25 किलोमीटर जंगल की रक्षा का जिम्मा एक वनकर्मी पर Jamshedpur News
Forest Department. वन विभाग कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा है। 25 किलोमीटर जंगल की रक्षा के लिए एक वनकर्मी हैं। 166 के स्थान पर मात्र 71 वनरक्षी पदस्थापित हैं।
By Rakesh RanjanEdited By: Updated: Sat, 01 Feb 2020 02:05 PM (IST)
जमशेदपुर, मनोज सिंह। one forest worker to protect 25 km of forest in Jamshedpur Forest Division जमशेदपुर वन प्रमंडल में जंगलों का बढऩा जारी है। प्रमंडल 900 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है। इसमें हाथी, भालू, सियार, हिरण से लेकर सैकड़ों प्रकार के पेड़-पौधे, पशु पक्षी पाए जाते हैं। जंगल में जड़ी बूटी के पौधों भी हैं। लेकिन दुर्भाग्य है कि विभाग के पास संसाधन की कमी है।
इसके कारण जंगल की रक्षा करने में कठिनाई होती है। जमशेदपुर में वनरक्षी का स्वीकृत 166 पद है, लेकिन 71 वनरक्षी से ही काम चलाया जा रहा है। यानी 25 किलोमीटर जंगल की रक्षा एक वनरक्षी के जिम्मे है। संसाधन की इतनी कमी है कि पेट्रोलिंग करने के लिए न गाड़ी है और न मोटरसाइकिल। इस स्थिति में वनरक्षी लकड़ी माफिया या अवैध पत्थर का खनन करने वालों पर लगाम लगाने में असमर्थ हैं। विभाग के पास गाड़ी तो है पर चालक नहीं
वन प्रमंडल पदाधिकारी के पास गाड़ी है तो चालक नहीं। गाड़ी चलाने के लिए दूसरे चालक का सहारा लेना पड़ता है। कई ऐसे जरूरी पद हैं, जहां एक भी कर्मचारी नहीं हैं। जमीन मापी करने वाले अमीन नहीं है। वन विभाग में सहायक वन संरक्षक (एसीएफ) की दो पद हैं। बीते एक साल से दोनों ही एसीएफ का जमशेदपुर से दूसरे शहरों में तबादला हो गया। इसके बाद से जमशेदपुर में एसीएफ का पद खाली हैं। एसीएफ के नहीं रहने के कारण एक दिन का काम को पूरा करने में हफ्तों लग जाते हैं। वनपाल की 31 पद है, लेकिन है मात्र छह। जमशेदपुर वन प्रमंडल में प्रधान लिपिक के रिटायर होने के बाद से यह पद भी खाली है।
जमशेदपुर वन प्रमंडल में कर्मचारियों की संख्या
पद स्वीकृत कार्यरत
- डीएफओ - 01 01
- एसीएफ - 02 00
- रेंजर - 08 06
- हेड क्लर्क - 01 00
- आशु लिपिक - 01 00
- प्रारूपकार - 01 00
- अमीन -01 00
- वनपाल - 31 06
- वनरक्षी - 166 71
- चालक - 02 00
- आदेशपाल - 14 05
- चौकीदार - 10 05
- स्वीपर - 01 00
- माली - 07 04
900 वर्ग किलोमीटर में जंगल फैला
जमशेदपुर वन प्रमंडल का दायरा काफी बड़ा है। जमशेदपुर से बहरागोड़ा की दूरी 90 किलोमीटर है। जबकि 900 वर्ग किलोमीटर में जंगल फैला हुआ है। कर्मचारियों के साथ ही संसाधन व इंफ्रास्ट्रक्चर की बेहद कमी है। इससे काम करने में काफी कठिनाई होती है। इस संबंध में उच्चाधिकारी को अवगत करा दिया गया है।
- डॉ. अभिषेक कुमार, डीएफओ, जमशेदपुर
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