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परीक्षा में पूछा गया ऐसा सवाल कि मच गया बवाल, कोल्‍हान विश्‍वविद्यालय के इस प्रश्‍न पत्र को देख चकराया बच्‍चों का सिर

गोदी मीडिया के बारे में अब तक हम मुंहजबानी सुनते आ रहे हैं लेकिन अब परीक्षा में भी इस पर सवाल पूछे जाए तो हैरान होना लाजिमी है। कुछ ऐसा ही कोल्‍हान विश्‍वविद्यालय के यूजी सेकेंड सेमेस्‍टर के राजनीति विज्ञान के प्रश्‍न पत्र में पूछा गया। सवाल पढ़ते ही विद्यार्थी हैरान हो गए। किसी ने सवाल ही छोड़ दिया और किसी ने बड़े ही रोचक अंदाज में जवाब लिखा।

By Ch Rao Edited By: Arijita Sen Updated: Mon, 15 Apr 2024 08:50 AM (IST)
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कोल्हान विश्वविद्यालय द्वारा शनिवार को पूछा गया राजनीति विज्ञान का प्रश्न पत्र।
जासं, जमशेदपुर। यह जानकार आश्चर्य होगा कि कोल्हान विश्वविद्यालय में गोदी मीडिया विषय को शामिल कर लिया गया है और इसकी पढ़ाई पिछले एक वर्ष से हो रही है। राजनीतिक विज्ञान विषय में इस टाॅपिक को शामिल किया गया है। इसका खुलासा तब हुआ जब शनिवार को छात्रों ने कोल्हान विश्वविद्यालय की यूजी सेमेस्टर टू की परीक्षा दी।

सवाल पढ़कर छात्रों का चकराया सिर

शनिवार को राजनीतिक विज्ञान विषय की परीक्षा थी। इस परीक्षा में लघु उत्तरीय प्रश्न संख्या दो में यह पूछा गया कि गोदी मीडिया से आप क्या समझते हैं।

इस प्रश्न का उत्तर कई छात्रों ने लिखा तो कई ने प्रश्न का उत्तर नहीं समझ में आने के कारण उसे छोड़ दिया। दो प्रश्न के उत्तर के लिए छात्रों को दस नंबर मिलने हैं। इधर परीक्षा नियंत्रक डा. अजय कुमार चौधरी ने मामले से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि वे प्रश्न पत्र नहीं देखते। प्रश्न पत्र सील रहता है।

छात्रों ने दिया बेबाकी से उत्तर

यूजी सेकेंड सेमेस्टर में राजनीतिक विज्ञान विषय की परीक्षा देने वाले छात्र राहुल कुमार ने बताया कि उन्होंने इसका उत्तर लिखा, चूंकि यह सिलेबस में शामिल था।

उसने लिखा कि ऐसा मीडिया जो सरकार के गोद में बैठा रहता है। चाहे वह राज्य व केंद्र सरकार का हो। सरकार के समर्थन में रिपोर्ट प्रस्तुत करने वाले को गोदी मीडिया कहते हैं।

छात्रा सोनाली पाठक बताती है कि उसने लिखा सरकार के अधीन में काम करने वाले ऐसे पत्रकार जो सिर्फ सरकार की उपलब्धियों को लिखते हैं, उनके द्वारा किए गए बुरे काम को ढंकने का प्रयास करते हैं, उसे गोदी मीडिया कहते हैं।

गोदी मीडिया और अर्बन नक्सल राजनीतिक विज्ञान में सिलेबस का पार्ट है। इस कारण उससे सवाल पूछे गए, इसमें अचरज की कोई बात नहीं है- डा. राजेंद्र भारती, रजिस्ट्रार, कोल्हान विश्वविद्यालय, चाईबासा।

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