Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

CM चंपई सोरेन से केंद्रीय मंत्री सिंधिया करेंगे बात, क्या कैबिनेट विस्तार से पहले इस मुद्दे का हो पाएगा समाधान?

Jharkhand Politics झारखंड में कैबिनेट विस्तार को लेकर सियासी हलचल तेज है। इस बीच धालभूमगढ़ हवाई अड्डे का मुद्दा एक बार फिर उठ गया है। इसे जमशेदपुर सीट से लोकसभा में सांसद बिद्युत बरण महतो ने उठाया है। उनका कहना है कि इस मामले को लेकर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के बीच जल्द ही बातचीत होगी।

By Birendra Kumar OJha Edited By: Yogesh Sahu Updated: Sat, 10 Feb 2024 10:48 AM (IST)
Hero Image
CM चंपई सोरेन से केंद्रीय मंत्री सिंधिया करेंगे बात, क्या कैबिनेट विस्तार से पहले इस मुद्दे का हो पाएगा समाधान?

जासं, जमशेदपुर। धालभूमगढ़ में प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा के मुद्दा को दैनिक जागरण लगातार प्रमुखता से उठा रहा है। इसी मुद्दे पर सांसद बिद्युत बरण महतो शुक्रवार को नई दिल्ली में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से मिले।

इस दौरान उनसे पूर्वी सिंहभूम जिला स्थित धालभूमगढ़ में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा का निर्माण कराने के लिए बात की। सांसद ने राज्य सरकार से वार्ता कर वन विभाग से अनापत्ति प्रमाणपत्र के लिए वार्ता करने का आग्रह किया।

सांसद ने केंद्रीय मंत्री को इस बाबत ज्ञापन सौंपकर कहा कि यहां एयरपोर्ट का निर्माण संपूर्ण कोल्हान क्षेत्र एवं बंगाल सहित ओडिशा के लिए वरदान साबित होगा।

अतः स्वयं इस मामले में पहल कर राज्य सरकार से वार्ता कर इसका मार्ग प्रशस्त करें। सांसद ने बताया कि इस संबंध में सिंधिया ने सकारात्मक पहल का आश्वासन दिया है। अब देखना होगा कि झारखंड में कैबिनेट विस्तार से पहले इस मामले का समाधान निकलता है या नहीं।

उल्लेखनीय है कि सांसद महतो ने छह फरवरी को ही लोकसभा में धालभूमगढ़ एयरपोर्ट के मामले को उठाया था। उन्होंने आश्चर्य व्यक्त किया था कि जिस एलिफेंट कॉरिडोर का हवाला देकर एयरपोर्ट का काम रोका गया है, वहां किसी ने आज तक हाथी का विचरण नहीं देखा है।

पूर्व केंद्रीय उड्डयन राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने किया था शिलान्यास

सांसद बिद्युत बरण महतो ने छह फरवरी को लोकसभा में एयरपोर्ट का मुद्दा उठाया था। उस समय सांसद ने कहा था कि केंद्र सरकार ने धालभूमगढ़ एयरपोर्ट के निर्माण को स्वीकृति प्रदान की थी।

एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने इसके लिए लगभग 100 करोड़ रुपये आवंटित भी किए थे। स्वीकृति के बाद जनवरी 2019 में तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास एवं पूर्व राज्यमंत्री (नागरिक उड्डयन मंत्रालय) जयंत सिन्हा ने एयरपोर्ट का शिलान्यास किया था।

परंतु, दुर्भाग्य की बात है कि वन विभाग की ओर से एनओसी नहीं मिलने के कारण एयरपोर्ट का काम शुरू नहीं हो सका है।

एक वर्ष पूर्व भी लोकसभा में उठाया था मुद्दा

इस मामले को सांसद ने सात फरवरी 2023 को भी लोकसभा में उठाया था, जिसके जवाब में राज्यमंत्री नागरिक उड्डयन मंत्रालय जनरल डॉ. वीके सिंह ने बताया था कि पर्यावरण मूल्यांकन समिति के अनुसार प्रस्तावित स्थल जंगल में पड़ता है, जहां बड़ी संख्या में हाथियों का निवास है।

यह हाथी गलियारे के रूप में जाना जाता है। 25 सितंबर 2020 की बैठक में यह निष्कर्ष निकला था कि प्रस्तावित स्थल हवाई अड्डे के विकास के लिए उपयुक्त नहीं है।

समिति वर्तमान स्थल चयन से सहमत नहीं थी और वैकल्पिक स्थल का पता लगाने के लिए कहा गया था। सांसद ने कहा कि उक्त जवाब से मुझे घोर निराशा हुई है, क्योंकि स्थानीय लोगों का कहना है कि आज तक एक भी हाथी यहां के लोगों ने नहीं देखा है।

ऐसे में हाथियों का गलियारा कहां से आ गया। अब पता नहीं कौन सी चयन समिति है। वह कब स्थल निरीक्षण करने गई, मुझे इसकी भी जानकारी नहीं मिली।

द्वितीय विश्वयुद्ध में बना था धालभूमगढ़ में हवाई अड्डा

धालभूमगढ़ का हवाई अड्डा द्वितीय विश्वयुद्ध में 1942 को बना था। सांसद कहते हैं कि उस समय यहां घना जंगल था, पर आज कुछ भी वैसा नहीं है।

पूर्व में उक्त स्थान पर वन विभाग के सीसीएफ व तीन डीएफओ ने कहा था कि कोई दिक्कत नहीं है। उस वक्त एयरपोर्ट अथॉरिटी के पदाधिकारी भी वहां उपस्थित थे।

उक्त स्थान से 500 मीटर की दूरी पर एनएच एवं 100 मीटर की दूरी पर रेलवे लाइन है। पूर्व में भी वन विभाग एवं एयरपोर्ट अथॉरिटी के लोग कम से कम 10 बार उक्त स्थल का निरीक्षण कर चुके हैं।

उसमें कहा गया था कि यहां बांस के जंगल हैं, जिसे हटा लिया जाएगा। राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के उस आदेश को निरस्त करते हुए यह स्पष्ट किया कि यहां एलीफैंट कॉरिडोर कभी था ही नहीं।

राज्य सरकार ने यह भी आदेश जारी किया था कि इससे उपयुक्त जगह कहीं नहीं हो सकती। इसके बावजूद राज्य सरकार भारत सरकार से फॉरेस्ट क्लियरेंस सर्टिफिकेट की मांग क्यों नहीं कर रही है।

इधर, नागरिक उड्डयन मंत्री ने कहा है कि वन अनापत्ति प्रमाणपत्र मिलते ही हम एयरपोर्ट का निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।

यह भी पढ़ें

'कौन थे वह दो विधायक....' JMM ने राज्यपाल पर कर दी सवालों की बौछार; BJP ने पूछ ली हेमंत सोरेन के गायब होने वाली बात

कटघरे में खड़े होंगे Rahul Gandhi या मिलेगी राहत? बहस हुई पूरी, अमित शाह पर टिप्पणी मामले में HC सुनाएगा फैसला

आपके शहर की तथ्यपूर्ण खबरें अब आपके मोबाइल पर