Jugsalai sabha Chunav Result: जुगसलाई में वोटों की गिनती जारी, मंगल कालिंदी और रामचंद्र सहिस के बीच कड़ी टक्कर
Jugsalai election Result जुगसलाई में वोटों की गिनती जारी है। जुगसलाई विधानसभा सीट पर झामुमो के मंगल कालिंदी और आजसू के रामचंद्र सहिस के बीच सीधा मुकाबला है। मंगल कालिंदी 2019 में इस सीट पर विजयी हुए थे और सहिस को तीसरे स्थान पर धकेल दिया था। सहिस के लिए यह चुनाव सिर्फ जीत नहीं बल्कि राजनीतिक अस्तित्व की लड़ाई है।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। जुगसलाई विधानसभा सीट झारखंड के चुनावी रण में एक बार फिर सियासी दिलचस्पी का केंद्र बनी हुई है। यहां झामुमो के मंगल कालिंदी और आजसू के रामचंद्र सहिस के बीच सीधा मुकाबला है।
मंगल कालिंदी 2019 में इस सीट पर विजयी हुए थे और सहिस को तीसरे स्थान पर धकेल दिया था। 2019 के चुनाव में भाजपा और आजसू का गठबंधन न होना झामुमो के लिए वरदान साबित हुआ। सहिस, जो 2009 और 2014 में लगातार जीत दर्ज कर चुके थे, इस बार वापसी के लिए पूरी ताकत झोंक चुके हैं।
2019 में मंगल को मिली थी 41.50 प्रतिशत वोट
2019 के विधानसभा चुनाव में मंगल कालिंदी ने 88,581 वोट (41.50%) प्राप्त कर बाजी मारी थी। उनके प्रमुख प्रतिद्वंदी भाजपा के मुचीराम बाउरी को 66,647 वोट (31.30%) और रामचंद्र सहिस को 46,779 वोट (21.90%) ही मिले थे। यह तब हुआ जब सहिस ने 2014 और 2009 में लगातार जीत दर्ज की थी।2019 में भाजपा और आजसू अलग-अलग चुनाव लड़ने के कारण वोटों का बंटवारा हुआ। भाजपा को सहिस से अधिक वोट मिले और वह दूसरे स्थान पर रही। सहिस की पराजय में 18.40 प्रतिशत वोट प्रतिशत की गिरावट ने उन्हें तीसरे स्थान पर ला दिया। यह सीट हमेशा से चुनावी उलटफेर का गवाह रही है, और मंगल कालिंदी ने इस परंपरा को जारी रखते हुए झामुमो को जीत दिलाई।
सहिस के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई
रामचंद्र सहिस, जो 2009 और 2014 में विजयी हुए थे, इस बार वापसी के लिए आतुर हैं। उनकी चुनौती सिर्फ मंगल कालिंदी तक सीमित नहीं है, बल्कि उन्हें भाजपा और झामुमो के बीच ध्रुवीकरण का सामना करना पड़ रहा है। सहिस के लिए यह चुनाव सिर्फ जीत नहीं, बल्कि राजनीतिक अस्तित्व की लड़ाई है।मंगल कालिंदी की चुनौती
मंगल कालिंदी के सामने इस बार सीट को बरकरार रखने की चुनौती है। 2019 में उनकी जीत झामुमो के बढ़ते प्रभाव और भाजपा-आजसू के टूटे गठबंधन का नतीजा थी। इस बार भाजपा और आजसू गठबंधन में हैं, जिससे लड़ाई और कठिन हो गई है।
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