Jharkhand Fashion : फैशन का नया ट्रेंड सेट कर रही पंछी साड़ी, ये रही खासियत Jamshedpur News
है तो यह संताल आदिवासियों की ट्रेडिशनल साड़ी लेकिन युवाओं ने जिसे खुलकर अपनाया है वह ट्रेडिशनल और मॉडर्न फैशन का फ्यूजन है।
By Vikas SrivastavaEdited By: Updated: Wed, 11 Dec 2019 09:43 AM (IST)
जमशेदपुर (भादो माझी)। पंछी साड़ी का फैशन ट्रेंड युवाओं में तेजी से बढ़ा है। खासकर आदिवासी युवाओं में। कोई त्योहार हो या उत्सव। पंछी साड़ी से लकदक युवा आकर्षण का केंद्र बन रहे हैं। है तो यह संताल आदिवासियों की ट्रेडिशनल साड़ी, लेकिन युवाओं ने जिसे खुलकर अपनाया है, वह ट्रेडिशनल और मॉडर्न फैशन का फ्यूजन है। इसमें ट्रेडिशन का टच तो है ही, मॉर्डन फैशन स्टाइल का ट्रेंड भी झलकता है। यही कारण है कि ट्रेडिशन के करीब इस साड़ी के कलर्स अब आंखों को ज्यादा भाने लगे हैं।
ट्रेडिशनल फैशन के तौर पर पहले यह साड़ी झारखंड राज्य के संताल परगना इलाके तक ही सीमित थी, लेकिन अब पूरे राज्य में इसे बेहद पसंद किया जाने लगा है। यहां तक कि ओडिशा, बंगाल और बिहार के साथ-साथ असम में भी इसकी डिमांड बढ़ी है। जमशेदपुर शहर की बात की जाए तो, शायद ही करनडीह, बारीडीह, बिरसानगर, कदमा, परसुडीह, मानगो के आदिवासी बहुल इलाके में ऐसा कोई भी इलाका होगा, जहां बाहा-सोहराय जैसे पर्व पर कोई युवती पंछी साड़ी न पहनती हो।
ट्राइबल्स ट्रेडिशनल व मॉडर्न फैशन के इस फ्यूजन को युवाओं ने बनाया अपना फैशन स्टेटमेंट, उत्सव व त्योहारो में खूब रहता चलनपंछी साड़ी ट्रेडिशन से तो जोड़ती ही है, मॉडर्न लुक भी देती है। इसलिए इसे इन दिनों खूब पसंद किया जा रहा है। इसके साथ ट्राइबल ज्वेलरी पहना जाए तो पंछी साड़ी का लेवल अलग ही स्तर पर चला जाता है। युवा वर्ग को यह फैशन पसंद आ रहा है। इसलिए इन दिनों चलन में भी है।
सोनी मुमरू, संताली फिल्म अभिनेत्री व ट्रेडिशनल फैशन की जानकारट्रेडिशनल लुक और फ्रेशनेस का कॉम्बो है पारंपरिक पंछी साड़ीपंछी सड़ी युवाओं को ट्रेडिशनल लुक तो देती ही है, फ्रेश फैशन का सेंस भी क्रिएट करती है। चूंकि साड़ी के कलर पर खास ध्यान रखा गया है और इसे काफी ब्राइट रखा गया है, इसलिए भी यह यूथफुल लगती है। इसलिए संताल आदिवासियों की युवा पीढ़ी खूब पसंद कर रही है। चटख रंग होने के कारण मोबाइल से ली जाने वाली तस्वीरों में भी इसका कोंट्रास्ट ठीक होता है, सो यह भी इसे पसंद करने की बड़ी वजह है। त्योहार व उत्सव के मौके पर हर युवा यह पहने दिख जाता है।
आम साड़ी के मुकाबले पहनने में भी है बेहद आसानआम साड़ियों के मुकाबले पंछी साड़ी पहनने भी काफी आसान होती है। यह साड़ी दो भाग में बंटी होती है। एक नीचे के लिए तो आंचल के लिए अलग। साड़ी करीब तीन मीटर की होती है। इसे वैसे तो कमर में साड़ी की ही तरह लपेटा जाता है। लपेटने के बाद आगे प्लेट्स बनाए जाते हैं। अलग इसमें यही है कि इसका आंचल (पड़हा) अलग होता है और इसे ऊपरी हिस्से में अलग से एडजस्ट किया जाता है।
ट्रेडिशनल ज्वेलरी के साथ और बढ़ जाता इस फैशन से निखारपंछी साड़ी के साथ अगर आदिवासी समुदाय के ट्रेडिशनल ज्वेलरी का भी कांबिनेशन हो तो क्या कहने। ट्राइबल फ्यूजन नेकपीस इस फैशन को अलग ही लेवल पर ले जाते हैं। यह नेकपीस भी ट्रेडिशनल वाले नेकपीस व मॉडर्न नेकपीस का फ्यूजन है। इन दिनों मार्केट में ये कहीं भी मिल जाते हैं। इसके अलावा कमर में चांदी के कमरबंद भी पंछी साड़ी के ग्लैमर को और निखार देते हैं।
750 रुपये से शुरू होती है पंछी साड़ी की कीमत, 12 हजार तक में बिकती हैपंछी साड़ीकहां उपलब्ध है : करनडीह, परसुडीह, जुगसलाई के किसी भी कपड़े की दुकान में।कहां बनती है : पहले सिर्फ संताल परगना में बनती थी, अब पूर्वी सिंहभूम के साथ-साथ पुरुलिया व ओडिशा में।कितनी है कीमत : इसकी कीमत 750 रुपये से लेकर 12 हजार रुपये तक हो सकती है।
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