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Chandil Dam Plane Crash: जमशेदपुर विमान हादसे की पहली रिपोर्ट आई सामने, पायलट ने कर दी थी बड़ी चूक

झारखंड के जमशेदपुर में अलकेमिस्ट एविएशन के ट्रेनी विमान सेसना-152 की दुर्घटना की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि पायलटों ने चांडिल डैम में व्हील वाश स्टंट किया जिससे दुर्घटना हुई। कंपनी के मालिक मृणाल कांति पाल ने बताया कि विमान का इंजन ठीक था और पायलटों ने एटीसी को खराबी की सूचना नहीं दी थी। जिसके बाद यह हादसा हो गया।

By Jagran News Edited By: Sanjeev Kumar Updated: Thu, 26 Sep 2024 08:55 AM (IST)
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चांडिल डैम विमान हादसा में प्लेन का मलबा (जागरण)

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। अलकेमिस्ट एविएशन प्राइवेट लिमिटेड के ट्रेनी विमान सेसना-152 के दोनों पायलट दुर्घटना से पहले चांडिल डैम में 'व्हील वाश' स्टंट कर रहे थे जिसके कारण दुर्घटना हुई। यह कहना है कंपनी के मालिक सह प्रबंध निदेशक मृणाल कांति पाल व चीफ फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर कैप्टन अंशुमन का।

एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इंवेस्टिगेशन ब्यूरो (एएआइबी) ने बुधवार को अपनी वेबसाइट पर 20 अगस्त को दुर्घटनाग्रस्त हुए विमान की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट सार्वजनिक की है।

इसे आधार बनाते हुए बुधवार को बेल्डीह क्लब में प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए मृणाल कांति पाल ने बताया कि एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) जमशेदपुर द्वारा इन्हें जनरल फ्लाइंग के तहत विमान (वीटी-टीएजे) को पांच नाटिकल माइल्स (लगभग 8 किलोमीटर) व 4500 फीट पर उड़ान भरना था और मौसम भी पूरी तरह से सामान्य था, लेकिन चीफ फ्लाइंग इंस्ट्रक्चर जीत शत्रु व ट्रेनी पायलट शुभ्रोदीप दत्ता विमान को 12 नाटिकल माइल्स (लगभग 20 किलोमीटर) की दूरी पर चांडिल डैम के ऊपर उड़ा रहे थे।

प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के आधार पर मृणाल ने दावा किया कि दुर्घटना के समय विमान का इंजन पूरी तरह से ठीक था। रिपोर्ट के अनुसार विमान नाक की सीध में दुर्घटनाग्रस्त हुई जिससे उसके दोनों प्रोपेलर मुड़े हुए थे और उसका लैडिंग गियर भी पीछे की ओर था।

यहां हो गई थी बड़ी चूक

कैप्टन अंशुमन का कहना है कि यदि विमान का इंजन हवा में फेल होता तो पायलटों को उसका भी प्रशिक्षण दिया जाता है और उसे ग्लाइड करने और किसी खेत या समतल जगह पर उतारा जा सकता था। लेकिन दुर्घटना से पहले न ही दोनों पायलटों ने इंजन में किसी तरह की खराबी की सूचना एटीसी को दी और न ही उन्होंने इमरजेंसी लोकेटर ट्रांसमिशन (ईएलटी) को ही ऑन किया था।

 व्हील वाश स्टंट के चलते हुआ हादसा

एविएशन कंपनी द्वारा एक वीडियो के माध्यम से बताया कि इस स्टंट में विमान तेज गति से उड़ान भरते हुए अपने विमान के पिछले चक्के से पानी को छुने के बाद वापस उड़ान भर लेता है। इस स्टंट के दौरान विमान के आगे का चक्का हवा में ही रहता है। इसे व्हील वाश स्टंट कहते हैं।

विमान व इंजन दोनों ही बेहतर मृणाल ने रिपोर्ट को आधार बनाते हुए कहा कि दुर्घटनाग्रस्त विमान न ही पुराना था और न इंजन में किसी तरह की खराबी थी। 1979 में निर्मित सेसना 152 वीटी-टीएजे को एक साल के लिए उड़ान योग्यता प्रमाण पत्र (सीओए) 16 जुलाई 2025 तक के लिए मिला हुआ था। विमान में लाइकिंग इंजन लगा हुआ है। दुर्घटना से पहले विमान ने 16,128.40 एयर फ्लाइंग घंटे की उड़ान भर चुका था और 1840.55 घंटे उड़ान होना बाकी था।