फिर तो ऑफिसर भी नौ दिन की सैलरी उठाएं... मजदूरों की अनोखी शर्त, पूछा ये सवाल; आंदोलन अभी भी जारी
Jharkhand News जेबीकेएसएस के नेता रामदास मुर्मू ने मजदूरों के हक में बात करते हुए कहा कि अगर मजदूरों को नौ दिन का रोजगार मिलेगा तो फिर आफिसर भी नौ दिन का ही वेतन उठाए। जब प्लांट में काम ही नहीं है तो आफिसर क्या करेंगे। कहा जबतक मजदूर सफल नहीं होंगे तब तक जेबीकेएसएस का आंदोलन जारी रहेगा।
संवाद सहयोगी, घाटशिला। मउभंडार कारखाना गेट में एचसीएल, आइसीसी बचाओ संघर्ष समिति का अनिश्चितकालीन धरना दोपहर होते ही झारखंड भाषा खतियान संघर्ष समिति के आंदोलन में तब्दील हो गया। टेंट स्थल पर जेबीकेएसएस का बैनर टंग गया। जेबीकेएसएस के नेता रामदास मुर्मू ने समर्थकों के साथ धरना स्थल पर पहुंच कर समर्थन दिया।
इसके बाद मजदूरों की मांग पर जनरल आफिस के सभागार में वार्ता हुई। जिसमें डीजीएम वर्कर्स एसके झा, एजीएम एचआर अर्जुन लोहरा, सुमित एक्का व मजदूरों के प्रतिनिधि उपस्थित थे, लेकिन वार्ता सकारात्मक नहीं हो पाई। इसके बाद धरना स्थल पर मजदूरों ने आगे आंदोलन जारी रखने की रणनीति बनाई।
13 दिनों के कार्य का पत्र भेजा हेड आफिस
जेबीकेएसएस नेता रामदास मुर्मू ने कहा कि वार्ता में प्रबंधन ने बताया कि 13 दिनों के कार्य का पत्र हेड आफिस भेजा जहां से अप्रुवल होना बाकी है। जिसकी कापी मांगे जाने पर प्रबंधन ने देने में असमर्थता जाहिर की। वहीं कुछ राजनीतिक दल के श्रमिक संघ नेता अफवाह फैला रहे की शुक्रवार ही उन लोगों ने प्रबंधन से वार्ता कर सब कुछ करके निकले।चार तारीख से सबको काम मिलेगा। रामदास ने कहा कि लेकिन ऐसा कुछ अभी तक हुआ नहीं है। इसलिए मजदूरों के बीच गलत चीजों को न फैलाए। हमने प्रबंधन के समक्ष डिमांड रखा की जितना कार्य दिवस है, उसे बढ़ाकर दिया जाए। सभी कांट्रेक्ट के मजदूरों को समान रूप से कार्य दिवस दिया जाए।इसके पहले जिन मजदूरों से काम करवाया जा रहा है, उनसे बिना सुरक्षा कीट के काम करवाया जा रहा था। जो बहुत बड़ी लापरवाही है, प्रबंधन इसमें सुधार लाने का काम करें। हम 13 दिन के बजाय 30 दिन का काम मजदूरों को देने का काम करते हैं। कहा जबतक मजदूर सफल नहीं होंगे तब तक जेबीकेएसएस का आंदोलन जारी रहेगा।
'जब प्लांट में काम ही नहीं है तो आफिसर क्या करेंगे'
अगर मजदूरों को नौ दिन का रोजगार मिलेगा तो फिर आफिसर भी नौ दिन का ही वेतन उठाए। जब प्लांट में काम ही नहीं है तो आफिसर क्या करेंगे। अगर प्रबंधन जल्द कुछ फैसला नहीं करेगा तो जेबीकेएसएस एक जनवरी को कारखाना के सभी गेट को जाम कर देगा।झारखंडी भाषा-भाषी मूलवासी संघ ने भी आंदोलन को समर्थन दिया। मौके पर फेवियन तिर्की, दिनेश महतो, संजय बेहरा, दिनेश महतो, मुकेश कर्मकार, फकीर हेम्ब्रम, दिल बहादूर सोनार, संतोष सिंह,जानसन, बंशी भगत, जागर सुंडी, सुकुमार दे, अशोक सिंह राठौड़, इंद्रजीत बागती, मो. अली, बैदनती पांडे, वरूण सीट समेत कई मौजूद थे।
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