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रोग दूर करने व आयु बढ़ाने में कारगर है दीर्घ प्राणायाम, जानिए योग एक्सपर्ट रूमा शर्मा से

दीर्घ प्राणायाम सांस लेने का एक व्यायाम है। इस व्यायाम में पूरे श्वसन प्रणाली का उपयोग कर फेफड़े को जितना हो सके भरना होता है। दीर्घ प्राणायाम वह प्राणायाम है जो व्यक्ति का रोग को तो दूर करता ही साथ में यह आयु को बढ़ाता है।

By Vikas SrivastavaEdited By: Updated: Thu, 03 Mar 2022 11:10 AM (IST)
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योग एक्सपर्ट रूमा शर्मा कहती हैं कि दीर्घ प्राणायाम शरीर को तनाव से मुक्त कर देता है।

जमशेदपुर (जागरण संवाददाता)। दीर्घ प्राणायाम सांस लेने का एक व्यायाम है। इस व्यायाम में पूरे श्वसन प्रणाली का उपयोग कर फेफड़े को जितना हो सके भरना होता है। दीर्घ प्राणायाम वह प्राणायाम है जो व्यक्ति का रोग को तो दूर करता ही साथ में यह आयु को बढ़ाता है। इस संबंध में जमशेदपुर की योग एक्सपर्ट रूमा शर्मा कहती हैं कि दीर्घ प्राणायाम को नियमित रूप से करने पर यह शरीर को तनाव से मुक्त कर देता है। जिसके कारण शरीर के हर अंग में फुर्ती आ जाती है। इसके साथ ही फेफड़े, छाती और मांसपेशियों को मजबूत करता है, जिससे यह स्वस्थ रहती हैं। इस प्राणायाम को कंपलीट ब्रीथ, द यौगिक ब्रीथ और तीन चरण श्वसन भी कहा जाता है। योग गुरु रूमा शर्मा कहती हैं कि दीर्घ प्राणायाम को करने से चेतना यानि आत्मा प्रसन्न रहती है और यह प्राणायाम आपको विभिन्न प्रकार के रोगों से भी दूर रखता है। इस प्राणायाम से तंत्रिका तंत्र को आराम मिलता है।

दीर्घ प्राणायाम करने की विधि

योग एक्सपर्ट रूमा शर्मा कहती हैं कि इस प्राणायाम के पहले चरण में सांस को नियंत्रित करते हैं, दूसरे चरण में श्वांस-प्रश्वास को नियंत्रित करके दीर्घ करना होता है। तीसरे चरण में आंतरिक और चौथे चरण में बाहरी कुंभक का अभ्यास करना होता है।

दीर्घ प्राणायाम करने के लिए सबसे पहले एक आसन पर पीठ के बल लेट जाएं। इसके बाद धीरे से हथेलियों को पेट पर रखें और दोनों हाथों की मध्यमा अंगुली नाभि पर एक दूसरे को छूती रहे। इसके बाद धीरे-धीरे श्वासं को छोड़ते हुए पेट को ढीला छोड़ दें। अब श्वास को खींचते हुए पेट को फूला लें। इस क्रिया को पांच मिनट तक जितनी बार हो सके दोहराएं। इस क्रिया को करते समय सांस को पहले छाती में, इसके बाद पसलियों में और फिर पेट में अनुभव करना चाहिए। जब सांस लेते हैं तो आपके दोनों कंधे उपर की ओर होते हैं और सांस छोड़ते समय यह नीचे की तरफ होते हैं। इसलिए कंधों में भी सांस की लय का अनुभव करें।

दीर्घ प्राणायाम के लाभ

  • दीर्घ प्राणायाम शरीर में आक्सीजन के स्तर को बढ़ाता है।
  • दीर्घ प्राणायाम नियमित करने से शरीर में उपस्थित दूषित पदार्थ बाहर निकल जाते हैं।
  • यह प्राणायाम मानसिक शांति के लिए बहुत ही लाभदायक होता है।
  • दीर्घ प्राणायाम के द्वारा एकाग्रता में बढ़ोत्तरी होती है।
  • यह प्राणायाम अनिद्रा से भी निजात दिलाता है।
  • दीर्घ प्राणायाम करने से प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार होता है।

    दीर्घ प्राणायाम में बरते जानी वाली सावधानियां

  • दीर्घ प्राणायाम को बहुत आराम से करना चाहिए।
  • प्राणायाम करते समय पेट का संकुचन, मांसपेशियों और छाती पर ध्यान रखना चाहिए।
  • जिन लोगों को सांस से संबंधित कोई बीमारी हो तो उन्हें यह प्राणायाम चिकित्सक के सलाह पर ही करना चाहिए।
  • इसके अलावा यदि फेफड़ों से जुड़ी कोई समस्या है तो भी आप अपने योग शिक्षक से सलाह ले सकते हैं।
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