Jusco: जुस्को में जॉब फॉर जॉब स्कीम शुरू, ये रही पूरी जानकारी
Jusco. जुस्को में दस वर्षों तक स्थायी नौकरी कर चुके कर्मचारी अपने आश्रित (बेटा बेटी दामाद बहू) को तभी अपनी नौकरी दे सकते हैं जब उनकी उम्र 18 से 40 वर्ष के बीच हो।
जमशेदपुर, जागरण संवाददाता। टाटा स्टील की अनुषंगी इकाई, जमशेदपुर यूटिलिटिज एंड सर्विसेज कंपनी लिमिटेड (जुस्को) में दस माह बाद फिर से जॉब फॉर जॉब स्कीम को प्रभावी किया गया है। जुस्को में दस वर्षों तक स्थायी नौकरी कर चुके कर्मचारी अपने आश्रित (बेटा, बेटी, दामाद, बहू) को तभी अपनी नौकरी दे सकते हैं जब उनकी उम्र 18 से 40 वर्ष के बीच हो।
जुस्को श्रमिक यूनियन अध्यक्ष रघुनाथ पांडेय व महासचिव वीडी गोपाल ने शनिवार सुबह यूनियन कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस कर यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इंजीनियङ्क्षरग, डिप्लोमा, बीटेक, आइटीआइ करने वाले कर्मचारी पुत्रों को दो वर्ष का अपरेंटिस प्रशिक्षण के बाद जेएस-2 (जुस्को सुपरवाइजर) ग्रेड में जबकि मैट्रिक पास वाले कर्मचारी पुत्र प्रशिक्षण के बाद जूनियर टेक्नीकल असिस्टेंट जेडब्ल्यू-4 ग्रेड पर बहाल होंगे। यदि इंजीनियरिंग, डिप्लोमा व आइटीआइ करने वाले कर्मचारी पुत्रों ने नेशनल अपरेंटिसशिप सर्टिफिकेस के तहत ऑल इंडिया ट्रेड टेस्ट पास किया है तो उन्हें केवल एक वर्ष का प्रशिक्षण करना पड़ेगा।
परीक्षा में पास होने के लिए मिलेगा दो बार मौका
अगर कर्मचारी पुत्र प्रशिक्षण में फेल होंगे तो उन्हें परीक्षा में पास होने के लिए और दो बार मौका मिलेगा। इसके बावजूद भी अगर वे फेल हुए तो जेएस-2 वाले जेडब्ल्यू-4 में जबकि मैट्रिक पास वाले जेडब्ल्यू-1 में बहाल होंगे। लेकिन प्रशिक्षण में सफल होने के बाद जेएस-2 स्तर के कर्मचारियों को 20150 रुपये जबकि जेडब्ल्यू-4 वालों को 16050 रुपये बेसिक मिलेंगे। जबकि जेडब्ल्यू-1 वालों को 13450 रुपये बेसिक मिलेंगे। वहीं, अपने आश्रित को नौकरी देने वाले कर्मचारियों को 60 वर्ष तक प्रतिमाह दस हजार रुपये उनके खर्चे के लिए मिलेंगे। इस राशि में प्रतिवर्ष 250 रुपये की बढ़ोतरी होगी। कोई भी कर्मचारी जॉब फॉर जॉब स्कीम के लिए एक जून से 31 अगस्त 2019 तक अपने विभाग के एचआर के समय इसके लिए आवेदन दे सकते हैं।
जॉब फॉर जॉब की महत्वपूर्ण जानकारियां
स्टाइपेंड : अपरेंटिस एक्ट के तहत प्रशिक्षण करने वाले कर्मचारियों को स्टाइपेंड मिलेगा। डिप्लोमा वालों को प्रतिमाह 7000 जबकि मैट्रिक पास वालों को पहले वर्ष में 5400 व दूसरे वर्ष में 6100 रुपये मिलेंगे।
न्यूनतम योग्यता : मैट्रिक में अंग्रेजी, साइंस व गणित में पास हो।
सलेक्शन प्रक्रिया : कंपनी द्वारा मान्यता प्राप्त मेडिकल ऑथिरिटी या बोर्ड से मेडिकल जांच के बाद ही प्रशिक्षण प्रक्रिया शुरू होगी।
देना होगा इस्तीफा : यदि संबधित कर्मचारी के आश्रित प्रशिक्षण के लिए चयनित होते हैं तो उन्हें कंपनी में कार्यरत अपने पद से इस्तीफा देना होगा।
क्वार्टर सुविधा : प्रशिक्षण के बाद स्थायी होने के बाद पिता का ही क्वार्टर आवंटित हो जाएगा। नहीं तो जूनियर इंजीनियर, जूनियर टेक्नीकल असिस्टेंट, जूनियर फील्ड अटेंडेंट को कंपनी नियमों के तहत म्युनिसिपल चार्ज, बिजली, पानी सहित घर का भाड़ा मिलेगा।
मेडिकल सुविधा : अपने आश्रित को नौकरी देने वाले कर्मचारियों को तब तक कंपनी से मेडिकल सुविधा मिलती रहेगी जब तक उनके बच्चे कंपनी में स्थायी नहीं हो जाते। इस दौरान पति, पत्नी, अविवाहित बेटी को मेडिकल सुविधा व विवाहित बेटी की पहली डिलीवरी की सुविधा मिलेगी। अगर माता-पिता भी प्रायोजित कर्मचारी के साथ रहते हैं तो उन्हें भी मेडिकल सुविधा मिलेगी। वहीं, प्रशिक्षण अवधि तक केवल प्रशिक्षु को टीएमएच में मेडिकल सुविधा मिलेगी।
अन्य सुविधाएं : ट्रेनिंग के बाद स्थायी होने के बाद जेएस व जेडब्ल्यू ग्रेड वाले कर्मचारियों को बेसिक वेतन के अलावे फिक्सड व वेरिएबल डीए एलाउंस, वार्षिक इंक्रीमेंट, हाउस रेंट एलाउंस, ट्रांसपोर्ट सब्सिडी, ट्रांसपोर्ट एलाउंस, वाहन भत्ता, रात्रि भत्ता, यूटिलिटी एलाउंस, लीव ट्रैवल्स एलाउंस (एलटीसी), एक्टिंग एलाउंस, लीव बेनीफिट, इम्प्लाई कॉम्पनसेशन बेनीफिट, लाइफ कवर स्कीम, मेडिकल सुविधा, ग्रेच्युटी, वार्षिक बोनस सहित अन्य सुविधाओं का लाभ मिलेगा।
दस माह से बंद थी स्कीम
जुस्को में पिछले दस माह से जॉब फॉर जॉब स्कीम बंद थी। कर्मचारियों के डिमांड के बाद इसमें और सुधार के साथ पहली जून से प्रभावी किया जा रहा है। अब अपने आश्रित को नौकरी देने वाले कर्मचारियों को प्रतिमाह छह हजार के बदले दस हजार रुपये मिलेंगे और इसमें प्रतिवर्ष 250 रुपये की बढ़ोतरी भी होगी।
-रघुनाथ पांडेय, अध्यक्ष, जुस्को श्रमिक यूनियन
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