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Jharkhand Weather: बढ़ी ठंड... 15 डिगी सेल्सियस से नीचे लुढ़का तापमान, अलर्ट जारी; हो सकती हैं ये बीमारियां

Jharkhand Weather News झारखंड में ठंड ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। कई इलाकों में न्यूनतम तापमान 15 डिगी सेल्सियस से नीचे आ चुका है। इस मौसम में कई बीमारियां बढ़ जाती है जिसकी वजह से आपको बेहद सतर्क रहने की जरूरत है। अस्पतालों में ठंड से संबंधित मरीजों की संख्या में 12 से 15 प्रतिशत बढ़ोतरी देखी जा रही है।

By Amit KumarEdited By: Aysha SheikhUpdated: Mon, 30 Oct 2023 08:22 AM (IST)
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Jharkhand Weather: बढ़ी ठंड... 15 डिगी सेल्सियस से नीचे लुढ़का तापमान, अलर्ट जारी; हो सकती हैं ये बीमारियां
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। शहर में ठंड की शुरुआत हो चुकी है। तापमान लगातार गिर रहा है। ऐसे में लोगों को अधिक सतर्क रहने की जरूरत है। इस मौसम में कई सारी बीमारियां बढ़ जाती है, जिसे देखते हुए जिला सर्विलांस विभाग ने भी लोगों को अलर्ट किया है।

झारखंड के कई इलाकों में न्यूनतम तापमान 15 डिगी सेल्सियस से नीचे आ चुका है। वहीं, उत्तर से आ रही सर्द हवाओं की वजह से सुबह और शाम में ठंड का एहसास होने लगा है। मौसम विभाग के अनुसार, राज्य में अगले पांच दिनों तक मौसम शुष्क रहने की संभावना है।

सुबह में धुंध और कोहरे का असर

इसके साथ ही कुछ स्थानों पर सुबह में धुंध और कोहरे का भी असर देखने को मिल सकता है। अक्टूबर महीने में रांची के न्यूनतम तापमान में भी करीब 7 डिग्री सेल्सियस की गिरावट देखने को मिली है। वहीं, नवंबर महीने की शुरुआत के साथ ही ठंड में और बढ़ोतरी की भी संभावना जताई जा रही है।

डेंगू अभी खत्म नहीं हुआ कि विभाग को स्वाइन फ्लू की चिंता सताने लगी हैं। नवंबर से जनवरी माह के बीच स्वाइन फ्लू के मरीज अधिक मिलते हैं। इधर, कोल्हान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एमजीएम सहित अन्य अस्पतालों में ठंड से संबंधित मरीजों की संख्या में 12 से 15 प्रतिशत बढ़ोतरी देखी जा रही है।

ठंड में होने वाली बीमारी

  • जुकाम और बुखार : सर्दी के मौसम में जुकाम और बुखार सबसे आम बीमारी है। बदलते मौसम या किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से कम प्रतिरक्षा वाले व्यक्ति व बच्चों पर सीधा असर पड़ता है। कमजोरी, नाक बंद, छींकना, सिरदर्द, शरीर में दर्द, खांसी आदि इसका सामान्य लक्षण हैं।
  • टांसिल का बढ़ना : इस मौसम में टांसिल बढ़ जाता है। दरअसल, टांसिल तब बढ़ता है जब गले के पीछे दो अंडाकार आकार के टिशू पैड्स में सूजन आ जाती है। इस सूजन की वजह से टांसिल बढ़ जाते हैं।
  • कान का इंफेक्शन : अत्यधिक ठंड और नमी से कान के इंफेक्शन का जोखिम बढ़ जाता है। तीव्र कान का संक्रमण सर्दी की एक आम समस्या है, जो रातों-रात हो सकती है।
  • जोड़ों में दर्द : सर्दियों में जोड़ों के दर्द बढ़ जाता है। सर्दियों में वायुमंडलीय दबाव में गिरावट के साथ शरीर में ''''पेन रिसेप्टर्स'''' अधिक संवेदनशील हो जाते हैं, जिसकी वजह से टिशूज़ में सूजन आ जाती है और जोड़ों में दर्द होने लगता है।
  • ब्रोंकाइटिस : छोटे बच्चों और शिशुओं में यह बीमारी अधिक देखा जाता है। इस दौरान फेफड़ों में संक्रमण (वायरल) हो जाता है। यह एक गंभीर स्थिति है क्योंकि इसकी वजह से फेफड़ों के सबसे छोटे वायु मार्ग में बलगम बनने लगता है।
  • स्वाइन फ्लू : नवंबर से जनवरी माह के बीच स्वाइन फ्लू के मरीज सबसे अधिक देखने को मिलते हैं। स्वाइन इंफ्लूएंजा एक संक्रामक सांस की रोग है जो कि सामान्य रूप से केवल सूअरों को प्रभावित करती है।
  • हार्ट अटैक व ब्रेन स्ट्रोक : ठंड के मौसम में हार्ट अटैक व ब्रेन स्ट्रोक के मामले 10 से 15 प्रतिशत बढ़ जाते हैं। ऐसे में इससे संबंधित मरीजों को काफी सावधानी बरतने की जरूरत होती है।

ठंड के मौसम में कई सारी बीमारी बढ़ने का खतरा रहता है। ऐसे में सभी अस्पतालों को नियमित रूप से रिपोर्टिंग करने को कहा गया है। - डॉ. असद, जिला महामारी रोग विशेषज्ञ

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