राष्ट्रपति चुनाव: द्रौपदी मुर्मू की जीत से पहले देखिए कैसा है उनके गांव रायरंगपुर में माहौल, अभी से बन रही मिठाइयां, जुलूस की भी तैयारी
Presidential election व्यापारिक संगठन हो या बार एसोसिएशन धार्मिक एवं शैक्षणिक संस्थान सहित विभिन्न स्थानीय संगठनों के अलावा सरकारी अधिकारी भी ‘माटी की बेटी’ को बधाई देने के लिए पूरे उत्साह से इंतजार कर रहे हैं। पूरे गांव में उत्साह का माहौल है।
रायरंगपुर/जमशेदपुर, जासं। राष्ट्रपति चुनाव का परिणाम आने से पहले ही द्रौपदी मुर्मू के गृहनगर में जश्न की तैयारी शुरू हो चुकी है। गुरुवार को सुबह से ही मंदिरों में पूजा-अर्चना शुरू हो गया है। हर चेहरे पर उल्लास का भाव। स्कूली छात्र-छात्राएं भी पूरे जोश में नजर आ रही है। रायरंगपुर के लोगों को उनके जीत हासिल करने का पूरा भरोसा है।
व्यापारिक संगठन हो या बार एसोसिएशन, धार्मिक एवं शैक्षणिक संस्थान सहित विभिन्न स्थानीय संगठनों के अलावा सरकारी अधिकारी भी ‘माटी की बेटी’ को बधाई देने के लिए पूरे उत्साह से इंतजार कर रहे हैं। स्थानीय लोक कलाकार अपने अंदाज में बिटिया का अभिनंदन करने की तैयारी कर रहे हैं। कलाकार नतीजे घोषित होने के शीघ्र बाद सड़कों पर उतर कर अपने कार्यक्रम प्रस्तुत करने के लिए तैयार हैं।
भारतीय जनता पार्टी के स्थानीय नेता तपन महंत ने कहा कि हमने 20,000 लड्डू बनवाया है। साथ ही मुर्मू को बधाई देने के लिए 100 बैनर लगाए गए हैं। द्रौपदी मुर्मू का मुकाबला विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा से है। मुर्मू की जीत तय मानी जा रही है। स्थानीय ग्रामीण लखन टुडू ने कहा कि आज का दिन उनके गांव के साथ ही पूरे ओडिशा के लिए गर्व का दिन है। आज एक आदिवासी महिला पहली बार इस देश के राष्ट्रपति के पद पर पहुंचने वाली है। जीत की घोषणा होने के बाद आतिशबाजी और नृत्य का भी कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।
जिस स्कूल में द्रौपदी मुर्मू ने बचपन में पढ़ाई की थी, उसके प्रधानाध्यापक बिस्वेश्वर मोहंती ने कहा कि वह एक मेधावी छात्रा थीं और लोगों की सेवा करना चाहती थी। 1968 से 1970 तक वह हेड टीचर थे, जब द्रौपदी मुर्मू स्कूल में पढ़ाई कर रहीं थीं। उन्होंने कहा कि द्रौपदी मुर्मू के बारे में सुनकर मुझे बहुत गर्व महसूस होता है। वह एक मेधावी छात्रा थी। मुझे याद है कि एक बार छात्रों से कहा गया था कि वे भविष्य में जो बनना जो चाहते हैं, उसके बारे में बताएं। छात्रों ने विभिन्न व्यवसायों का उल्लेख किया। लेकिन जब द्रौपदी मुर्मू से पूछा गया तो उसने कहा कि वह लोगों की सेवा करना चाहती है।