Jamshedpur News: टाटा वर्कर्स यूनियन कदमा के छात्रों ने किया कमाल, अब बिना मैन पावर से स्वच्छ रहेगा शौचालय
Jamshedpur News इस प्रोजेक्ट आइडिया में यूनिक यह है कि बिना किसी मैन पावर के शौचालय को स्वच्छ रखा जा सकता है तथा जल संरक्षण भी किया जा सकेगा। शौचालयों उतना ही पानी स्प्रे होगा जितनी पानी की जरूरत है। जैसे ही स्मेल आना बंद होगा पंप आटोमेटिक बंद होंगे।
By Madhukar KumarEdited By: Updated: Fri, 03 Jun 2022 09:23 AM (IST)
जमशेदपुर, जासं। पूर्वी सिंहभूम जिला के जमशेदपुर स्थित टाटा वर्कर्स यूनियन उच्च विद्यालय कदमा में कुल 20 शौचालय है और इसमें 320 बच्चे है। इसकी साफ-सफाई तथा रखरखाव एक बहुत ही चुनौतीपूर्ण कार्य था। इस कार्य का आसान बनाने के लिए कक्षा नवम की छात्रा पनमय तियू, कांत राज व तरुण कैवर्त ने एक प्रोजेक्ट तैयार किया है। इस प्रोजेक्ट का ग्रुप लीडर पनमय तियू को बनाया गया।
बिना मैन पावर के स्वच्छ रहेगा शौचालय
इस प्रोजेक्ट आइडिया में यूनिक यह है कि बिना किसी मैन पावर के शौचालय को स्वच्छ रखा जा सकता है तथा जल संरक्षण भी किया जा सकेगा। शौचालयों उतना ही पानी स्प्रे होगा जितनी पानी की जरूरत है। जैसे ही स्मेल आना बंद होगा पंप आटोमेटिक बंद हो जाएगा और जिससे जल संरक्षण भी होगा। इस प्रोजेक्ट में विद्यार्थियों ने अमोनिया सेंसर का इस्तेमाल किया है। यह सेंसर यूरिल से निकलने वाले अमोनिया के गंध को डिटेक्ट कर लेता है। इसके साथ ही साथ एक पंप जो कि वाटर टैंक में कनेक्टेड था का उपयोग किया गया। जैसे ही कोई छात्र बाथरुम में पानी नहीं डालता है और अगर वहां गंध आना शुरू होगा तो अमोनिया सेंसर उस गंध को डिटेक्ट कर लेगा तथा उसमें लगा हुआ मोटर पंप पानी को स्प्रे नोजल के द्वारा पूरे बाथरूम में पानी स्प्रे कर देगा। इससे ना सिर्फ स्वच्छता को बनाए रखा जा सकता है, बल्कि जल संरक्षण यानि कम मात्रा में जल के उपयोग से शौचालय को साफ रखा जा सकता है। इस प्रोजेक्ट को बनाने में अमोनिया सेंसर आरडिनो स्वीच वायर, पंप स्प्रे, नोजल तथा पानी के पाइप की जरूरत होगी। छात्रों की इस सोच काे आइआइटी धनबाद बढ़ावा देगा। इस प्रोजेक्ट को राज्य के सर्वश्रेष्ठ प्रोजेक्ट के रूप में आइआइटी धनबाद ने चयनित किया है।
सार्वजनिक स्थानों व ट्रेनों में यह आइडिया हो सकता है कारगर विद्यालय में स्वच्छता को बनाए रखने के लिए तथा अन्य सार्वजनिक शौचालयों में भी स्वच्छता को बनाए रखना अति आवश्यक है। इस तरह के तकनीक के इस्तेमाल से ना सिर्फ विद्यालय में बल्कि पब्लिक प्लेस तथा ट्रेन में भी स्वच्छता को बनाए रखा जा सकता है। इससे अनेक प्रकार की बमारियां भी नहीं फैलेगी।
स्कूल के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार जीतने की चाहत छात्रा पनमय ने बताया कि टाटा वर्कर्स यूनियन उच्च विद्यालय कमदा स्कूल पिछले दो वर्ष से लगातार स्वच्छता में राज्य स्तरीय पुरस्कार प्राप्त करता आ रहा है। इस सोच को और आगे बढ़ाते हुए राष्ट्रीय स्तर पर स्वच्छता पुरस्कार जीतने की चाहत है। छात्रा ने बताया कि इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में विज्ञान शिक्षिका शिप्रा मिश्रा, प्रधानाध्यापिका सेतेंग केरकेट्टा का योगदान सराहनीय रहा।
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