दुर्गा पूजा को याद कर आंखों से निकले आंसू; जिन्होंने कभी अंगुली पकड़ चलना सिखाया, आज हो गए बेसहारा
Durga Puja 2023 जमशेदपुर के आशीर्वाद ओल्ड एज होम में रहने वाले लोग दुर्गा पूजा के पुराने दिनों को याद कर भावुक हो गए। बताया कि वे कैसे पहले धूमधाम से त्योहार मनाया करते थे। माधवी चक्रवर्ती ने बताया कि पति की मौत के बाद कुछ माह किसी के यहां काम कर समय काटा। जब काम करने की स्थिति में नहीं रही तो वृद्धाश्रम में रहने लगी।
वृद्धाश्रम में रहनेवालों ने बताया अपना दर्द
मैं घाटशिला की रहने वाली हूं। दुर्गापूजा धूमधाम से मनाते थे, लेकिन आज दुर्गा पूजा में ओल्ड एज होम में रहना पड़ रहा है। एक बेटी है, उसकी शादी हो गई है। पति की मौत के बाद कुछ माह किसी के यहां काम कर समय काटा। जब काम करने की स्थिति में नहीं रही तो जमशेदपुर वृद्धाश्रम में रहने लगी। - माधवी चक्रवर्ती, आशीर्वाद ओल्ड एज होम
मेरा घर परिवार काफी भरा-पूरा व खुशहाल था। वह खुद टाटा मोटर्स में काम करते थे। दुर्गापूजा का त्योहार धूमधाम से परिवार के साथ मनाते थे। आज वह बेसहारा होकर वृद्धाश्रम में रहने को मजबूर हैं। बेटी हैदराबाद में नौकरी करती है। बेटे ने बंगाल में लव मैरेज की। घर बेचकर पैसे दिए, जब पैसा खत्म हो गया तो बेटे ने संपर्क ही खत्म कर दिया। - जयंत गुहा, आशीर्वाद ओल्ड एज होम
अपने एकलौते लड़के के साथ कदमा में रहता था। बेटा चाईबासा में काम करने की बात कहकर घर से निकला। उसके बाद दोबारा नहीं आया। कुछ माह तक बेटे की आस में रहा, लेकिन यह तो मेरा दुर्भाग्य है कि बेटा कभी देखने नहीं आया। - मृदुल सुर, आशीर्वाद ओल्ड एज होम
मैं जुगसलाई की रहने वाली हूं। पति की मौत होने के बाद किसी तरह कुछ माह दूसरे के यहां काम कर अपना पेट पालती रही। कई रिश्तेदार हैं, लेकिन किसी ने मेरी सुध नहीं ली। आज वृद्धाश्रम में रहने को मजबूर हूं। - लीलावती पांडेय, आशीर्वाद ओल्ड एज होम