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Jamshedpur: मजदूर नेता वीजी गोपाल हत्याकांड, कुणाल जेना 17 साल बाद हुआ रिहा; लालू यादव के आदेश पर...

जमशेदपुर में मजदूर नेता वीजी गोपाल की हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा काट रहे कुणाल जेना को रिहा कर दिया गया है। 17 साल बाद उन्हें घाघीडीह सेंट्रल जेल से रिहा किया गया है। बता दें कि 2006 में सीबीआई की रांची अदालत ने हत्या मामले में सजा सुनाई थी। बिहार के मुख्यमंत्री रहे लालू प्रसाद यादव के आदेश पर जांच सीबीआई को सौंपी गई थी।

By Jagran NewsEdited By: Shashank ShekharUpdated: Sat, 30 Sep 2023 04:45 PM (IST)
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मजदूर नेता वीजी गोपाल हत्याकांड, कुणाल जेना 17 साल बाद हुआ रिहा
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। चर्चित मजदूर नेता सह टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष रहे कदमा निवासी वीजी गोपाल की हत्या मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे कुणाल जेना को 17 साल बाद घाघीडीह सेंट्रल जेल से रिहा कर दिया गया है।

बता दें कि 2006 में सीबीआई की रांची अदालत ने कुणाल जेना को हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। इसके बाद से वह जेल में बंद था।

इस तरह से मजदूर नेता की हुई थी हत्या 

वह सिदगोड़ा थाना क्षेत्र दस नंबर बस्ती का निवासी है। वीजी गोपाल की हत्या बिष्टुपुर थान क्षेत्र टाटा वर्कर्स यूनियन कार्यालय से बाहर निकलते समय अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।

जानकारी के मुताबिक, घटना में उनका अंगरक्षक मदन मोहन सिंह भी मारा गया था। हत्या मामले की जांच पुलिस कर रही थी।

लालू यादव के आदेश पर CBI को सौंपी गई थी जांच

बाद में बिहार के मुख्यमंत्री रहे लालू प्रसाद यादव के आदेश पर हत्या मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी। हत्या मामले में आरोपी राजा जेना की सड़क दुर्घटना में 1995 में मौत हो गई थी।

वहीं, मामले में आरोपी रहे मुन्ना शर्मा को सीबीआई के न्यायालय ने सजा 2006 में सुनाई थी। बाद में मुन्ना शर्मा को अपील बेल मिल गई थी। एक अन्य आरोपी ललित चंद्र विश्वास रांची जेल में बंद है।

अच्छे आचरण के कारण कुणाल जेना समेत आठ बंदियों की रिहाई को घाघीडीह जेल प्रशासन की अनुशंसा पर झारखंड सरकार ने विगत दिनों आदेश दिया था।

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जेल से रिहा होने पर कुणाल जेना ने क्या कहा

जेल से रिहा होने पर कुणाल जेना ने कहा कि उसे हत्या मामले में बेवजह फंसाया गया। उसका मामले से कोई लेना-देना नहीं था। वह हत्या मामले के आरोपित राजा जेना को साकची से बिष्टुपुर छोड़ने घटना के दिन गया था। इसी दौरान पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।

कुणाल जेना ने बताया कि पहले पुलिस ने उसे हत्या में सरकारी गवाह बनने का दबाव डाला था, लेकिन उसने इनकार कर दिया था। बाद में हत्या की जांच सीबीआई को सौंप दी गई। सीबीआई ने उसे मामले में आरोपी बनाते हुए चार्जशीट दायर किया था।

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