Job Market : परमानेंट वर्क फ्रॉम होम के लिए 18 लाख नौकरियां कर रही इंतजार, हो जाएं तैयार
Job Alert कंपनियों ने वर्क फ्रॉम होम इजाद किया। हालांकि दो साल के बाद फिर कर्मचारियों को ऑफिस बुलाया जा रहा है। ऐसे में कई ऐसे युवा है जो परमानेंट वर्क फ्रॉम होम की तलाश कर रहे हैं। इसके लिए 18 लाख जॉब आपका इंतजार कर रहा है...
जमशेदपुर : भले ही कर्मचारी शारीरिक रूप से कार्यालयों में नहीं आ रहे हैं पर हेल्थ बेनीफिट के साथ-साथ प्रोडक्टिविटी भी बढ़ गई है। वर्क फ्राम होम की नौकरियां तेजी से लोकप्रियता प्राप्त कर रही है, खासकर सॉफ्टवेयर क्षेत्र में। आपके पास अगर कई तकनीकी कौशल है तो आपको घर में बैठकर ही नौकरियां कर सकते हैं। भारत में ही ऐसी नौकरियों की संख्या 18 लाख से ऊपर है।
Naukri.com पर 57 प्रतिशत लोगों ने खोजी वर्क फ्रॉम नौकरी
Naukri.com पर 93,000 से अधिक स्थाई और अस्थाई रिमोट सर्विस यानि वर्क फ्रॉम होम को लिस्टिंग किया गया। इसमें से 22% नौकरियां केवल परमानेंट रिमोट रोल के लिए हैं। जॉब लिस्टिंग की तरह जॉब सर्च का परिणाम समान रूप से स्पष्ट और दिलचस्प हैं।
पिछले छह महीनों की अवधि में जॉब सर्च पोर्टल ने भारत में नौकरी खोजने वालों ने स्थाई और अस्थाई रिमोट जॉब (वर्क फ्रॉम होम) के लिए 3.2 मिलियन से अधिक सर्च किया गया। इनमें से लगभग 57% सर्च स्थाई रूप से वर्क फ्रॉम होम के लिए थी।
Naukri.com ने कहा कि Amazon, Tech Mahindra Ltd, HCL Technologies Ltd, PWC, Trigent, Flipkart, Siemens, Deloitte, Oracle, Zensar Technologies Ltd, Tata Consultancy Services Ltd और Capgemini जैसी कंपनियां अस्थाई और स्थाई रिमोट जॉब पोस्ट कर रही हैं। वैश्विक स्तर पर, स्लैक, ट्विटर, स्पॉटिफाई और टाटा स्टील जैसे संगठनों ने कर्मचारियों को दूरस्थ रूप से काम करना जारी रखने का विकल्प दिया है।
वर्क फ्रॉम होम के लिए ये कौशल आवश्यक
डेटा साइंस, साफ्टवेयर डेवलपर, डिजाइनर, उत्पाद प्रबंधक, तकनीकी लेखक, प्रोग्रामर के लिए नियोक्ता ने वर्क फ्रॉम होम में स्थाई आधार की नौकरी प्रदान की है। टीमलीज के डेटा से पता चला है कि अधिकत्तर कंपनियां इन्हीं कौशल को वर्क फ्रॉम होम के लिए स्थाई प्रवृत्ति की नौकरी मान रही है।
WFH और विभिन्न कंपनियों के पेशेवरों की कार्य नीतियां
फ्लेक्सजॉब्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, वर्क फ्रॉम होम में रिकर्मचारी तनाव के कम स्तर के कारण अधिक खुश और अधिक वफादार होते हैं। टीमलीज डिजिटल के बिजनेस हेड-आईटी स्टाफिंग शिव प्रसाद नंदूरी ने कहा कि वर्क फ्रॉम होम के कुछ फायदे हैं, जैसे बुनियादी ढांचे की लागत में कमी, कर्मचारी को नौकरी छोड़कर जाने में कमी।
नंदूरी ने यह भी कहा कि फ्रेशर्स के लिए WFH एक बड़ा नुकसान है क्योंकि काम को सहयोग से अधिक लेनदेन के रूप में देखा जाता है और यह उनके करियर के विकास में बाधा बन सकता है। जमशेदपुर के वित्त विशेषज्ञ अनिल कुमार गुप्ता ने कहा कि अब कंपनियां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-आधारित टैलेंट मार्केटप्लेस का लाभ उठा रही है, ताकि आंतरिक रूप से गिग वर्कर्स की पहचान की जा सके।
महिलाओं व दिव्यांग कर्मचारी भी वर्क फ्रॉम होम से जुड़े
महामारी के शुरुआती चरणों में ही जेनसर टेक्नोलॉजी ने कहीं से भी काम करने की पहल शुरू की, जिससे कई लाभ हुए। इस पहल का एक सबसे बड़ा लाभ यह है कि कंपनी को विभिन्न प्रकार की प्रतिभाओं तक पहुंच हो गई, जो स्थान के कारण हमारी पहुंच से बाहर हो सकते हैं। इससे कंपनी को उन लोगों को भर्ती करने में भी मदद मिली है जो करियर ब्रेक पर थे, जिनमें ज्यादातर महिला कर्मचारी और दिव्यांग थे।