JMM के अंदर क्या पक रही खिचड़ी? अपने ही प्रचार कार्यक्रम से नदारत जोबा मांझी, दौड़-भागकर चंपई अकेले कर रहे फील्डिंग
Lok Sabha Election 2024 सिंहभूम लोकसभा क्षेत्र से झामुमो प्रत्याशी जोबा मांझी के लिए मुख्यमंत्री चंपई सोरेन जमकर प्रचार-प्रसार कर रहे हैं लेकिन एक भी कार्यक्रम में जोबा खुद उपस्थित नहीं हो रही हैं। कार्यक्रमों में उनका न शामिल होना कई सवालों को जन्म दे रहा है। इधर भाजपा प्रत्याशी लगातार पार्टी के कार्यक्रमों के साथ-साथ अपना जनसंपर्क अभियान भी चला रही है।
वेंकटेश्वर राव, जमशेदपुर। Lok Sabha Election 2024: मुख्यमंत्री चंपई सोरेन (Champai Soren) ने सरायकेला विधानसभा का 13 से लेकर 16 अप्रैल तक कुल चार दिनों तक मैराथन दौरा किया। इस दौरान सभी प्रखंडों में कार्यकर्ताओं के साथ संवाद स्थापित किया। 13 एवं 14 को आदित्यपुर के विभिन्न क्षेत्रों का भ्रमण किया, 15 अप्रैल को राजनगर में तथा 16 अप्रैल को सरायकेला में कार्यकर्ताओं के साथ सीधा संवाद किया। चौदह अप्रैल को आदित्यपुर में इंडी महागठबंधन की बैठक भी आयोजित की गई।
जोबा मांझी की जीत के लिए प्रयासरत चंपई
प्रत्येक स्थान पर पार्टी प्रत्याशी जोबा मांझी (Joba Manjhi) की जीत सुनिश्चित करने को कहा, लेकिन एक भी कार्यक्रम में झामुमो प्रत्याशी जोबा मांझी का शामिल न होना कई सवालों का जन्म दे रहा है। इधर भाजपा प्रत्याशी लगातार पार्टी के कार्यक्रमों के साथ-साथ अपना जनसंपर्क अभियान भी चला रही है।उधर जोबा के कार्यक्रमों में न शामिल होने को लेकर कई कार्यकर्ता दबी जुबान से कहने लगे हैं कि पार्टी प्रत्याशी का न आना किसी भी दृष्टिकोण से सही नहीं है। यह बात उन्हें हजम नहीं हो रही है कि क्या चार दिनों तक झामुमो के सिंहभूम सीट के प्रत्याशी जोबा मांझी को समय ही नहीं मिला या उन्हें फिर आने के लिए कहा ही नहीं गया।
कार्यकर्ताओं की अंदरूनी राजनीति समझ से परे
कार्यकर्ताओं को अंदरूनी राजनीति समझ में ही नहीं आ रही। चंपई की चुनावी पाठशाला के बावजूद कार्यकर्ताओं के बीच जोबा मांझी के न आने की बात कोई नहीं पचा रहा है। यह चर्चा अब आम हो गई है। कार्यकर्ता संवाद में प्रत्याशी का इंतजार करते भी देखे गए, मगर वह नहीं आई।इसका फायदा विरोधी भी उठाने लगे हैं। इस संबंध में जब सरायकेला-खरसावां के झामुमो जिलाध्यक्ष सुबेंदु महतो से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह उन्हें नहीं मालूम कि पार्टी प्रत्याशी जोबा मांझी क्यों नहीं आई। शायद वह व्यस्त रही होगी। मालूम हो कि हो समाज झामुमो (JMM) प्रत्याशी का विरोध लगातार कर रहा है।
हो समाज को अपने पक्ष में लाने की काेशिश
गम्हरिया के मोहनपुर की घटना को हो समाज ने गंभीरता से लिया है। समाज के प्रबुद्ध लोग इसे गंभीरता से ले रहे हैं। हो समाज और संताल समाज के बीच इसे लेकर जंग छिड़ी हुई है।लगातार हो समाज की बैठकों में इस घटना का जिक्र किया जा रहा है और इसे हो समाज को नीचा दिखाने का प्रयास बताया जा रहा है। भाजपा (BJP) भी इस चीज को भांप चुकी है। वह हो समाज को अपने पक्ष में लाने की पूरी कोशिश कर रही है।
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