वकील हत्याकांड : रघुवर, सरयू व अभय तीनों नेता एक-दूसरे पर कर रहे आरोप-प्रत्यारोप, सोशल मीडिया पर हत्याकांड को लेकर राजनीति गरम Jamshedpur News
भू माफिया के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाले अधिवक्ता सह भाजपा नेता प्रकाश यादव की आवाज खामोश कर दी गई। 22 जुलाई को उनकी हत्या हुई थी।
By Vikas SrivastavaEdited By: Updated: Mon, 27 Jul 2020 08:47 AM (IST)
जमशेदपुर (जासं)। भू माफिया के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाले अधिवक्ता सह भाजपा नेता प्रकाश यादव की आवाज खामोश कर दी गई। 22 जुलाई को उनकी हत्या हुई थी। लेकिन, अपने पीछे वे कई सवाल छोड़ गए, जिसकी तह में जाने की आवाज जानता उठा रही है। लॉकडाउन में लोग सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन तो नहीं कर सकते लेकिन, सोशल मीडिया पर भड़ास खूब निकाल रहे हैं।
न सिर्फ सुरक्षा व्यवस्था को कटघरे में खड़ा किया जा रहा है बल्कि पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, पूर्व मंत्री सह विधायक सरयू राय व झारखंड विकास मोर्चा से भाजपा में आए अभय सिंह से भी सवाल पूछे जा रहे हैं। कोई संरक्षण देने की बात कह रहा है तो कोई सीबीआइ जांच की मांग कर रहा है। इन तीनों नेताओं की ओर से भी एक-दूसरे पर खूब आरोप-प्रत्यारोप लगाया जा रहा है जिससे पूर्वी विधानसभा की राजनीति एक बार फिर से गरमा गई है। पूर्वी को चार साल और झेलना ही पड़ेगा
फेसबुक पर भाजपा पूर्वी विधानसभा से एक आइडी बनी है, जिसमें रघुवर दास मृतक के स्वजनों से मिलकर आते दिख रहे हैं। उसके कमेंट बॉक्स में कई लोगों ने अपने विचार शेयर किए हैं। जय नरायण सिंह लिखते हैं पूर्वी को और साल तो झेलना ही पड़ेगा। यह बड़ा सवाल है। इसका मतलब उनके मन में यह बैठ चुका है कि जो भू माफिया के खिलाफ आवाज उठाएगा उनका यही हश्र होगा।
वहीं, बीरेन महतो ने इस हत्या की निष्पक्ष जांच व कड़ी से कड़ी कार्रवाई की मांग की है। अनिल कुमार ने लिखा है जब कानून के रखवाले ही सुरक्षित नहीं तो न्याय कहां से मिलेगा। रॉकी सिंह ने कमेंट किया है जनता सब देख रही है। आज पूर्वी विधानसभा चुनाव करवा दो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। वहीं विशाल भट्टे ने लिखा है सच दबाया जा सकता है लेकिन, छिपाया नहीं जा सकता। वहीं, रवींद्र राय ने कमेंट किया है बिरसानगर ही नहीं, पूरे जमशेदपुर में भू माफिया का राज है जिसका खामियाजा निर्दोष लोगों को जान देकर चुकानी पड़ रही है।
शीशे के घर में रहनेवाले पत्थरों से नहीं खेलते : सरयू रायविधायक सरयू राय ने अपने फेसबुक वाल्व पर लिखा है मैं छह महीना से जमशेदपुर पूर्वी का विधायक हूं। पूर्व सीएम मुझपर बिरसानगर के भू-माफिया को संरक्षण देने का आरोप लगा रहे हैं। बिरसानगर छह माह में नहीं बसा है, गत 25 साल में यहां सरकारी जमीन बेचनेवाले माफिया को कौन संरक्षण दे रहा था। इस बीच वे ही तो यहां के विधायक, मंत्री व मुख्यमंत्री थे। इसके कमेंट बॉक्स में कई लोगों ने अपने विचार शेयर किए। अमृतेंद्र सिंह लिखते है यदि इतना ही सरयू राय की छवि खराब होती तो वह निर्दलीय चुनाव लड़कर विजयी नहीं होते।
अभय सिंह ने सरयू राय का एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा है शीशे के घर में रहनेवाले पत्थरों से नहीं खेलते। अभी सत्ता गए छह महीने ही हुए थोड़ा संयम बरतें, छेड़ा है तो सूद सहित वापिस करूंगा। प्रदीप सिंह ने लिखा है जमशेदपुर में अवैध जमीन कब्जा करने के मामला सैकड़ों हैं। उन सबकी जांच हो तो कितने बड़े बड़े लोग खुद जमीन कब्जा कर के उस पर घर बनाकर राज कर रहे हैं। वहीं, प्रताप यादव लिखा है-विधायक जी हिम्मत करिए और पीडि़त के घर जाइए। वरना ये यादव समाज है। क्रिया की प्रतिक्रिया तुरंत करता है।
जिस मां का बेटा मरा है, उसके आंसू कौन पोंछेगाअभय सिंह ने लिखा कि अधिवक्ता प्रकाश यादव की जघन्य हत्या व्यर्थ नहीं जाएगी और इसे पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश, सांसद विद्युत वरण महतो व जमशेदपुर पुलिस को टैग किया है। इसके साथ ही उन्होंने सरयू राय पर कई आरोप भी लगाया है। इसके कॉमेंट बॉक्स में शैलेश गुप्ता ने लिखा है इंसाफ जल्द से जल्द मिलना चाहिए। वहीं, उमेश सिंह ने लिखा है कलम की आवाज दबाने के लिए तलवार का जो नंगा नाच दिखाया गया है। उसे कठोर दंड मिलना चाहिए। राजेश ङ्क्षसह ने लिखा है यदि पूर्व में की गई शिकायत पर कार्रवाई हुई होती तो शायद आज उनकी हत्या नहीं होती। हत्या होने के बाद ही प्रशासन की नींद टूटती है। वहीं, नवीन पटनायक ने लिखा है चिट्ठी वाले नेता अपनी बातों को सोशल मीडिया पर रखकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं। श्याम महेश्वरी ने कमेंट किया है जिस मां का बेटा मरा है, उसके आंसू कौन पोंछेगा। कहां है विधायक जी।
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