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झारखंड में BJP के साथ 'खेला' करेंगे सरयू राय? इस कद्दावर नेता को अपनी पार्टी में करा सकते हैं शामिल

पूर्व मंत्री सरयू राय झारखंड विधानसभा चुनाव में बड़ा खेला करने की तैयारी में जुटे हुए हैं। इसी क्रम में उन्होंने पूर्व विधायक और भाजपा नेता कुणाल षाड़ंगी से गोपनीय मुलाकात की है। इस मुलाकात के बाद कुणाल के जल्द ही सरयू राय की पार्टी भारतीय जनमोर्चा में शामिल होने की संभावना है। सरयू राय ने कुणाल को बहरागोड़ा सीट से चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दिया है।

By Jagran News Edited By: Mohit Tripathi Updated: Tue, 09 Jul 2024 11:58 AM (IST)
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झारखंड विधानसभा चुनाव में बड़ा खेल करने की तैयारी में सरयू राय। (फाइल फोटो)

जितेंद्र सिंह, जमशेदपुर। Jharkhand Assembly Election 2024 भाजपा से इस्तीफा देने वाले बहरागोड़ा के पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी जल्द ही पूर्व मंत्री सरयू राय की पार्टी भारतीय जनमोर्चा में शामिल हो सकते हैं। ऐसी चर्चा है कि कुणाल की जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय के साथ बैठक हुई है।

सरयू राय ने कुणाल को बहरागोड़ा सीट से भाजमो के टिकट पर चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दिया है। कुणाल बहरागोड़ा से विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं।

बहरागोड़ा से विधायक रह चुके हैं कुणाल

कुणाल ने अपना राजनैतिक सफर झामुमो से शुरू किया था। 2014 में झामुमो के टिकट पर बहरागोड़ा से विधायक चुने गए थे।

2019 के विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल होने के बाद उन्हें प्रदेश प्रवक्ता का पद दिया गया था। भाजपा के टिकट पर 2019 का विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन सफल नहीं हुए।

लोकसभा का टिकट न मिलने से भाजपा से नाराज थे कुणाल

कुणाल जमशेदपुर से लोकसभा का चुनाव लड़ना चाहते थे। भाजपा ने टिकट नहीं दिया तो नाराज चल रहे थे। रविवार को भाजपा से इस्तीफा दे दिया।

भाजपा के प्रदेश नेतृत्व पर लगाए गंभीर आरोप 

सोमवार की सुबह एक्स (ट्विटर) पर अपने दर्द का इज़हार करते हुए उन्होंने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए। 'आपसी ईर्ष्या', 'निम्न स्तर की गुटबाजी', 'युवाओं के लिए नकारात्मकता', 'चापलूसी' और 'जरूरतमंदों के प्रति उदासीनता' जैसे शब्दों से उन्होंने भाजपा की अंदरूनी तस्वीर पेश करने की कोशिश की।

उनके अनुसार, "भाजपा में सिर्फ जनाधार विहीन नेताओं का महिमामंडन होता है और जमीनी कार्यकर्ता उपेक्षित रहते हैं।"

उन्होंने एक्स पर लिखा,

कई सालों बाद आज असहजता, दांव पेंच, आपसी ईर्ष्या , बेहद निम्न स्तर की गुटबाज़ी, युवाओं के लिए नकारात्मकता और लगातार उनके खिलाफ साज़िशें, चापलूसी, जरूरतमंदो से जुड़े मुद्दों पर काम करने और मेहनत की जगह चंद जनाधार वीहिन नेताओं का महिमामंडन व परिक्रमा कर आगे बढ़ने व मंच पर कुर्सी पकड़ने की मानसिकता जैसे बंधनों से मुक्त पहली सुबह की बात ही कुछ और है।

सरयू राय के साथ जाना क्यों है कुणाल की मजबूरी?

जानकारों का कहना है कि कुणाल के लिए अपनी पुरानी पार्टी-झामुमो में संभावना नहीं है। क्योंकि बहरागोड़ा से समीर मोहंती झामुमो के विधायक हैं। ऐसे में भाजपा छोड़ने के बाद उनके सामने विकल्प के रूप में कोई तीसरी पार्टी ही हो सकती है।

30 सीटों पर चुनाव लड़ेगी सरयू राय की पार्टी

भाजमो ने इस बार विधानसभा चुनाव में 30 सीटों पर अपना प्रत्याशी उतारने का एलान किया है। पार्टी का मकसद राज्य में एक मजबूत तीसरा मोर्चा खड़ा करना है। ऐसे में भाजमो और कुणाल एक-दूसरे के लिए जरूरत साबित हो सकते हैं।

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