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Omicron Alert, FMCG : कोरोना की तीसरी लहर से निपटने की इस तरह तैयारी कर रही एफएमसीजी कंपनियां

Omicron Alert याद कीजिए साल 2020 का वह दिन जब अचानक लॉकडाउन के कारण देश ठहर गया था। सभी दुकानें बंद थी तब पारले जी बिस्कुट का मांग एकबारगी बढ़ गया था। एफएमसीजी कंपनियों ने उस घटना से सीख ले ली है...

By Jitendra SinghEdited By: Updated: Wed, 05 Jan 2022 08:15 AM (IST)
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Omicron Alert, FMCG : कोरोना की तीसरी लहर से निपटने की इस तरह तैयारी कर रही एफएमसीजी कंपनियां

जमशेदपुर : कोविड 19 के तीसरे वेव का असर पूरे देश में देखा जा सकता है। झारखंड सरकार ने भी बढ़ते संक्रमण के खतरे को देखते हुए आंशिक लॉकडाउन लगा दिया है। इसका सबसे ज्यादा बुरा असर एफएमसीजी कंपनियों पर पड़ेगा।

ऐसे में टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स सहित अन्य कंपनियां अपने तरीके से कोविड 19 से निपटने के लिए तैयारी कर रही हैं। एफएमसीजी कंपनियों का मानना ​​है कि पिछले दो अनुभवों से मिली सीख से उन्हें महामारी की तीसरी लहर से निपटने में मदद मिलेगी।

कर रहे हैं सामानों का स्टॉक, ई-कॉमर्स की है तैयारी

भारत में कोविड 19 के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए दैनिक उपभोग का सामान बनाने वाली कंपनियां जिनमें टाटा कंज्यूमर प्रोडक्टस, आईटीसी, पारले प्रोडक्ट्स, बीकानेरवाला फूड्स, और प्रताप स्नैक्स जैसी कंपनियों ने अपने उत्पादों का स्टॉक कर रहे हैं ताकि यदि लॉकडाउन लगे तो सप्लाई चेन प्रभावित न हो।

साथ ही सभी कंपनियां ई-कॉमर्स पर ज्यादा फोकस कर रहे हैं। साथ ही अधिकतर उत्पादों के बड़े पैक को भी लांच कर रहे हैं ताकि सख्त प्रतिबंधों या लॉकडाउन होने की स्थिति में कस्टमर को ज्यादा सामान खरीदकर उसे स्टोर कर सके। इसके लिए सभी कंपनियों को पिछले दो वर्षों के अनुभव के बाद तीसरी लहर में इस अनुभव का लाभ उठने की कोशिश कर रहे हैं।

वर्ष 2020 के लॉकडाउन से ले रहे हैं सीख

आईटीसी कंपनी ने अपनी सप्लाई चेन को दो भांगों में बांट रही है। वर्ष 2020 से प्राप्त अनुभव को ध्यान में रखकर कंपनी स्टैंडर्ड प्रोसिज्योर ऑपरेटिंग मैथड को अपना रही है। कंपनी प्रबंधन का कहना है कि हम भौगोलिक क्षेत्र के आधार पर अपनी इवेंट्री को बढ़ा रहे हैं ताकि लॉकडाउन की स्थिति में भी हम कस्टमर तक अपने उत्पाद की सप्लाई कर सके। क्योंकि कई राज्यों में ओमिक्रोन के नए संक्रमण के कारण आंशिक लॉकडाउन, नाइट कर्फ्यू सहित कई तरह के यात्रा प्रतिबंध लगना शुरू हो गया है।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि भारत में 3 जनवरी को 33,750 नए कोविड 19 के मामले दर्ज किए गए और ओमाइक्रोन मामलों की कुल संख्या 1,700 तक पहुंच गई है।

मार्च 2020 के बाद लग गया था लॉकडाउन

आप सभी को याद ही होगा कि देश में कोविड 19 के पहले वेव आने पर 22 मार्च 2020 को जनता कर्फ्यू और 23 मार्च से पूर्ण लॉकडाउन की घोषणा कर दी गई थी। इसके कारण एफएमसीजी सामानों, विशेष कर खाद्य उत्पाद, आवश्यक सामान की मांग बढ़ गई थी।

कंपनियों के पास इतना सामान नहीं था कि वे बाजार में आए इस डिमांड को समय पर पूरा कर सके। क्योंकि देश के अधिकतर हिस्सों में कई तरह के यात्रा प्रतिबंध भी थे। इसके कारण न सिर्फ कंपनियों को बल्कि कुछ जमाखोरों ने कीमतें बढ़ाकर कस्टमर की भी परेशानी का पूरा फायदा उठाया। फैक्ट्रियां बंद होने से भी उत्पादन भी काफी प्रभावित हुआ। हालांकि वर्ष 2021 में आए कोविड 19 के दूसरे लहर में कंपनियों ने बेहतर प्रदर्शन किया।

नहीं थी लॉकडाउन की जानकारी

आईटीसी के प्रवक्ता का कहना था कि कोविड 19 और उससे होने वाले प्रभाव पूरी दुनिया की तरह हमारे लिए भी एकदम नया था। हमें भी कोविड 19 के बारे में कुछ पता नहीं था। देश में अनिश्चितता का माहौल था।

इसका प्रभाव शहरी क्षेत्र से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों पर भी पड़ा। हमें नहीं पता था कि लॉकडाउन कब तक प्रभावी रहेगा और प्रतिबंध के बावजूद हम उत्पादन कैसे शुरू करें। इसके कारण सप्लाई चेन को काफी नुकसान हुआ। कई राज्यों में पूर्ण तो कहीं आशंकि लॉकडाउन भी देखने को मिला। लॉकडाउन के कारण घरों में स्नैक, चिप्स सहित दूसरे खाद्य प्रद्धार्थों की मांग बढ़ गई थी।

बेहतर बिक्री की है उम्मीद

प्रताप स्नैक्स के सीईओ अमित कुमत का कहना है कि हमने हमने चुलबुले और अन्य नमकीन के 50 रुपये और 100 रुपये के पैक लांच किए हैं और उम्मीद है कि इससे हमें लॉकडाउन की स्थिति में अच्छी बिक्री रिकार्ड हासिल करने में मदद मिलेगी। हमने सप्लाई चेन को मजबूत बनाने के लिए एफएमसीजी कंपनियों के अन्य डिस्ट्रीब्यूटर चैनल से भी बात कर अपनी इंवेंट्री को मजबूत बना रहे हैं।

पारले प्रोडक्ट्स के सीनियर कैटेगरी हेड मयंक शाह का कहना है कि हम आमतौर पर मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स, डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर्स, डिपो, स्टॉकिस्ट्स और डिस्ट्रीब्यूटर्स जैसे विभिन्न बिंदुओं पर दो-तीन दिनों का बफर स्टॉक रखते है लेकिन तीसरे वेव की परिस्थिति को देखते हुए हम अब छह से सात दिन का स्टॉक रख रहे हैं। उन्होंने कहा, हम इन उत्पादों की कमी से बचने के लिए कच्चे माल और पैकेजिंग सामग्री का भी स्टॉक कर रहे हैं ताकि लॉकडाउन होने पर भी हम स्थिति से निपट सके और अपने सामान की आपूर्ति कर सकें।

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