Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Farmers' Protest Updates : जमशेदपुर में किसानों के समर्थन में वामपंथी संगठनों का उपवास

केंद्र सरकार द्वारा पारित तीन कृषि अधिनियम के खिलाफ वामपंथी संगठनों का आंदोलन लगातार जारी है। संगठन के नेताओं का कहना है कि तीनों कृषि कानून कारपोरेट और बहुराष्ट्रीय कंपनियों के दबाव में बनाया गया है। इसके अलावा बिजली बिल को निरस्त करने की मांग की गई है।

By Jitendra SinghEdited By: Updated: Wed, 23 Dec 2020 05:34 PM (IST)
Hero Image
जमशेदपुर में किसानों के समर्थन में वामपंथी संगठनों का उपवास

जमशेदपुर :  केंद्र सरकार द्वारा पारित तीन कृषि अधिनियम के खिलाफ वामपंथी संगठनों का आंदोलन लगातार जारी है। संगठन के नेताओं का कहना है कि तीनों कृषि कानून कारपोरेट और बहुराष्ट्रीय कंपनियों के दबाव में बनाया गया है। इसके अलावा बिजली बिल को निरस्त करने की मांग की गई है।

संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले चल रहे किसान धरना व क्रमिक भूख हड़ताल के तहत बुधवार को वामपंथी संगठन गोलमुरी चौक पर सामूहिक उपवास किया जा रहा है। इसमें मजदूर संगठन सीटू की कोल्हान कमेटी के महासचिव विश्वजीत देव, जनवादी महिला समिति की जया मजूमदार और किसान सभा, पूर्वी सिंहभूम जिला कमेटी के अध्यक्ष लोटन दास की अगुवाई में उपवास कार्यक्रम किया जा रहा है। सुबह 11 से शाम पांच बजे तक इन संगठनों के कार्यकर्ता उपवास पर रहेंगे।

 किसानों के समर्थन में चौपाल कार्यक्रम जारी

किसान आंदोलन के समर्थन में मानगो गुरुद्वारा कमेटी के प्रधान भगवान सिंह की अगुवाई में चौपाल लगाकर जनता को जागरूक करने का कार्यक्रम हर दिन चल रहा है। इसी कड़ी में बुधवार को डिमना चौक पर चौपाल लगाया गया, जिसे संबोधित करते हुए भगवान सिंह ने कहा कि सरकार जब तक किसान बिल-2020 को वापस नहीं कर लेती, तबतक पूरे देश सहित जमशेदपुर में भी हमलोग आंदोलन को चलाते रहेंगे।

हमलोग भी प्रधानमंत्री को यह बताना चाहते हैं कि किसानों को परेशान करने से कोई लाभ नहीं होगा। इससे देश परेशान हो रहा है। इसकी चिंता आपको करनी चाहिए। जहां तक रही आंदोलन की बात तो हमलोग इस प्रकार आंदोलन को चला रहे हैं कि आंदोलन से किसी भी आम जनता को कोई परेशानी नहीं हो। आंदोलन में आने वाली पूरी परेशानी किसान अपने ऊपर उठाकर चल रहे हैं। इसलिए किसानों के आंदोलन को सोशल मीडिया में बदनाम करने वाले पर जरूर कार्रवाई करें। किसानों को आंदोलन स्थल जाने से रोका जा रहा है। उत्तर प्रदेश में किसान नेताओं को नजरबंद किया जा रहा है।

यह लोकतंत्र में बोलने की आजादी पर हमला है। एनसीपी युवा मोर्चा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डा. पवन पांडेय ने कहा कि सरकार किसान नेताओं को आंदोलन में जुड़ने से रोकने के लिए जगह-जगह रोक रही है। कहीं-कहीं नेताओं को नजरबंद किया जा रहा है। पहले सरकार को आंदोलन कर रहे किसानों के खानपान पर तकलीफ थी। अब जब आंदोलन आगे बढ़ रहा है। दूसरे राज्य के किसान आंदोलन से जुड़ने के लिए दिल्ली कूच कर रहे हैं तो घबराहट के मारे सरकार उन्हें रोकने का विफल प्रयास कर रही हैं। अब देश के हर हिस्से से किसान दिल्ली के लिए कूच करेगा। सरकार कितने लोगों को नजरबंद करेगी, यह हम भी देखेंगे। जमशेदपुर से भी किसान पुत्र दिल्ली के लिए कूच करेंगे।

कार्यक्रम में राजीव ओझा, मनदीप सिंह, सुखदेव सिंह, बलबीर सिंह, राजीव रंजन दूबे, तेजपाल सिंह, सुखलाल सांडिल, सूरज प्रधान, मिंटू प्रसाद, राजेश चौहान, सुखबीर सिंह  आदि उपस्थित थे।

लोकल न्यूज़ का भरोसेमंद साथी!जागरण लोकल ऐपडाउनलोड करें