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ये कंपनी भी ला रही है अपना आइपीओ, इस साल 10 लाख इलेक्ट्रिक कार सड़क पर उतारने का है लक्ष्य

जोमैटो व पेटीएम के बाद एक और स्टार्ट अप कंपनी आइपीओ लाने की तैयारी कर रही है। रतन टाटा ने इस कंपनी में निवेश भी किया है। ओला भारतीय सड़कों पर दस लाख इलेक्ट्रिक कार उतारने की योजना बना रही है।

By Jitendra SinghEdited By: Updated: Mon, 02 Aug 2021 09:25 AM (IST)
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ये कंपनी भी ला रही है अपना आइपीओ
जमशेदपुर : देश के जिन क्षेत्रों में काम करने की जरूरत है उसमें परिवहन व्यवस्था भी शामिल है। भारत में बेहतर सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था की कमी है। खराब परिस्थितियों के कारण अब जनता निजी परिवहन की ओर बढ़ रही है। लेकिन निजी परिवहन की भी सबसे बड़ी समस्या है बढ़ता प्रदूषण और ग्लोबल वार्मिंग में वृद्धि होना।

पर्यावरण के लिए जरूरी है इलेक्ट्रिक परिवहन

सड़कों पर जैसे-जैसे निजी वाहनों की संख्या बढ़ती जा रही है वैसे ही एयर इंडेक्स में उस शहर में हवा की गुणवत्ता भी बिगड़ती जा रही है। आम जनता के लिए हवा जहरीली और खतरनाक होती जा रही है। मार्च 2020 में कोविड 19 के पहले वेव में जब लॉकडाउन हुआ तो लोग अपने घरों में कैद हो गए। इससे हवा ही नहीं बल्कि पूरा वातावरण भी साफ हुआ। सिंगापुर जैसे छोटे से देश में उत्कृष्ट सार्वजनिक परिवहन प्रणाली से सबक लेकर यदि भारत भी सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था में सुधार करती है तो इससे न सिर्फ पर्यावरण बेहतर होगा बल्कि देश की परिवहन व्यवस्था में भी सुधार होगा।

ये कंपनी कर रही है पहल, लाएगी आइपीओ

आपको बता दें कि भारतीय बहुराष्ट्रीय राइड शेयरिंग कंपनी, ओला जल्द ही अपना आइपीओ लाने जा रही है। जिसकी मदद से कंपनी 500 अमेरिकी डॉलर जुटाने की योजना है। कंपनी के लिए फंडिंग का नेतृत्व टेमासेक और प्लम वुड इंवेस्टमेंट लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है जो एक प्रसिद्ध इक्विटी फंड निवेशक कंपनी है। हालांकि निवेश मुख्य रूप से एएनआई टेक्नोलॉजिज द्वारा किया जा रहा है, जो ओला की मूल कंपनी है।

इस साल 10 लाख इलेक्ट्रिक कार सड़क पर उतारेगी कंपनी

ओला कंपनी के संस्था भाविश अग्रवाल की माने तो उनकी कंपनी टैक्सी व्यवसाय को बढ़ावा देने की योजना है। आइपीओ की मदद से जो भी धन कंपनी जुटाएगी। उसकी मदद से वैश्विक स्तर पर 10 लाख इलेक्ट्रिक कार सड़क पर उतारेगी। आपको बता दें कि वर्ष 2010 में स्थापित ओला एक बहुराष्ट्रीय भारतीय शेयरिंग राइड कंपनी है जो लोगों को इकोनॉमी से लेकर एलिट क्लास तक के कार अपने ग्राहकों को उपलब्ध कराती है। इसके लिए कंपनी ने ओला एप भी बनाई है जिसकी मदद से कैब बुक किए जा सकते हैं।

 

 साथ ही यात्रा खत्म होने पर गाहक के पास कैशलेस या नगद द्वारा भुगतान की सुविधा देती है। वर्ष 2014 में ओला ने खुद को ओला ऑटो व्यवसाय के रूप में अपने व्यापार का विस्तार किया। वर्तमान में कंपनी की यह सेवा बेंगलुरु के अलावा दिल्ली, पुणे, चेन्नई और हैदराबाद में संचालित है। कंपनी प्रति दिन औसतन 1.5 लाख बुकिंग लेने का दावा करती है और देश में इसकी 60 प्रतिशत से अधिक बाजार हिस्सेदारी है।

2019 में कंपनी ने शुरु की थी इलेक्ट्रिक ओला

आपको बता दें कि वर्ष 2019 में बेंगलुरु स्थित कंपनी ने अपने व्यवसाय को नया आयाम देते हुए ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी शुरू की थी। इसमें टाइगर ग्लोबल और मैट्रिक्स इंडिया ने 56 मिलियन अमरीकी डालर का निवेश किया था। ओला इलेक्ट्रिक न केवल इलेक्ट्रिक वाहनों पर बल्कि चार्जिंग सॉल्यूशंस, ईवी बैटरी और वाणिज्यिक इलेक्ट्रिक वाहनों को बड़े पैमाने पर संचालित करने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे के विकास पर भी काम करती है. मई 2019 में रतन टाटा ने ओला इलेक्ट्रिक में निवेश किया था। निवेश किए गए फंडों की संख्या का खुलासा नहीं किया गया था। इसके अलावा कंपनी ने जुलाई 2019 में 250 मिलियन अमेरिकी डॉलर जुटाए थे। ओला के संस्थापक और अध्यक्ष भाविश अग्रवाल का कहना है कि कोविड के कारण लोग सार्वजनिक वाहन से दूर जा रहे है. इसलिए हम हर शहर में अपने ग्राहकों को बेहतर सेवा देने के लिए प्लानिंग कर रहे हैं।

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