Jharkhand Heavy Rain Alert: झारखंड में छाया मानसून, 6 अगस्त तक जमकर बरसेंगे बादल; कई जिलों में अलर्ट
झारखंड में मानसून अब पूरी तरह से एक्टिव हो गया है। मौसम विभाग ने बताया है कि अगले 4 दिनों तक पूरे राज्य में झमाझम बारिश के आसार हैं। मौसम विभाग ने चार अगस्त तक पूर्वी सिंहभूम पश्चिम सिंहभूम और सरायकेला खरसावां जिलों में गरज-चमक के साथ भारी वर्षा की चेतावनी जारी की है। तीन और चार अगस्त को कई हिस्सों में वज्रपात की संभावना भी व्यक्त की गई है।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। झारखंड में मानसून (Jharkhand Monsoon Update) पूरी तरह से सक्रिय है और अगले चार दिनों तक राज्य के अधिकांश हिस्सों में झमाझम वर्षा की संभावना है। जमशेदपुर में गुरुवार को 10.6 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई। लगातार हो रही बारिश से जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है और निचले इलाकों में रहने वाले लोग बाढ़ के खतरे से चिंतित हैं।
प्रकृति के रौद्र रूप को धारण करते हुए झारखंड समेत जमशेदपुर में मानसून ने अपना प्रकोप दिखाना शुरू कर दिया है। कोल्हान समेत राज्य के अधिकांश जिलों में अगले चार दिनों तक मूसलाधार वर्षा का अनुमान है।
इन जिलों में अलर्ट जारी
मौसम विभाग ने चार अगस्त तक पूर्वी सिंहभूम, पश्चिम सिंहभूम और सरायकेला खरसावां जिलों में गरज-चमक के साथ भारी वर्षा की चेतावनी जारी की है। तीन और चार अगस्त को राज्य के कई हिस्सों में वज्रपात और भारी वर्षा होने की संभावना भी व्यक्त की गई है।जमशेदपुर शहर में जलजमाव की स्थिति
जमशेदपुर में गुरुवार को 10.6 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई। शहर का अधिकतम तापमान 30.3 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 25.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। लगातार हो रही बारिश के कारण शहर के कई इलाकों में जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। नालियों के अवरुद्ध होने के कारण पानी सड़कों पर बह रहा है, जिससे आवागमन में कठिनाई हो रही है।
सामान्य से कम हुई वर्षा
राज्य में इस वर्ष मानसून की अनियमितता चिंता का विषय बनी हुई है। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, एक जून से एक अगस्त के बीच झारखंड में औसतन 517 मिलीमीटर वर्षा होनी चाहिए थी, लेकिन इस अवधि में मात्र 321.9 मिलीमीटर वर्षा ही हुई है। यह सामान्य वर्षा से 38 प्रतिशत कम है।इस वर्षा की कमी से किसानों की चिंता बढ़ गई है, क्योंकि खेती के लिए पर्याप्त जल की आवश्यकता होती है। वहीं, निचले इलाकों में रहने वाले लोग बाढ़ के खतरे से सहमे हुए हैं। नदियों का जलस्तर बढ़ने की आशंका है, जिससे इन इलाकों में जलभराव हो सकता है। प्रशासन द्वारा स्थिति पर नजर रखी जा रही है और आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए तैयारी की जा रही है।
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