयोग जरूर करे।
उन्होंने कहा कि पिछली बार मतदान का प्रतिशत काफी कम था इसलिए इस बार जरूर मतदान करे और मत प्रतिशत बढ़ाए। इस बार जिला प्रशासन ने चुनाव के लिए काफ़ी अच्छी व्यवस्था कि है इसलिए जरूर आकर मतदान करे।बहरागोड़ा में दिनेश सारंगी ये भाजपा के पूर्व अध्यक्ष हैं।
जमशेदपुर के भालूबासा स्थित मतदान केंद्र में सपरिवार कतार में खड़े ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास। जमशेदपुर में शनिवार को लोकतंत्र का रंग, समाज के हर वर्ग के चेहरे पर देखने को मिल रहा है। शहर के 18 लाख से ज़्यादा मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग कर रहे हैं। इन सबके बीच हर किसी के दिल में एक ही सवाल है - जमशेदपुर की जनता ने किसके हाथों में सौंपी है अपने भविष्य की डोर? कदमा डीबीएमएस स्कूल मे 75 वर्षीय सरस्वती सिंह ने वोट किया। जागरण
हमने काफी रिसर्च किया, बहुत सारे प्रत्याशियों के बारे में जाना और सोच-समझ कर अपना वोट डाला है। उनके साथ आए दोस्त अंकित ने कहा, हमारे भविष्य के लिए यह पहला कदम है। हमने अपने परिवारों, दोस्तों से सलाह ली और अब खुद को देश के निर्माण में शामिल महसूस कर रहे हैं।
युवाओं के साथ-साथ बुजुर्गों में भी वोट डालने का जोश देखने को मिला। बिष्टुपुर के सेंट मेरीज स्कूल मतदान केंद्र पर 85 वर्षीय श्रीमती सरला देवी, अपनी बेटी के साथ वोट डालने आई थीं। मैं कई दशकों से वोट डाल रही हूं, वे मुस्कुराते हुए कहती हैं, मैंने देखा है कि हमारे देश में लोकतंत्र कैसे काम करता है। मुझे लगता है कि वोट डालना हमारा अधिकार और कर्तव्य दोनों है। पोटका में परिजन की मुखाग्नि कर प्रधान पूरे परिवार संग किया मतदान हमारे देश का भविष्य हमारे हाथों में है और हमें इसे जिम्मेदारी से निभाना चाहिए। उनकी बेटी रीना ने बताया, हमारी मां हमेशा से लोकतंत्र के प्रति बहुत जागरूक रही हैं। वह हमेशा कहती थीं कि वोट डालना बहुत ज़रूरी है। आज हम उनके साथ वोट डालने आए हैं, उनके इस जोश को देखकर हमें भी गर्व महसूस हो रहा है।
चुनाव अधिकारियों ने शहर के सभी मतदान केंद्रों पर सुरक्षा व्यवस्था और चुनाव प्रक्रिया के लिए पूरी तैयारी की थी। जिले के चुनाव अधिकारी ने बताया कि हमने सभी मतदान केंद्रों पर सुरक्षा व्यवस्था और चुनाव प्रक्रिया के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए हैं।उन्होंने कहा कि हमने महिला मतदाताओं की सुविधा के लिए पर्दानशीं बूथ बनाए हैं, दिव्यांगों के लिए विशेष व्यवस्था की है, और सभी मतदान केंद्रों पर पर्याप्त संख्या में पुलिस बल तैनात किया है। हमें पूरा विश्वास है कि चुनाव शांतिपूर्ण और निष्पक्ष तरीके से संपन्न होंगे।ये भी पढ़ें- Jharkhand के इस क्षेत्र में ग्रामीणों ने वोट देने से किया इनकार, सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे अधिकारी
Kalpana Soren : कल्पना सोरेन ने रांची में डाला वोट, कहा- हेमंत हैं तो हिम्मत है...
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।जमशेदपुर के भालूबासा स्थित मतदान केंद्र में सपरिवार कतार में खड़े ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास। जमशेदपुर में शनिवार को लोकतंत्र का रंग, समाज के हर वर्ग के चेहरे पर देखने को मिल रहा है। शहर के 18 लाख से ज़्यादा मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग कर रहे हैं। इन सबके बीच हर किसी के दिल में एक ही सवाल है - जमशेदपुर की जनता ने किसके हाथों में सौंपी है अपने भविष्य की डोर? कदमा डीबीएमएस स्कूल मे 75 वर्षीय सरस्वती सिंह ने वोट किया। जागरण
पहली बार वोट कर रहे युवाओं का जश्न
विशेषकर पहली बार वोट कर रहे युवाओं में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। 18 साल की आयु पूरी कर चुके कई युवा अपनी पहली वोटिंग को लेकर बेहद उत्साहित थे। शहर के लोयोला स्कूल मतदान केंद्र पर पहली बार वोट डालने आए अभिषेक कुमार अपने दोस्तों के साथ उत्साह से झूमते हुए, कहते हैं, मुझे बहुत खुशी हो रही है कि मैं पहली बार वोट डाल रहा हूं। मुझे लगता है कि मेरे वोट से देश का भविष्य बेहतर हो सकता है। ट्रायबल कल्चर सेंटर से वोट देकर निकलते सुरेश सोंथालिया और उनका परिवार। जागरणहमने काफी रिसर्च किया, बहुत सारे प्रत्याशियों के बारे में जाना और सोच-समझ कर अपना वोट डाला है। उनके साथ आए दोस्त अंकित ने कहा, हमारे भविष्य के लिए यह पहला कदम है। हमने अपने परिवारों, दोस्तों से सलाह ली और अब खुद को देश के निर्माण में शामिल महसूस कर रहे हैं।
बुजुर्गों का जोश : लोकतंत्र के प्रति अटूट विश्वास
जमशेदपुर स्कूल में वोट देकर निकलती चैम्बर के पूर्व महासचिव भरत वसानी की मां 95 वर्षीय मेनाबेनयुवाओं के साथ-साथ बुजुर्गों में भी वोट डालने का जोश देखने को मिला। बिष्टुपुर के सेंट मेरीज स्कूल मतदान केंद्र पर 85 वर्षीय श्रीमती सरला देवी, अपनी बेटी के साथ वोट डालने आई थीं। मैं कई दशकों से वोट डाल रही हूं, वे मुस्कुराते हुए कहती हैं, मैंने देखा है कि हमारे देश में लोकतंत्र कैसे काम करता है। मुझे लगता है कि वोट डालना हमारा अधिकार और कर्तव्य दोनों है। पोटका में परिजन की मुखाग्नि कर प्रधान पूरे परिवार संग किया मतदान हमारे देश का भविष्य हमारे हाथों में है और हमें इसे जिम्मेदारी से निभाना चाहिए। उनकी बेटी रीना ने बताया, हमारी मां हमेशा से लोकतंत्र के प्रति बहुत जागरूक रही हैं। वह हमेशा कहती थीं कि वोट डालना बहुत ज़रूरी है। आज हम उनके साथ वोट डालने आए हैं, उनके इस जोश को देखकर हमें भी गर्व महसूस हो रहा है।
समाज के विभिन्न वर्गों ने किया अपने मताधिकार का प्रयोग
शहर के विभिन्न वर्गों के लोग अपने-अपने मतदान केंद्रों पर पहुंचे और अपने मताधिकार का प्रयोग कर रहे हैं। शहर के एक व्यापारी, अशोक गुप्ता, अपने परिवार के साथ वोट डालने आए हैं। 'मैंने अपने परिवार के साथ वोट डालने आया हूं,' वे कहते हैं, 'मुझे उम्मीद है कि इस बार हमारे क्षेत्र के विकास पर ध्यान दिया जाएगा। हम चाहते हैं कि हमारे शहर का विकास हो, यहां रोज़गार के अवसर बढ़ें और हम सब मिलकर एक बेहतर समाज बना सकें।'महिलाओं की भागीदारी: लोकतंत्र को दिया नया आयाम
शहर में महिला मतदाताओं की सुविधा के लिए 267 पर्दानशीं बूथ भी बनाए गए हैं। शहर की एक गृहिणी, अंजली सिंह अपने पति और बच्चों के साथ वोट डालने आई थीं। 'मैंने आज अपने परिवार के साथ वोट डालने आई हूं,' वे कहती हैं, 'मुझे खुशी है कि इस बार हमारे लिए पर्दानशीं बूथ की सुविधा दी गई है। यह हमारे लिए बहुत ज़रूरी है, इससे हमें आत्मनिर्भर महसूस होता है।'चुनाव अधिकारियों की सतर्कता और व्यवस्था
बेटों के सहारे अपना वोट डालकर निकलते मांचुनाव अधिकारियों ने शहर के सभी मतदान केंद्रों पर सुरक्षा व्यवस्था और चुनाव प्रक्रिया के लिए पूरी तैयारी की थी। जिले के चुनाव अधिकारी ने बताया कि हमने सभी मतदान केंद्रों पर सुरक्षा व्यवस्था और चुनाव प्रक्रिया के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए हैं।उन्होंने कहा कि हमने महिला मतदाताओं की सुविधा के लिए पर्दानशीं बूथ बनाए हैं, दिव्यांगों के लिए विशेष व्यवस्था की है, और सभी मतदान केंद्रों पर पर्याप्त संख्या में पुलिस बल तैनात किया है। हमें पूरा विश्वास है कि चुनाव शांतिपूर्ण और निष्पक्ष तरीके से संपन्न होंगे।ये भी पढ़ें- Jharkhand के इस क्षेत्र में ग्रामीणों ने वोट देने से किया इनकार, सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे अधिकारी
Kalpana Soren : कल्पना सोरेन ने रांची में डाला वोट, कहा- हेमंत हैं तो हिम्मत है...