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Jharkhand:जमशेदपुर हिंसा के पीछे कौन! सुबह सबकुछ था सामान्य तो फिर शाम में मंदिर पर कहां से आए नकाबपोश उपद्रवी

Jamshedpur Violence कदमा के शास्त्री नगर ब्लॉक-3 और दो में रविवार को तीन घंटे तक जो बवाल होता रहा इस मामले में 61 लोगों की गिरफ्तारी की गई है। हालांकि इस पूरे उपद्रव के पीछे कौन है इसका पता नहीं लग पाया है।

By Anwesh AmbashthaEdited By: Mohit TripathiUpdated: Tue, 11 Apr 2023 12:57 AM (IST)
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Jamshedpur Violence: आखिर इस बवाल के पीछे कौन है बलवाई।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। Jamshedpur Violence: कदमा के शास्त्री नगर ब्लॉक-3 और दो में रविवार को तीन घंटे तक जो बवाल होता रहा, इस मामले में 61 लोगों की गिरफ्तारी की गई है। लेकिन अभी तक यह प्रश्न बना हुआ है कि आखिर इस बवाल पीछे कौन बलवाई है। किसके इशारे पर शहर का माहौल बिगाड़ने की कोशिश की गई।

पुलिस बैठक में सबकुछ था सामान्य फिर शाम होते कैसै हो गया बवाल

एक आम शहरी यही जानना चाहता है। कारण शनिवार के विवाद के बाद जब रविवार सुबह दोनों पक्ष के बीच बैठक पुलिस की उपस्थिति में हुई थी तो सबकुछ सामान्य था। अचानक शाम छह बजे ऐसा क्या हो गया कि हरवे-हथियार से लैस होकर एक समुदाय के लोग पीपलधारी जटाधारी मंदिर पर पहुंच गए।

चेहरा ढ़ंक रखे थे उपद्रवी

इन सभी उपद्रवियों का चेहरा ढंका हुआ था। मंदिर पहुंचते ही इन उपद्रवी कुर्सियां तोड़नी शुरू कर दिया। इसके साथ ही मंदिर कमेटी के लोगों के साथ मारपीट शुरू कर दी। इसके बाद दोनों पक्ष के लोग आमने-सामने हो गए।

पुलिस फोर्स पर करते रहे पत्थरबाजी

थोड़ी देर बाद फायरिंग होने लगी और दोनों ओर से ईंट-पत्थर चलने लगा। स्थिति को नियंत्रण में करने पुलिस पहुंची तो उन पर भी हमला किया गया। पुलिस भीड़ से जूझती रही लेकिन पत्थरबाज रूकने का नाम नहीं ले रहे थे।

कहां से आए इतने पत्थर

अब सवाल उठता है कि ईट-पत्थर कहां से आए। अचानक तो पत्थर नहीं आ सकते। सड़क किनारे तो इतना पत्थर मिल भी नहीं सकता। हरवे-हथियार कहां से आ गए।

पुलिस को निशाना क्यों बनाया गया। उपद्रव करने वाले मानगो, धतकीडीह, बीएच एरिया और दूसरे क्षेत्र से कैसे घटनास्थल तक पहुंच गए। बिजली गुल कैसे हो गई।

ऑटो से लेकर गैरेज में काम करने वालों का प्राथमिकी में आया नाम

जिस तरीके से उपद्रव को अंजाम दिया गया वह बिल्कुल सुनियोजित था। हालांकि सोमवार को आरोपी गिरफ्तार हो गए और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। राजनीतिक दलों से लेकर ऑटो चलाने और गैरेज में काम करने वालों तक का नाम प्राथमिकी में आया है।

गिरफ्तारी के बाद से शांत है शास्त्री नगर का  माहौल

गिरफ्तारी के बाज से शास्त्री नगर का माहौल शांत हो गया लेकिन साजिश रचने वालों का नाम सामने नहीं आया है। ऐसे में साजिशकर्ता पर्दे के पीछे रहकर लोगों को भड़काता रहेगा और लोग परेशान होते रहेंगे।

जब माहौल बिगड़ जाता है तो पुलिस की कार्रवाई शुरू हो जाती है। सवाल तो कई और हैं, और इन सभी का जवाब आने वाले दिनों में प्रशासन को ढूढ़ना होगा।

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