Ramdas Soren: रामदास सोरेन ने 2005 में निर्दलीय लड़ा चुनाव, 2009 में तीन बार के MLA को हराकर दिखाया था अपना दम
Ramdas Soren रामदास सोरेन आज हेमंत सरकार के नए मंत्री बन गए हैं। राज्यपाल ने उन्हें मंत्री पद की शपथ दिलाई। रामदास सोरेन ने शपथ लेने से पहले पत्नी समेत पूरे परिवार के साथ शिबू सोरेन का आशीर्वाद लिया। रामदास सोरेन को चंपई सोरेन के विकल्प के रूप में लाया गया है। चंपई सोरेन के जाने के बाद इसे डैमेज कंट्रोल के तौर पर देखा जा रहा है।
रामदास सोरेन का सियासी सफर भी काफी संघर्षपूर्ण रहा है। रामदास सोरेन
पहले तो जमशेपुर पूर्वी विधानसभा सीट से झामुमो के टिकट पर चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें सफलता हाथ नहीं लगी। इसके बाद रामदास सोरेन घाटशिला विधानसभा में सक्रिय हो गए।
लेकिन 2004 में राज्य में कांग्रेस-झामुमो गठबंधन होने के कारण घाटशिला से उन्हें टिकट नहीं मिला तो वे नाराज होकर निर्दलीय ही झूड़ी छाप पर चुनाव लड़कर दूसरे स्थान पर रहे। 2009 के विधानसभा चुनाव में जब कांग्रेस-झामुमो का गठबंधन टूटा तो रामदास सोरेन फिर से झामुमो के प्रत्याशी बनाए गए थे।
2004 में नाराज होकर निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला लिया था
तीन बार के विधायक को हराकर सभी को चौंकाया था
शपथ ग्रहण से पहले उन्होंने अपने गुरुजी शिबू सोरेन के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। इस दौरान उनका पूरा परिवार मौजूद था। आशीर्वाद लेकर फिर वह राजभवन के लिए निकले थे। रामदास सोरेन को चंपई सोरेन की काट माना जा रहा है। ये भी पढ़ेंJharkhand News: 'हेलो... रामदास जी आपको मंत्री बनना है', जब विधायक के फोन में बजने लगी घंटी; फिर जो हुआ...
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