Job Bonanza for Freshers : गोल्डमैन सैक्स, पीडब्ल्यूसी, टीसीएस में होगी बंपर बहाली, आप भी रहें तैयार
Bumper Vacancy कोरोना संक्रमण ने लाखों लोगों की नौकरियां लील ली। लेकिन जैसे-जैसे संक्रमण की रफ्तार कम हो रही है नौकरियों की बहार आ रही है। टीसीएस विप्रो एचसीएल जैसी कंपनियां लाखों लोगों को नौकरी देने जा रही है। समझ जाइए अच्छे दिन आने वाले हैं....
By Jitendra SinghEdited By: Updated: Fri, 24 Sep 2021 09:30 AM (IST)
जमशेदपुर। कोरोना संक्रमण का दंश नौकरीपेशा ने खूब झेला। इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थिति ऐसी थी कि एजुकेशन लोन लेकर लाखों लगाने वाले युवा सही प्लेसमेंट नहीं होने के कारण सड़क पर आ गए। अब वैसे युवाओं के दिन बहुरने वाले हैं।
इंजीनियरिंग कॉलेजों के बहुरने लगे दिन
विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों की कई कंपनियों ने इंजीनियरिंग कॉलेजों से भर्ती में 100% की वृद्धि की है। टेक सेक्टर ने कोरोना को आपदा में अवसर में बदल दिया। नतीजा, डिजिटल क्रांति की शुरुआत हो चुकी है। कंपनियों में टैलेंट की भारी मांग है, जो डिजिटल परिवर्तन की तीव्र गति से प्रेरित है।
गोल्डमैन सैक्स, पीडब्ल्यूसी, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस), बायजू, टाटा स्टील, इंफोसिस जैसी कई भारतीय और बहुराष्ट्रीय कंपनियों में शामिल हैं, जिन्होंने ऑन और ऑफ-कैंपस कर फ्रेशर्स को भर्ती कर रही है।
45 हजार ग्रेजुएट लेने जा रही Cognizant
कॉग्निजेंट (Cognizant) 2022 में 45,000 ग्रेजुएट को नौकरी देने को तैयार है, जो 2021 में 30,000 से अधिक है। पीडब्ल्यूसी (PWC) इस साल अपनी भर्ती को दोगुना कर रही है। गोल्डमैन सैक्स (Goldman Sachs) 600 इंजीनियरों को नियुक्त करेगा, और इंफोसिस (Infosys) पिछले साल की तुलना में 2021 में 24,000 फ्रेशर्स को काम पर रखेगा।
एक लाख 20 हजार नौकरियां देने जा रही टेक कंपनियां
पहले यह बताया गया था कि भारतीय तकनीकी क्षेत्र के बड़े चार टीसीएस (TCS), इंफोसिस, एचसीएल (HCL) टेक्नोलॉजीज और विप्रो (Wipro)- वित्तीय वर्ष 2021-22 में सामूहिक रूप से 120,000 से अधिक नए ग्रेजुएट को नौकरी देंगे, जिनमें से ज्यादातर भारत के होंगे।
सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट का दबदबा जारी
टेक सेक्टर के जॉब मार्केट में सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट का दबदबा जारी है। कंपनियां ऐसे उम्मीदवारों की भी तलाश कर रही हैं, जो नए जमाने के कौशल सीखने में तेज हों, जहां प्रतिभा की कमी हो। कॉग्निजेंट इंडिया के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट, एचआर शांतनु झा ने बताया कि कंपनी बड़ी संख्या में एडवांस प्रोग्रामिंग स्किल्स वाले स्टूडेंट्स को रिक्रूट करने पर फोकस कर रही है, जिन्हें फुल स्टैक इंजीनियर्स, डेटा साइंटिस्ट, एएल/एमएल डेवलपर्स और साइबर सिक्योरिटी के लिए तैयार किया जा सकता है।
टाटा स्टील का जोर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर
रिपोर्ट में टाटा स्टील के प्रवक्ता के हवाले से कहा गया है कि कुछ तकनीकी फ्रेशर्स को एनालिटिक्स और इनसाइट्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग में भूमिकाएं सौंपी जाएंगी। यह ऐसा क्षेत्र हैं, जहां प्रतिभाओं की कमी के कारण संकट का सामना करना पड़ रहा है।
गोल्डमैन सैक्स भी इंजीनियरों को कर रही हायर
वित्तीय दिग्गज गोल्डमैन सैक्स देश भर के इंजीनियरिंग छात्रों को काम पर रखने के लिए 'इंजीनियरिंग कैंपस हायरिंग प्रोग्राम' जैसी और ऑफ-कैंपस हायरिंग गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करते हुए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) और राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (एनआईटी) से विशेष इंजीनियर हायर करने की तैयारी कर रही है।भारत में गोल्डमैन सैक्स सर्विसेज के ह्यूमन कैपिटल मैनेजमेंट की सह-प्रमुख दीपिका बनर्जी ने कहा, "हम भारत में इंजीनियरिंग प्रतिभा के लिए अपने कैंपस हायरिंग कोशिशों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जो हमारी व्यावसायिक आवश्यकताओं के अनुरूप है। इस वर्ष 600 इंजीनियरिंग कैंपस हायरिंग की योजना बनाई गई है। यह सॉफ्टवेयर विकास, क्लाउड, साइबर सुरक्षा और प्रोडक्ट इंजीनियरिंग में भूमिकाओं के लिए काम पर रखेगा। स्टार्टअप, आईटी/आईटीईएस फर्म, स्टार्टअप और सॉफ्टवेयर कंपनियां नए इंजीनियरिंग टैलेंट को हायर करने की दौड़ में सबसे आगे हैं क्योंकि बैंकों और कंसल्टेंसी जैसे क्षेत्रों में मांग बढ़ रही है।
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