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प्रियंका चोपड़ा कर रही है निराशाजनक बातें, आप भी जानकर रह जाएंगे हैरान

जमशेदपुर में जन्मीं बॉलीवुड अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा आज भी सिनेजगत में परचम लहरा रही हैं। प्रियंका ने हॉलीवुड में भी अपनी प्रतिभा के झंडे गाड़े हैं फिर भी आज वे निराशाजनक बातें क्यों कर रही हैं। वह आज भी जमशेदपुर से जुड़ी बचपन की यादें दिल में संजोए हुए हैं।

By Jitendra SinghEdited By: Updated: Fri, 28 May 2021 03:05 PM (IST)
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जमशेदपुर में जन्मी प्रियंका चोपड़ा क्यों कर रहीं निराशाजनक बातें
जमशेदपुर, जासं।जमशेदपुर में जन्मीं बॉलीवुड अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा आज भी सिनेजगत में परचम लहरा रही हैं। प्रियंका ने हॉलीवुड में भी अपनी प्रतिभा के झंडे गाड़े हैं, फिर भी आज वे निराशाजनक बातें क्यों कर रही हैं। वह आज भी जमशेदपुर से जुड़ी बचपन की यादें दिल में संजोए हुए हैं। 

अपने पति निक जोनास के साथ प्रियंका चोपड़ा

बॉलीवुड अभिनेत्री बोली, हर सफल व्यक्ति सिर्फ जीतता नहीं है

दरअसल, प्रियंका ने हाल ही में एक अंतरराष्ट्रीय पत्रिका को साक्षात्कार दिया था। इसमें उन्होंने कहा कि जिंदगी सिर्फ एक सीढ़ी होती है, जीवन का लक्ष्य नहीं। मैंने 50 से अधिक बॉलीवुड फिल्में की है। अमेरिकन टीवी शो और हॉलीवुड की फिल्में भी की हैं। कई अवार्ड भी मिले हैं, लेकिन हाल के दिनों में मैंने कई फिल्मों की, जिन्हें किसी ने नहीं देखा तक नहीं। इस साक्षात्कार में प्रियंका ने अपने व्यवसायिक जीवन की असफलताओं के बारे में खुलकर बातें कीं। उन्होंने कहा कि हर सफल व्यक्ति केवल जीतता नहीं है। मैं भी हारती हूं। मुझे भी अपने जीवन में कई बाधाओं का सामना करना पड़ा। कई बार हार चुकी हूं।

जमशेदपुर स्थित टाटा मेन हॉस्पीटल में प्रियंका चोपड़ा का जन्म हुआ था।

कोई भी सफलता अंतिम नहीं होती

दरअसल, असफलताओं से सीख मिलती है। सही-गलत का आकलन करने का मौका मिलता है। यह आपके जीवन को एक नई दिशा भी देता है, यदि आप चिंतन-मनन करते हैं तो। जीवन एक आगे बढ़ने का जरिया है, सीढ़ी है। यह कभी लक्ष्य नहीं होता। कोई भी सफलता अंतिम नहीं होती। उससे आगे बढ़ने के लिए हमेशा प्रयासरत रहना पड़ा है। हमें, खासकर भारतीय लोगों को हमेशा सिखाया जाता है कि आपने जो लक्ष्य तय किया है, उसे पाने के लिए दूसरों से तेज चलना है। कुछ अलग करना है, जो आम लोग नहीं करते। मैं हमेशा चाहती थी कि खुद को मुख्यधारा की अग्रणी महिला के रूप में पहचान बनाऊं। इसके लिए मैं किसी दायरे में बंधकर नहीं रहना चाहती थी।

अपनी नानी मधु ज्योत्सना अखौरी के साथ प्रियंका

अगली पीढ़ी के लिए उदाहरण बनना प्रियंका का है सपना

इसके अलावा भी बहुत कुछ चाहती थी, जिसके लिए मैंने 10 वर्ष का लक्ष्य निर्धारित किया था। लेकिन अब मुझे ऐसा महसूस होता हैं कि मैं अभी जहां हूं, यह वही जगह है, जहां मैं पहुंचना चाहती थी। मुझे अपने लिए ही नहीं, समाज के लिए जीना है। समाज के लिए ज्यादा से ज्यादा कुछ कर सकूं। कई लोग कर रहे हैं। अगली पीढ़ी के लिए कोई उदाहरण बन सकूं, तो यह मेरी खुशकिस्मती होगी। वैसे प्रियंका पिछले साल से ही कोरोना पीड़ितों के लिए मदद कर रही है। हाल ही में उन्होंने कोरोना से प्रभावित लोगोें के लिए लगभग 22 करोड़ रुपये जुटाए हैं। वह इस राशि को बेहतर और विश्वसनीय व प्रतिष्ठित एनजीओ के माध्यम से खर्च करना चाहती हैं, ताकि इसका लाभ सही जरूरतमंदों को मिल सके।

 

आज भी जमशेदपुर को मिस करती हैं प्रियंका

प्रियंका चोपड़ा का जन्म जमशेदपुर स्थित टाटा मुख्य अस्पताल में 18 जुलाई 1982 को हुआ था। वह चार वर्ष की उम्र तक जमशेदपुर से सटे आदित्यपुर में अपने नाना के यहां रही थीं। उनके नाना डा. मनमोहन कृष्ण अखौरी भी टीएमएच के जाने-माने चिकित्सक थे। सेवानिवृत्ति के बाद वे मजदूर नेता एमके अखौरी के नाम से प्रसिद्ध हुए। प्रियंका की नानी मधु ज्योत्सना अखौरी जमशेदपुर की विधायक रह चुकी थीं। प्रियंका बात-बात में अपने नाना-नानी और जमशेदपुर को मिस करने की बात कहती हैं। जब तक उनके नाना जीवित थे, प्रियंका अक्सर यहां आती थीं।

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