Ratan Tata News: पद्म विभूषण रतन टाटा के स्वर्गवास पर झारखंड में एक दिवसीय शोक, जमशेदपुर था दूसरा घर; इसमें बसती थी जान
पद्मविभूषण रतन टाटा का जमशेदपुर से विशेष लगाव था जो टाटा समूह की शुरुआत का शहर है। वे संस्थापक दिवस समारोह में नियमित रूप से भाग लेते थे और शहर के विकास कंपनी के विस्तार और कर्मचारियों के स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार के लिए हमेशा चिंतित रहते थे। उन्होंने शहरवासियों को संस्थापक दिवस पर कई उपहार दिए जिनमें अस्पतालों और खेल अकादमियों का उद्घाटन शामिल है।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। मशहूर उद्योगपति और पद्मविभूषण रतन टाटा के स्वर्गवास पर झारखंड सरकार ने एक दिवसीय शोक की घोषणा की है। आज यानी कि गुरुवार को रतन टाटा का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार होगा।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एक्स पर अपने शोक संदेश में लिखा है-झारखंड जैसे देश के पिछड़े राज्य को विश्व में पहचान दिलाने वाले टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन एवं पद्यविभूषण रतन टाटा जी के देहावसान पर एक दिवसीय राजकीय शोक की घोषणा की जाती है। विश्वास नहीं हो रहा है कि अब वे हमारे बीच नहीं हैं। मरांग बुरु रतन टाटा जी की आत्मा को शांति प्रदान करें।
बता दें कि रतन टाटा के लिए जमशेदपुर शहर उनका दूसरा घर के समान था। जिस शहर से टाटा समूह की शुरुआत हुई थी, रतन टाटा की जान इसलिए यहां बसती थी।
रतन टाटा चेयरमैन रहने के दौरान प्रतिवर्ष तीन मार्च को होने वाले संस्थापक दिवस समारोह में एक दिन पहले जमशेदपुर आते थे और पूरी संजीदगी से समारोह में शिरकत होते थे।साथ ही शहर के विकास से लेकर कंपनी के विस्तार और कर्मचारियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के प्रति हमेशा चिंतित रहते थे। इसलिए हर बार संस्थापक दिवस पर उनके द्वारा शहरवासियों को कोई न कोई उपहार देने की परंपरा शुरू की थी।
फिर चाहे मेहरबाई टाटा मेमोरियल अस्पताल में नए ब्लाक व आधुनिक मशीन का उद्घाटन करना हो या फिर खेल के क्षेत्र में नवल टाटा हाकी एकेडमी बिल्डिंग का उद्घाटन करना हो। स्वास्थ्य से लेकर खेल सहित विभिन्न क्षेत्रों में शहर और यहां के अधिकारियों को रतन टाटा का हमेशा मार्गदर्शन जरूर मिला है।
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