Happy Birthday Dhoni : धौनी बिष्टुपुर में पी रहे थे चाय, तभी भारतीय टीम में चयन की खबर आई
Happy Birthday Mahi क्रिकेट का कोहिनूर महेंद्र सिंह धौनी का जन्मभूमि रांची हो लेकिन उनका कर्मभूमि जमशेदपुर रहा है। 2004 में अगस्त महीने में जब भारत ए टीम की घोषणा हुई तब धौनी बिष्टुपुर में चाय पी रहे थे।
By Jitendra SinghEdited By: Updated: Wed, 07 Jul 2021 06:56 PM (IST)
जितेंद्र सिंह, जमशेदपुर : क्रिकेट का कोहिनूर महेंद्र सिंह धौनी का बुधवार को 40वां जन्मदिन है। भले ही धौनी का जन्मभूमि रांची हो, लेकिन उनकी कर्मभूमि जमशेदपुर ही रहा है। अंडर-16, अंडर-19, रणजी ट्रॉफी से लेकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का सफर धौनी ने ऐतिहासिक कीनन स्टेडियम से ही शुरू किया था।
अंडर-19 में बेहतर प्रदर्शन करने वाले धौनी झारखंड की ओर से शानदार प्रदर्शन कर रहे थे। उन्हें झारखंड रणजी ट्रॉफी टीम में शामिल कर लिया गया था। नयन मोंगिया के रिटायर होने के बाद उनके स्तर का एक बेहतरीन विकेटकीपर की तलाश थी। उस समय दिनेश कार्तिक के साथ महेंद्र सिंह धौनी भारतीय टीम के लिए विकल्प के तौर पर उभरे थे। पूर्व विकेटकीपर सैयत किरमानी दिनेश कार्तिक का पक्ष ले रहे थे, लेकिन चयनकर्ताओं ने महेंद्र सिंह धौनी पर विश्वास जताया था। 2004 अगस्त का महीना था। जिस समय भारत ए में धौनी के शामिल होने की घोषणा हुई, वह बिष्टुपुर में होटल बुलेवर्ड के बगल में कैफेटेरिया में अपने दोस्त के साथ कॉफी पी रहे थे। वह कीनन से अभ्यास कर निकले ही थे और होटल राजहंस जाने के पहले कैफेटेरिया में कॉफी पी रहे थे। जब उनसे पूछा गया कि आपको विश्वास था कि आपका चयन टीम में हो जाएगा। उन्होंने विश्वासपूर्ण लहजे में कहा था, बिल्कुल। मेरी ही चयन होना था।
जब कीनन में धौनी को सहवाग ने कहा था, आज मेरे साथ पारी की शुरुआत करनी है 12 अप्रैल 2006। स्थान कीनन स्टेडियम। पहली बार धौनी अपनी कर्मभूमि कीनन स्टेडियम में कोई अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने वाले थे। स्टेडियम में तिल रखने की जगह नहीं थी। दर्शकों का उत्साह सातवें आसमान पर था। भारत ने टॉस जीता। भारत के तत्कालीन कप्तान वीरेंद्र सहवाग ड्रेसिंग रूम में पहुंचे और सीधे महेंद्र सिंह धौनी के पास गए। बोले, तुम्हें आज मेरे साथ पारी की शुरुआत करनी है। चुनौती को अवसर में तब्दील करने में माहिर धौनी ने तुरंत ही हामी भर दी और पैड बांधने लगे। सहवाग के साथ पहली बार ओपनिंग करना, वह भी होम ग्राउंड में, किसी भी खिलाड़ी पर यह अतिरिक्त दबाव हो सकता था। लेकिन वह धौनी ही थे, जिन्होंने इस अवसर को हाथ से जाने नहीं दिया। सहवाग चार रन के निजी स्कोर पर पैवेलियन लौट गए। धौनी के ऊपर पारी आगे बढ़ाने के साथ-साथ विकेट बचाने का भी दबाव था। इसके बावजूद उन्होंने स्वभाविक खेल खेला और 96 रन बनाए। अप्रैल के महीने में सूरज पूरी जवानी पर था। गर्मी ऐसी कि हर ओवर में गला तर करने की जरूरत होती थी। धौनी 55 रन के स्कोर तक पहुंचे ही थे कि उनकी पीठ की मांसपेशियां खींच गई। तुंरत ही फिजियो को बुलाया और पीठ में आइस बांधने का इशारा किया। फिजियो ने ऐसा ही किया। इसके बाद धौनी ने 96 रन की पारी खेल कर्मभूमि कीनन को इस्तकबाल किया।
पहली बार अंडर-19 में धौनी को मिली थी निराशा पहली बार धौनी अंडर-19 टीम का चयन ट्रायल देने जमशेदपुर पहुंचे थे तो चयनकर्ताओं ने उन्हें टीम में शामिल नहीं किया। धौनी तनिक भी निराश नहीं हुए और लगातार प्रयास जारी रखा। अगले ही सीजन में उन्हें टीम में शामिल कर लिया गया।
बालाजी का डोसा व काशी की चाय के थे शौकीन कीनन स्टेडियम में जब भी रणजी मैच खेलते या फिर अभ्यास करने आते, धौनी दोराबजी टाटा पार्क स्थित काशी की चाय का स्वाद लेना नहीं भूलते। काशी बताते हैं, वह काफी सौम्य स्वभाव का लड़का था। कभी-कभी मुझसे भी मजाक कर लिया करता था। बालाजी होटल का डोसा हो या फिर होटल से कीनन स्टेडियम ऑटो से आना। यह इस बात का द्योतक है कि वह हमेशा से जमीन से जुड़ा लड़का रहा है।
सीनियरों को आदर देना कोई धौनी से सीखे : काजल दास रणजी ट्रॉफी के कोच रहे टेल्को के काजल दास के साथ धौनी ने लंबा वक्त बिताया। पुराने दिनों को याद करते हुए काजल दास ने बताया कि सीनियरों को आदर करना कोई धौनी से सीखे। उनके जैसा क्रिकेटर ना तो आजतक पैदा लिया है और ना भविष्य में लेगा। एक विकेटकीपर होने के बाद भारतीय टीम की कप्तानी करना किसी के वश की बात नहीं होती। लेकिन धौनी को यूं ही चुनौतियों के बाजीगर नहीं कहा जाता। मैदान की तरह वह ड्रेसिंग रूम में भी हमेशा कूल रहता था। उसके दिमाग में हमेशा प्लान ए के साथ प्लान बी भी तैयार रहता था। मेरी तरफ से क्रिकेट का इस कोहिनूर को जन्मदिन की बधाई।
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