Jamshedpur News : झारखंड के विश्वविद्यालयों में भी अब पांच दिन का कार्य दिवस
झारखंड के विश्वविद्यालयों में भी अन्य विश्वविद्यालयों की तरह पांच दिन की कार्य संस्कृति लागू होने वाली है। इसे लेकर कालेजों से राय ली जा रही है। उच्च शिक्षा विभाग ने सभी विश्वविद्यालयों से सहमति पत्र लेकर विभाग को भेजने का निर्देश दिया है।
By Jagran NewsEdited By: Uttamnath PathakUpdated: Fri, 18 Nov 2022 01:58 PM (IST)
वेंकटेश्वर राव, जमशेदपुर : झारखंड के सभी विश्वविद्यालय के कालेजों में अब छह दिन की जगह पांच दिन की पढ़ाई हो सकती है। इस संबंध में यूजीसी की गाइडलाइन के अनुसार सभी कालेज में बैठक कर शिक्षकों से राय ली जा रही है। कोल्हान विश्वविद्यालय ने इस संबंध में सभी कालेजों से बैठक कर सहमति प्रतिवेदन देने को कहा है। अगर शनिवार व रविवार कालेज बंद रहते हैं तो प्राध्यापकों को सुबह 9:30 बजे से शाम 5:30 तक छात्रों को पढ़ाना होगा। यह नियम केंद्रीय विश्वविद्यालयों सहित अन्य प्रमुख विश्वविद्यालय में पहले से ही लागू है। इसे लेकर कोल्हान के विभिन्न कालेजों में बैठक विश्वविद्यालय एवं उच्च शिक्षा विभाग के पत्र के आलोक में चल रही है।
को-आपरेटिव कालेज 70 प्रतिशत शिक्षक व कर्मचारी पक्ष मेंपांच दिन कार्य दिवस को लेकर जमशेदपुर को-आपरेटिव कालेज के शिक्षकों एवं कर्मियों की बैठक प्राचार्य डा. अमर सिंह की अध्यक्षता में आयोजित की गई। इसमें 70 प्रतिशत लोगों ने पांच दिन कार्य के प्रस्ताव के पक्ष में हस्ताक्षर किया तो 30 प्रतिशत लोगों ने इसका विरोध किया। इस संबंध में जानकारी देते हुए प्राचार्य डा. अमर सिंह ने कहा कि इसकी सूचना विश्वविद्यालय को लिखित रूप से दे दी गई है। इस मामले को लेकर एलबीएसएम कालेज में 22 नवंबर को बैठक आयोजित की गई। करीम सिटी और ग्रेजुएट कालेज के साथ-साथ अन्य कालेज भी बैठक करने वाले हैं। कोल्हान विश्वविद्यालय के प्रवक्ता डा. पीके पाणि ने कहा कि सभी कालेजों से प्रतिवेदन आने के बाद इसे समेकित किया जाएगा। उसके बाद इसे लेकर सिंडिकेट बुलाई जाएगी। सिंडिकेट से प्रस्ताव पारित करा कर इसे उच्च शिक्षा विभाग को भेजा जाएगा।
2020 तक के प्रमाण पत्र डिजी लाकर में हुए अपलोडकोल्हान विश्वविद्यालय ने वर्ष 2012 से 2020 तक यूजी में पासआउट होने वाले छात्रों का प्रमाण पत्र डिजी लाकर में अपलोड कर दिया है। अब छात्र घर बैठे ही आधार कार्ड से डिजी लाकर में रजिस्टर्ड होने के बाद प्रमाण पत्रों को देख पाएंगे और और इसे डाउनलोड भी कर सकते हैं। छात्रों को परेशानी से बचाने के लिए कोल्हान विश्वविद्यालय ने यह महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इस संबंध में जानकारी देते हुए विश्वविद्यालय के प्रवक्ता डा. पीके पाणि ने बताया कि अब प्रमाण पत्र के लिए छात्रों को विश्वविद्यालय का चक्कर नहीं काटना पड़ेगा। छात्र इसे अासानी से मोबाइल के माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं। नैक से पहले इस व्यवस्था के लागू होने से विश्वविद्यालय को नैक मूल्यांकन में भी फायदा होने की उम्मीद है।
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