Move to Jagran APP

Anand Marg : नए घराने के रूप में लोकप्रिय हो रहा प्रभात संगीत

Anand Marg. देवघर से शुरू हुए आशा के इस गीत को गाकर कई जिंदगियां संवर गईं। प्रभात संगीत के भाव भाषा छंद सुर एवं लय अद्वितीय और अतुलनीय हैं।

By Rakesh RanjanEdited By: Updated: Tue, 15 Sep 2020 08:01 PM (IST)
Hero Image
Anand Marg : नए घराने के रूप में लोकप्रिय हो रहा प्रभात संगीत
जमशेदपुर, जासं। आनंद मार्ग में गीत-संगीत का विशेष महत्व है। आनंद मार्ग के प्रवर्तक भगवान श्रीश्री आनंदमूर्ति ने 14 सितंबर 1982 में प्रथम प्रभात संगीत "बंधु हे निये चलो" बांग्ला भाषा में देकर मानव मन को भक्ति उन्‍मुख किया था। आठ वर्ष एक महीना सात दिन की अवधि में उन्होंने 5018 प्रभात संगीत का अवदान मानव समाज को दिया। यही प्रभात संगीत वर्तमान में नए घराने के रूप में लोकप्रिय हो रहा है।

राज्य के देवघर से शुरू हुए आशा के इस गीत को गाकर कई जिंदगियां संवर गईं। आचार्य विश्वदेवानंद अवधूत ने कहा कि श्रीश्री आनंदमूर्ति ने पृथ्वी पर उपस्थित मनुष्य के मन में ईश्वर के लिए उठने वाले हर प्रकार के भाव को सुंदर भाषा और सुर में लयबद्ध कर प्रभात संगीत के रूप में प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि कोई भी मनुष्य जब पूर्ण भाव से प्रभात संगीत के साथ खड़ा हो जाता है, तो रेगिस्तान भी हरा हो जाता है। संगीत तथा भक्ति संगीत दोनों को ही रहस्यवाद से प्रेरणा मिलती रहती है। जितनी भी सूक्ष्म तथा दैवी अभिव्यक्तियां हैं, वह संगीत के माध्यम से ही अभिव्यक्त हो सकती हैं। मनुष्य जीवन की यात्रा विशेषकर अध्यात्मिक पगडंडियां प्रभात संगीत के सुर से सुगंधित हो उठता है।

भाव, भाषा सबुछ अतुलनीय

प्रभात संगीत के भाव, भाषा, छंद, सुर एवं लय अद्वितीय और अतुलनीय हैं। संस्कृत, बांग्ला, उर्दू, हिंदी, अंगिका, मैथिली, मगही एवं अंग्रेजी भाषा में प्रस्तुत प्रभात संगीत मानव मन में ईश्वर प्रेम के प्रकाश फैलाने का काम करता है। संगीत साधना में तल्लीन साधक एक बार प्रभात संगीत का साधना करना चाहता है। आचार्य विश्वदेवानंद अवधूत ने बताया कि लगभग सात हजार वर्ष पूर्व भगवान सदाशिव ने सरगम का आविष्कार कर मानव मन के सूक्ष्म अभिव्यक्तियों को प्रकट करने का सहज रास्ता खोल दिया था। पूरे विश्व के कलाकार वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के दुष्प्रभाव के कारण अपने-अपने घर बैठे ही ऑनलाइन कला का प्रदर्शन कर रहे हैं।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।