अब मरीजों को नहीं जाना होगा बाहर, एमजीएम में हार्ट से लेकर कैंसर तक का इलाज
फिलहाल अस्पताल के लगभग सभी विभागों में अत्याधुनिक मशीनें खरीदने का निर्णय लिया गया है। इसकी खरीदारी के लिए विभाग की तरफ से एमजीएम प्रबंधन को 11 करोड़ 95 लाख 32 हजार रुपये उपलब्ध कराए गए हैं। हालांकि इसकी खरीदारी राज्य स्तर से ही होगी।
जमशेदपुर (जागरण संवाददाता)। अगर सबकुछ ठीक-ठाक रहा तो अगले दो साल के अंदर महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कालेज अस्पताल में सभी तरह की इलाज उपलब्ध हो सकेगी। इसकी कवायद तेज गति से चल रही है। इससे पूर्व फिलहाल अस्पताल के लगभग सभी विभागों में अत्याधुनिक मशीनें खरीदने का निर्णय लिया गया है। इसकी खरीदारी के लिए विभाग की तरफ से एमजीएम प्रबंधन को 11 करोड़ 95 लाख 32 हजार रुपये उपलब्ध कराए गए हैं। हालांकि, इसकी खरीदारी राज्य स्तर से ही होगी।
दरअसल, राष्ट्रीय चिकित्सा परिषद द्वारा लगभग सभी विभागों में पीजी की पढ़ाई प्रारंभ करने की स्वीकृति दी गई है। साथ ही न्यूनतम मापदंडों के अनुरूप अस्पताल के विभिन्न विभागों में अत्याधुनिक मशीनें स्थापित करने का भी निर्देश दिया गया है। ताकि पीजी छात्र-छात्राओं को बेहतर शिक्षा उपलब्ध हो सकें। वहीं, मरीजों को भी काफी लाभ मिलेगा। इन मशीनों की खरीदारी होने से एमजीएम अस्पताल में हार्ट से लेकर कैंसर तक का इलाज संभव हो जाएगा।
बर्न यूनिट में शुरू होगा प्लास्टिक सर्जरी
एमजीएम अस्पताल में 20 बेड का बर्न यूनिट संचालित है लेकिन सुविधाओं का अभाव होने के कारण मरीजों का सभी तरह की चिकित्सा उपलब्ध नहीं हो पाती है। हालांकि, अब अलग से आपरेशन थियेटर के साथ-साथ प्लास्टिक सर्जरी भी शुरू करने का निर्णय लिया गया है। फिलहाल एमजीएम में प्लास्टिक सर्जरी की सुविधा नहीं है। प्लास्टिक सर्जरी में मरीजों को काफी अधिक राशि खर्च करना पड़ता है।
नेत्र विभाग में खरीदी जाएगी ऑपरेटिंग माइक्रोस्कोप मशीन
नेत्र विभाग को विकसित करने का कार्य किया जा रहा है। आई बैंक के साथ-साथ और भी कई तरह की चिकित्सा शुरू करने की तैयारी है। इसके लिए नेत्र विभाग में ऑपरेटिंग माइक्रोस्कोप मशीन, फेको इमल्सीफिकेशन सहित अन्य मशीनें खरीदी जाएगी।
एनेस्थीसिया विभाग होगा अपडेट
एमजीएम के एनेस्थीसिया विभाग को अपडेट किया जाएगा। इसके लिए एडवांस वर्क स्टेशन का निर्माण व मल्टी पारा मशीनें खरीदी जाएगी।
रेडियोलाजी विभाग में लगेगी नई सिटी स्कैन मशीन
एमजीएम में बीते एक साल से सिटी स्कैन मशीन खराब पड़ी हुई है। इसके कारण रोजाना आठ से दस मरीजों को बाहर में जांच कराने पड़ रहे हैं। इसे देखते हुए रेडियोलाजी विभाग में 128 स्लाइस के सिटी स्कैन मशीन खरीदी जाएगी।
इमरजेंसी विभाग में लगेंगे कई मशीन
इमरजेंसी विभाग में कई तरह की मशीनें लगाई जाएगी। इसमें मानीटर, इंफ्यूजन पंप सहित अन्य शामिल हैं। इंफ्यूजन पंप एक ऐसा सिस्टम है जो दवाओं को सीधे मरीज के ब्लडस्ट्रीम में डालता है। अभी तक यह मशीन एमजीएम में नहीं है।
मेडिसिन विभाग में बढ़ेगी सुविधाएं
मेडिसिन विभाग में ब्रोंकोस्कापी मशीन लगेगी। इससे मरीजों के श्वास नली व फेफड़ों संबंधित नली में सिकुडऩ, स्त्राव व रक्त स्त्राव को नियंत्रित कर उपचार किया जाता है। इसके साथ ही इकोकार्डियोग्राफी, टीएमटी, ईईजी मशीन स्थापित की जाएगी। ये सभी हार्ट मरीजों के इलाज में उपयोग होता है।
सर्जरी विभाग में लगेगी गैस्ट्रो क्रोनोस्कोप
सर्जरी विभाग में गैस्ट्रो क्रोनोस्कोप, यूरेटेरोस्कोपी विथ लिथोट्रिप्सी सहित अन्य मशीनें लगेगी। इससे मरीजों को काफी फायदा होगा। फिलहाल ये मशीनें अस्पताल में उपलब्ध नहीं है।
हड्डी विभाग में सीआर मशीन लगेगी
हड्डी रोग विभाग में सीआर मशीन लगेगी। हड्डी से जुड़े गंभीर रोगियों के आपरेशन में काम आने वाली सीआर मशीन की सुविधा नहीं होने से रोगियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। लेकिन अब वैसे रोगियों का इलाज संभव हो सकेगा।
फिजियो थेरेपी व ब्लड बैंक भी होगा अपडेट
फिजियोथेरेपी सेंटर व ब्लड बैंक को भी अपडेट किया जाएगा। इसके लिए कई सारे मशीनें की खरीदारी होगी।
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के पहल पर अस्पताल में कई सुविधाएं बढ़ाई जा रही है। अगले दो से तीन माह में कई बदलाव देखने को मिलेगा। कई महंगी उपकरणों की खरीदारी की जा रही है, जिसका लाभ मरीजों को मिलेगा।
- डा. अरुण कुमार, अधीक्षक, एमजीएम।