Jharkhand News हिट एंड रन के विरोध देशभर में चालक प्रदर्शन कर रहे हैं। झारखंड में भी चालकों ने प्रदर्शन किया लेकिन उलीडीह थाना की पुलिस पहुंची और प्रदर्शनकारियों पर लाठी चार्ज कर दिया। इससे प्रदर्शन कर रहे चालक वहां से हट गए। हालांकि इसके बाद शहर में बस या ट्रक नहीं चले जिससे यात्रियों को काफी परेशानी हुई।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। सड़क दुर्घटना में मौत होने पर चालक को दस वर्ष की सजा का प्रावधान बनाया गया है, जिससे देश भर के चालक आक्रोशित हैं। इसे लेकर मानगो के डिमना चौक पर चालक का प्रदर्शन कर रहे थे, जिससे टाटा-रांची राष्ट्रीय उच्चपथ जाम हो गया था।
इसकी सूचना मिलने पर उलीडीह थाना की पुलिस वहां पहुंची और प्रदर्शनकारियों पर लाठी चार्ज कर दिया। इससे प्रदर्शन कर रहे चालक वहां से हट गए, लेकिन विरोध स्वरूप उन्होंने वाहन चलाने से मना कर दिया। नतीजतन शाम के बाद शहर में एक भी बस-ट्रक नहीं चली।
मानगो स्थित ट्रांसपोर्ट नगर में चालकों 1000 ट्रक-ट्रेलर छोड़कर अपने-अपने घर चले गए। पुलिस के अनुसार, चालकों ने उच्चपथ पर बेतरतीब तरीके से ट्रक लगा दिए थे, जिससे डिमना लेक में पिकनिक मनाने वाले भी जाम में फंस गए थे। पुलिस ने लाठी चार्ज से पहले चालकों ने उच्च पथ पर प्रदर्शन करने से मना भी किया था।
चालकों की हड़ताल से क्या असर पड़ा?
चालकों की हड़ताल का असर यह हुआ कि सीतारामडेरा थाना क्षेत्र स्थित मानगो बस स्टैंड से शाम के बाद लंबी दूरी की एक भी बस नहीं चली। इससे यात्रियों को काफी परेशानी हुई। हड़ताल की जानकारी मिलने पर कई यात्री टाटानगर स्टेशन की ओर निकल गए, जबकि कुछ अपने घर लौट गए। जमशेदपुर बस ओनर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष रामउदय सिंह ने बताया कि चालक हिट एंड रन में 10 वर्ष की कैद और 10 लाख रुपये जुर्माना की सजा से आक्रोशित हैं।
दिन में जमशेदपुर से रांची की कुछ बसें चली थीं, लेकिन शाम को डिमना चौक पर लाठी चार्ज की घटना के बाद एक-दो बसें चलने वाली थीं, वह भी स्थगित हो गई। बस मालिक संघ भी चालकों की हड़ताल का नैतिक समर्थन कर रहा है। यह काफी कड़ा कानून है। सरकार को इसमें संशोधन करना चाहिए।
से बढ़ेगी यात्रियों की परेशानी
एक जनवरी को सुबह से दोपहर बाद तक कुछ बसों का परिचालन हुआ था, लेकिन मंगलवार से एक भी बस नहीं चलेगी। बस मालिकों व चालकों की मानें तो अब रांची की बसों का भी परिचालन नहीं होगा, जिससे यात्रियों की परेशानी बढ़ेगी।
जमशेदपुर से रांची के लिए दिन में लगभग 100 बसें चलती हैं, जबकि बिहार, बंगाल, ओडिशा सहित लंबी दूरी की लगभग 200 बसें चलती हैं। बिहार में हड़ताल का व्यापक असर दिखा था, लेकिन अब झारखंड में भी यह प्रभावी हो गया है। चाईबासा से सोमवार को रांची या टाटा की एक भी बस नहीं चली थी।
सरकार के नए नियम से 30 प्रतिशत जनता प्रभावित होगी। हड़ताल हुआ तो पूरी व्यवस्था ठप हो जाएगी इसलिए सरकार को नए कानून पर पुर्नविचार करना चाहिए।
- जसबीर सिंह छिरे, अध्यक्ष, जमशेदपुर ट्रक एंड ट्रेलर्स आनर्स एसोसिएशन
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