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जी हां, रोजाना हजारों लोग गलत तरीके से पार करते हैं यह रेलवे क्रासिंग

इस क्रासिंग के कारण कई रेलवे कर्मचारियों ने अपने क्वार्टर खाली कर दिए हैं। कई ने अपना रास्ता बदल लिया। मेन लाइन होने के कारण लोको कॉलोनी स्थित क्रासिंग का गेट हमेशा लगा ही रहता है।

By Rakesh RanjanEdited By: Updated: Fri, 28 Sep 2018 12:38 PM (IST)
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जी हां, रोजाना हजारों लोग गलत तरीके से पार करते हैं यह रेलवे क्रासिंग

जमशेदपुर (गुरदीप राज)। जी हां, इस रेलवे क्रॉसिंग को रोजाना सैंकड़ों लोग पार करते हैं, लेकिन लोगों की हिफाजत की चिंता रेलवे प्रशासन को नहीं है। पूर्वी सिंहभूम के टाटानगर रेलवे स्टेशन से सटे लोको कॉलोनी स्थित रेलवे क्रासिंग परेशानी का सबब बना हुआ है। इस क्रासिंग के कारण कई रेलवे कर्मचारियों ने अपने क्वार्टर खाली कर दिए हैं। कई ने अपना रास्ता बदल लिया। मेन लाइन होने के कारण लोको कॉलोनी स्थित क्रासिंग का गेट हमेशा लगा ही रहता है। इस गेट के खुलने के इंतजार में कई मरीजों की जान तक जाने की बात की जाती है। ब्रिज के लिए कई बार हुआ आंदोलन

यहां ओवर या अंडर ब्रिज बनाने को लेकर मेंस कांग्र्रेस के नेताओं ने कई  बार आंदोलन किया। गेट के समीप एक नाले के पास से अंडर ब्रिज बनाने का प्रस्ताव वर्ष 2014 में मेंस कांग्र्रेस के शशि मिश्रा व उनकी टीम ने तत्कालीन डीआरएम राजीव अग्र्रवाल के समक्ष रखा था। इसे गंभीरता से लेते हुए राजीव अग्र्रवाल ने नाले का सर्वे कराया लेकिन सर्वे करने वाली टीम ने अपनी रिपोर्ट में यह लिख दिया कि नाले के समीप से अंडरब्रिज बनाया जाएगा तो धंसने की संभाïवना है। इससे पेच फंस गया। शशि मिश्रा ने बताया कि अगर इस नाले के समीप से बनने वाले नाला का सर्वे किसी एक्सपर्ट से कराया जाए तो अंडर ब्रिज बनाने में कोई अड़चन नहीं आएगी। लेकिन रेलवे ने टाल-मटोल करके मामले को ठप कर दिया। 

प्रतिदिन पांच हजार लोग पास करते क्रासिंग

गेट होने के बावजूद इस क्रासिंग से करीब पांच हजार लोग प्रतिदिन अवैध तरीके से पार करते हैं। डेढ़ हजार के करीब रेलकर्मचारी इस कॉलोनी में रहते हैं, जो रोजाना इस क्रासिंग को पार कर ड्यूटी जाते हैं। उनके जाने के लिए एक मात्र यही रास्ता है। 

हादसों को दावत देता क्रासिंग

इस रेलवे क्रासिंग का फाटक अधिकतर समय बंद ही रहता है। इसके  बंद होने के कारण गलत ढंग से लोग क्रासिंग पार करते हैं। इसी मजबूरी के कारण तीन से चार दिनों पहले एक बाइक रेलवे लाइन में फंस गई और सामने से मालगाड़ी आ गई। अगर सवार बाइक छोड़कर नहीं भागते तो तीन युवकों की जान जा सकती थी। जैसे ही बाइक से तीनों युवक कूदे मालगाड़ी बाइक को रगड़ते हुए काफी दूर तक ले गई। इससे बाइक के परखच्चे उड़ गए। 

बिना फाटक का क्रासिंग खतरनाक

लोको कॉलोनी स्थित दूसरे क्रासिंग में फाटक भी नहीं लगा है। बस छोटे-छोटे सीमेंट के पोल गाड़ दिए गए हैं। जान जोखिम में डालकर इस पोल के अंदर से लोग बाइक पार करते हैं।

रेलवे यहां नहीं बनाना चाहता ओवर ब्रिज

मेंस कांग्र्रेस के शशि मिश्रा ने बताया कि रेलवे को यह पता है कि रेलवे कॉलोनी में ज्यादातर रेलकर्मी ही रहते हैं। यही कारण है कि रेलकर्मियों के लिए रेलवे ओवर ब्रिज पर रेलवे खर्च नहीं करना चाहती। ओवर ब्रिज या अंडर ब्रिज नहीं होने से क्षेत्र के लोग परेशान हैं। 

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