Jharkhand Flood: झारखंड में मानसून की मार, खरसावां में तीन की मौत; बाढ़ का खतरा बढ़ा
झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिले में भारी बारिश से तबाही हुई है। कच्चे मकान गिरने से दो बच्चों और एक बुजुर्ग महिला समेत तीन लोगों की मौत हो गई है। खरकई स्वर्णरेखा और दक्षिण कोयल नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं जिससे बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। मौसम विभाग ने अगले तीन दिनों तक भारी बारिश की चेतावनी दी है।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिले में पिछले 24 घंटों से हो रही मूसलाधार बारिश ने भारी तबाही मचाई है। कच्चे मकानों के ढहने से तीन लोगों की जान चली गई, जिनमें दो मासूम बच्चे और एक बुजुर्ग महिला शामिल हैं।
इसके साथ ही, जिले की प्रमुख नदियां खरकई, स्वर्णरेखा और दक्षिण कोयल खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जिससे बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है।
मौसम विभाग ने अगले तीन दिनों तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है, जिससे स्थिति और गंभीर हो सकती है। जिला प्रशासन ने राहत कार्य शुरू कर दिए हैं, लेकिन बढ़ते जलस्तर और बारिश की तीव्रता चुनौतियां बढ़ा रही हैं।
दुखद हादसा: कच्चे मकानों के ढहने से तीन की मौत
इस त्रासदी का सबसे हृदय विदारक पहलू राजनगर प्रखंड के डांडू गांव में हुआ, जहां एक कच्चा मकान अचानक ढह गया। इस हादसे में 35 वर्षीय सरिता देवी और उनके सात वर्षीय बेटे रवि कुमार मलबे में दबकर मौके पर ही मर गए।
परिवार के अनुसार, मकान पुराना और जर्जर था, जो लगातार बारिश से और कमजोर हो गया था। हादसे के समय मकान में 10 लोग मौजूद थे, जिनमें से आठ गंभीर रूप से घायल हुए।
घायलों को तुरंत एमजीएम अस्पताल ले जाया गया, जहां दो लोगों की हालत नाजुक बनी हुई है। डॉक्टरों के मुताबिक, घायलों को फ्रैक्चर और सिर में गंभीर चोटें आई हैं।
स्थानीय निवासियों ने तत्परता दिखाते हुए मलबा हटाने में मदद की और करीब एक घंटे की मेहनत के बाद सभी को बाहर निकाला। लेकिन सरिता और रवि को बचाया नहीं जा सका।
ग्रामीणों ने बताया कि बारिश की तेज आवाज के बीच मकान गिरने की आवाज सुनाई दी, जिसके बाद पूरे गांव में हड़कंप मच गया।
दूसरी घटना: खरसावां में बुजुर्ग महिला की दर्दनाक मौत
इसी जिले के खरसावां थाना क्षेत्र के कोल शिमला गांव में एक अन्य दुखद घटना सामने आई। यहां शुक्रवार देर रात एक कच्चे मकान की छत ढह गई, जिसमें 65 वर्षीय लक्ष्मी देवी मलबे में दबकर मर गईं।
परिवार के अन्य सदस्य मामूली रूप से घायल हुए, लेकिन लक्ष्मी को बचाया नहीं जा सका। स्थानीय लोगों का कहना है कि गांव में कई मकान जर्जर हालत में हैं, और प्रशासन को पहले ही इनके बारे में चेतावनी दी गई थी।
इस हादसे ने पूरे गांव को शोक में डुबो दिया। जिला प्रशासन ने मृतकों के परिवारों को 4-4 लाख रुपये की अनुग्रह राशि और घायलों को मुफ्त इलाज का आश्वासन दिया है।
नदियों का उफान: बाढ़ का खतरा बढ़ा, यातायात ठप
लगातार बारिश ने जिले की प्रमुख नदियों खरकई, स्वर्णरेखा (सोना), और दक्षिण कोयल (संजय) के जलस्तर को खतरनाक स्तर तक बढ़ा दिया है। जल संसाधन विभाग के अनुसार, खरकई नदी जमशेदपुर के पास 132.79 मीटर पर बह रही है, जो खतरे के निशान 129 मीटर से काफी ऊपर है।
स्वर्णरेखा नदी पर 123.36 मीटर पर है, जबकि इसका खतरे का निशान 121.50 मीटर है। दक्षिण कोयल नदी भी उफान पर है, और कई जगहों पर पुल और सड़कें जलमग्न हो गई हैं।
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