Hemant Soren: चंपई सोरेन से नाराजगी पर पहली बार खुलकर बोले CM हेमंत, BJP को भी दे दिया संदेश
Jharkhand Politics News झारखंड में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मी तेज है। पूर्व सीएम चंपई सोरेन ने विद्रोह का बिगुल फूंक दिया है। अब उन्होंने यह तक कह दिया है कि वह अपनी पार्टी बनाएंगे। इस बीच सीएम हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने पहली बार चंपई सोरेन पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने नाराजगी को लेकर अपनी चुप्पी तोड़ी है।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। झारखंड की सियासत में उस वक्त भूचाल आ गया जब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के 'चाचा' और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने झामुमो से अलग होने का बिगुल फूंक दिया।
इस विद्रोह के बाद पहली बार हेमंत सोरेन शुक्रवार को जमशेदपुर पहुंचे। हालांकि इस दौरान उन्होंने अपने चाचा चंपई के इस कदम पर सार्वजनिक रूप से चुप्पी साधे रखी।
सोनारी में पूर्व सांसद सुनील महतो की पुत्री अंकिता महतो के श्रद्धांजलि सभा में पहुंचे हेमंत ने कहा कि यह शोक की घड़ी है, ऐसे में राजनीतिक प्रतिक्रिया देना उचित नहीं होगा। हेमंत ने चंपई सोरेन के मुद्दे पर किसी भी तरह की टिप्पणी करने से परहेज किया।
हालांकि, उन्होंने यह जरूर कहा कि चंपई से उनकी कोई नाराजगी नहीं है और वर्षों पुराने रिश्तों में कटुता की कोई जगह नहीं होती है।
उन्होंने कहा कि झामुमो एक परिवार की तरह है और जिला, प्रखंड या फिर पंचायत स्तर के कार्यकर्ता इस परिवार का सदस्य है। हम सभी सदस्यों व उनके परिजनों के बीच विपरीत परिस्थिति में खड़े रहते हैं।
भाजपा पर साधा निशाना
उधर, रांची में आयोजित भाजपा की आक्रोश रैली पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि जिनके खिलाफ पूरा देश खड़ा है, वहीं आज आक्रोश रैली निकाल रहे हैं। यह भाजपा का एजेंडा रहा है।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, 15 अगस्त को सुनील महतो की पुत्री अंकिता का दिल्ली में इलाज के दौरान निधन हो गया था। शुक्रवार को सोनारी के नार्थ लेआउट स्थित उनके आवास पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया था।
इस मौके पर हेमंत सोरेन अपनी पत्नी कल्पना सोरेन के साथ शाम करीब 3 बजे पहुंचे और श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान मंत्री बेबी देवी, दीपक बिरुवा और दीपिका पांडेय सिंह भी उनके साथ मौजूद रहीं।
सभा में सांसद जोबा मांझी, विधायक निएल पूर्ति, सुखराम उरांव, रामदास सोरेन, मंगल कालिंदी और समीर मोहंती समेत कोल्हान के कई जनप्रतिनिधि भी नजर आए।
पार्टी में कलह, हेमंत की चुनौती
हेमंत का यह दौरा ऐसे समय में हुआ है, जब चंपई सोरेन ने झामुमो से अलग होने का ऐलान कर राज्य की राजनीति में एक नया अध्याय लिख दिया है।
चाचा-भतीजे के बीच छिड़ी जंग ने झारखंड की राजनीति को एक नए मोड़ पर ला खड़ा किया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि हेमंत इस परिस्थिति से कैसे निपटते हैं। क्या वह पार्टी को एकजुट रख पाएंगे या फिर यह कलह उनके लिए बड़ी चुनौती बन जाएगी?