Jamshedpur News : टाटा स्टील के एमडी ने कहा, स्टील की अंतराष्ट्रीय मांग नाजुक, घरेलू बाजार बेहतर
टाटा स्टील के एमडी टीवी नरेंद्रन ने कहा कि स्टील का अंतरराष्ट्रीय बाजार नाजुक हालात में है हालांकि घरेलू बाजार अच्छा है। समय पर निर्यात शुल्क हटने से भारतीय स्टील कंपनियों को विदेशी बाजार में अपनी पैठ बनाने में मदद मिलेगी।
जासं, जमशेदपुर : अंतराष्ट्रीय बाजार में स्टील की मांग नाजुक बनी हुई है जबकि भारत का घरेलू बाजार इस मामले में बेहतर है। समय पर निर्यात शुल्क हटाने से भारतीय स्टील मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को विदेशी बाजार में फिर से अपनी पैठ बनाने में मदद मिलेगी। इंडियन स्टील एसोसिएशन की पिछले दिनों नई दिल्ली में आयोजित कान्क्लेव में बोलते हुए टाटा स्टील के सीईओ सह एमडी टीवी नरेंद्रन ने ये बातें कहीं। अप्रैल से अक्टूबर के बीच देश में स्टील की खपत पिछले वर्ष की तुलना में 58.9 मिलियन टन से 11 प्रतिशत बढ़कर 65.5 मिलियन टन हो चुकी है। हालांकि चालू वित्तीय वर्ष की पहली छमाही में कमजोर वैश्विक बाजार और निर्यात पर रोक लगने के बाद स्टील कंपनियों के मुनाफे में पिछले वर्ष की तुलना में 70 प्रतिशत की कमी आई। इसमें कोकिंग कोल की कीमतों में आई तेजी ने भी प्रभावित किया। नरेंद्रन का कहना है कि हम स्टील प्रोडक्ट व आयरन ओर निर्यात शुल्क वापस लेने के सरकार के फैसले का स्वागत करते हैं। हम मानते हैं कि सरकार ने बढ़ती कीमतों से निपटने के लिए यह कदम उठाए थे। चीन, जापान और दक्षिण कोरिया जैसे देश अपनी जरूरत का अधिकांश आयरन ओर आयात करने के बावजूद सालाना 150 मिलियन टन स्टील का निर्यात करती हैं। जबकि भारत आयरन ओर के क्षेत्र में समृद्ध राष्ट्र है और हमारे पास विश्व में स्टील का बड़ा निर्यातक बनने का अच्छा अवसर है। देश के आर्थिक रूप से कमजोर हिस्सों में प्लांट लगने से रोजगार सृजित होंगे। इससे बड़े पैमाने पर विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी उद्योग का निर्माण करने का अवसर है। मालूम हो कि अप्रैल अक्टूबर माह के बीच निर्यात शुल्क लगने से स्टील का निर्यात 55 प्रतिशत गिरकर 39 लाख टन रह गया है जबकि एक साल पहले 88 लाख टन का निर्यात हुआ है।
कोकिंग कोल की स्थिति अस्थिर
नरेंद्रन का कहना है कि कोकिंग कोल की कीमतें अस्थिर बनी हुई है हालांकि 260 डालर प्रति टन से कीमत में 10 डालर की नरमी देखी गई है। हमें उम्मीद है कि केंद्र सरकार कोल आपूर्ति पर कंपनियों की चिंताओं पर गौर करेगी क्योंकि देश में तेजी से स्टील का उत्पादन बढ़ रहा है। भारत ने ने आस्ट्रेलिया से पिछले वर्ष के 45 मिलियन टन की तुलना में 51 मिलियन टन कोल का आयात किया था। हालांकि हम देश में उपलब्ध कोकिंग कोल का बेहतर इस्तेमाल कर सकते हैं और इसके लिए सरकार से बात भी की जा रही है। देश में आस्ट्रेलिया सहित रूस, मोजाम्बिक और अन्य जगहों से कोकिंग कोल का आयात होता है। भारत में जैसे-जैसे स्टील का उत्पादन बढ़ेगा उसे अधिक कोकिंग कोल की आवश्यकता पड़ेगी।
भारतीय कंपनियों के विदेशी बाजारों पर चीन हावी
एक रिपोर्ट के अनुसार भारतीय कंपनियों के विदेशी बाजार पर चीन तेजी से हावी हो रहा है। चीन के स्टील निर्यात में 22 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। भारतीय स्टील निर्माता कंपनियों की तुलना में चीन मध्य पूर्वी बाजारों में बाजार पर अपना कब्जा जमाने करने के लिए अपेक्षाकृत सस्ती दर पर स्टील बेच रहा है।