Jharkhand Politics: पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने सीएम हेमंत सोरेन और बन्ना गुप्ता पर साधा निशाना, लगाए गंभीर आरोप
Jharkhand Political News बाबूलाल मरांडी ने कहा कि इस सरकार का बने रहना राज्य के लिए नुकसानदायक होगा। इसलिए हम अब इस मुद्दे को जनता के बीच ले जाएंगे। पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी होने की वजह से भाजपा 21 से 30 अप्रैल तक शहरी क्षेत्र में आंदोलन करेगी।
जमशेदपुर, जासं। पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी रविवार को जमशेदपुर पहुंचे। यहां परिसदन में पत्रकारों के एक सवाल पर कहा कि सरयू राय बहुत अच्छे नेता हैं। वे मेरे बहुत अच्छे मित्र भी हैं। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री (बन्ना गुप्ता) के जिन कारगुजारियों को उजागर किया है, वह काम तो मुख्यमंत्री पहले ही कर चुके हैं। मैंने सरयू राय से कहा कि ऐसे मुख्यमंत्री से कार्रवाई की क्या उम्मीद करेंगे, जब यही काम उन्होंने भी किया है। उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए खदान लीज का आवंटन अपने और अपने लोगों के नाम करा लिया। जब पकड़े गए तो खान विभाग ने कहा कि मुख्यमंत्री ने आवंटन सरेंडर कर दिया है। हमने राज्यपाल से कहा है कि इस सरकार को बर्खास्त करें। नैतिकता के आधार पर तो मुख्यमंत्री को खुद इस्तीफा दे देना चाहिए।
शहरी क्षेत्र में 21 से शुरू होगा आंदोलन
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि इस सरकार का बने रहना राज्य के लिए नुकसानदायक होगा। इसलिए हम अब इस मुद्दे को जनता के बीच ले जाएंगे। पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी होने की वजह से भाजपा 21 से 30 अप्रैल तक शहरी क्षेत्र में आंदोलन करेगी। उन्होंने कहा कि किसी भी सरकार का पहला दायित्व ला एंड आर्डर नियंत्रित करना होता है, जिसकी हालत बदतर हो गई है। रघुवर दास के कार्यकाल में ऐसा लगा था कि उग्रवाद समाप्त हो गया है, लेकिन इस सरकार में जगह-जगह उग्रवादी अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। सरकार का दूसरा काम विकास होता है, जिसमें यह सरकार पूरी तरह विफल है।
मैं 28 माह ही था मुख्यमंत्री
बाबलूाल मरांडी ने कहा कि इस सरकार को 28 माह हो गए हैं। किसी सरकार को काम करने के लिए यह वक्त कम नहीं होता है। मैं भी 28 माह ही मुख्यमंत्री रहा था। इस सरकार में विधि-व्यवस्था और विकास तो रसातल में चला ही गया, भ्रष्टाचार की अति हो गई है। ऐसा लगता है कि सरकार ने सभी अधिकारियों को वसूली और लूटने में लगा दिया है। ऊपर से नीचे तक सभी लूटने में व्यस्त हैं। बालू निकाल-निकालकर नदी को खाली कर दिया गया है। अब आप ही बताएं कि जो सरकार गलत कार्य कर रही है, क्या उसकी आरती उतारनी चाहिए।
स्थानीयता पर भाजपा का स्टैंड साफ
बाबूलाल ने कहा कि स्थानीयता नीति पर भाजपा का स्टैंड बिल्कुल साफ है। रघुवर दास की सरकार ने 1985 को कटआफ डेट रखा था। इसके तहत तृतीय व चतुर्थ वर्ग की नौकरी में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता मिली थी। अब इस सरकार ने उसे हटाकर नियम लाया कि जो यहां से 10वीं-12वीं की परीक्षा पास करेगा, उसे ही सरकारी नौकरी मिलेगी। यह क्या बात हुई। क्या यहां के बच्चे बाहर पढ़ने नहीं जा सकते। झारखंड की भाषा हिंदी है। सभी सरकारी अधिकारी को किसी एक स्थानीय भाषा में परीक्षा देनी पड़ती है, ताकि वह स्थानीय लोगों से संवाद कर सके। सीधी सी बात है कि जिस जिले में जो भाषा बोली जाती है, बोले। अब हेमंत सरकार भाषा के नाम पर पूरे राज्य का माहौल बिगाड़ रही है।