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    Jamshedpur News: यूरोप के कामर्शियल वाहन निर्माता LVECO पर अब टाटा का ठप्पा, अधिग्रहण की औपचारिक प्रक्रिया शुरू

    भारत की दिग्गज आटोमोबाइल कंपनी टाटा मोटर्स ने यूरोप की कामर्शियल वाहन निर्माता इवेको ग्रुप के अधिग्रहण की दिशा में सबसे बड़ा और औपचारिक कदम बढ़ा दिया है। कंपनी ने इस 3.8 अरब यूरो (लगभग 34200 करोड़ रु.) के ऐतिहासिक सौदे को अंजाम देने के लिए 19 अगस्त 2 को इटली के बाजार नियामक कानसोब के पास आधिकारिक प्रस्ताव दस्तावेज दायर कर दिए हैं।

    By Jitendra Singh Edited By: Kanchan Singh Updated: Sat, 23 Aug 2025 01:33 PM (IST)
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    इवेको के अधिग्रहण की औपचारिक प्रक्रिया शुरू हो गई है।

    जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। भारत की दिग्गज आटोमोबाइल कंपनी टाटा मोटर्स ने यूरोप की कामर्शियल वाहन निर्माता इवेको ग्रुप के अधिग्रहण की दिशा में सबसे बड़ा और औपचारिक कदम बढ़ा दिया है।

    कंपनी ने इस 3.8 अरब यूरो (लगभग 34,200 करोड़ रु.) के ऐतिहासिक सौदे को अंजाम देने के लिए 19 अगस्त 2 को इटली के बाजार नियामक, कानसोब के पास आधिकारिक प्रस्ताव दस्तावेज दायर कर दिए हैं।

    यह फाइलिंग इस बात का संकेत है कि अब यह सौदा सिर्फ बातचीत तक सीमित नहीं है, बल्कि इसे कानूनी और नियामकीय तौर पर पूरा करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।

    प्रस्ताव में क्या है खास

    टाटा मोटर्स द्वारा नियामक के पास दायर किए गए इन दस्तावेज़ों को स्वैच्छिक टेंडर आफर कहा जाता है। इसका अर्थ यह है कि टाटा मोटर्स ने इवेको ग्रुप के सभी शेयरधारकों को एक खुली पेशकश की है कि वे अपने शेयर कंपनी को एक तय कीमत पर बेच दें।

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    इस प्रस्ताव दस्तावेज के अनुसार, टाटा मोटर्स इवेको के हर एक कामन शेयर के लिए 14.10 यूरो (लगभग 1,269 रु.) का भुगतान करेगी। कंपनी का लक्ष्य इवेको के सभी 27 करोड़ 12 लाख कामन शेयरों को खरीदना है।

    हालांकि, इस पेशकश में एक महत्वपूर्ण शर्त यह है कि इसमें इवेको का रक्षा यानी डिफेंस से जुड़ा कारोबार शामिल नहीं होगा। सौदे के पूरा होने से पहले इवेको को अपने रक्षा व्यवसाय को कंपनी से अलग करना होगा।

    अब आगे कैसी होगी प्रक्रिया

    दस्तावेज दायर होने के बाद अब गेंद इटली के नियामक कानसोब के पाले में है। नियामक सबसे पहले इन दस्तावेजों की गहनता से जांच करेगा, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि प्रस्ताव सभी स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय नियमों के अनुरूप है।

    जांच पूरी होने के बाद कानसोब इस टेंडर आफर को अपनी मंजूरी देगा। नियामक की हरी झंडी मिलते ही, इवेको के शेयरधारकों के लिए अपने शेयर टाटा मोटर्स को बेचने की आधिकारिक अवधि शुरू हो जाएगी।

    सभी जरूरी मंजूरियां मिलने और पर्याप्त संख्या में शेयरधारकों के प्रस्ताव स्वीकार करने के बाद यह अधिग्रहण अप्रैल 2026 तक पूरा होने की उम्मीद है।

    बड़े निवेशकों का मिला साथ

    इस सौदे की सफलता का एक बड़ा कारण यह है कि इवेको के सबसे बड़े शेयरधारक, यानी इटली के प्रभावशाली अग्नेली परिवार द्वारा नियंत्रित कंपनी एक्सोर, ने इस पेशकश का समर्थन करने का वादा किया है। एक्सोर के पास इवेको की 27.06% हिस्सेदारी है, और उनका समर्थन इस अधिग्रहण की राह को काफी आसान बनाता है।

    क्यों अहम है यह औपचारिक कदम

    यह कानूनी प्रक्रिया टाटा मोटर्स को एक भारतीय कंपनी से वैश्विक कमर्शियल वाहन बाजार का बादशाह बनाने की दिशा में एक निर्णायक कदम है। इस सौदे के बाद बनने वाली संयुक्त कंपनी का सालाना राजस्व लगभग 22 अरब यूरो (करीब 1,98,000 करोड़ रु.) होगा। 

    और उसकी पहुंच यूरोप से लेकर अमेरिका तक के बाजारों में होगी। साथ ही, इवेको की उन्नत इलेक्ट्रिक और हाइड्रोजन वाहन तकनीक टाटा मोटर्स को भविष्य की टेक्नोलाजी में एक मजबूत खिलाड़ी बना देगी।