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Assam Baibhav Ratan Tata : रतन टाटा चाहते हुए भी ‘असम बैभव’ सम्मान लेने नहीं जा सकेंगे गुवाहाटी, जानते हैं क्यों

Ratan Tata असम सरकार 24 जनवरी को रतन टाटा को राज्य के सबसे बड़े सम्मान ‘असम बैभव’ से सम्मानित करने जा रही है। लेकिन इस मौके पर खुद रतन टाटा मौजूद नहीं रहेंगे। जानिए इसके पीछे का कारण...

By Jitendra SinghEdited By: Updated: Mon, 24 Jan 2022 09:10 AM (IST)
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Assam Baibhav Ratan Tata : रतन टाटा चाहते हुए भी ‘असम बैभव’ सम्मान लेने नहीं जा सकेंगे गुवाहाटी
जमशेदपुर, जासं। असम सरकार ने 24 जनवरी को ‘असम बैभव’ सम्मान प्रदान करने की घोषणा की है, जिसमें टाटा संस के मानद चेयरमैन व टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन रतन टाटा प्रमुख हैं। उदार हृदय के रतन टाटा यह पुरस्कार लेना चाहते हैं, लेकिन वह समारोह में शामिल होने गुवाहाटी आने में असमर्थ हैं। उन्होंने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा को पत्र लिखकर असमर्थता जताई है।

जानिए, रतन टाटा ने क्या लिखा है

पत्र में रतन टाटा ने कहा है कि "मैं वर्ष 2021 के लिए असम बैभव पुरस्कार देने के लिए असम सरकार के निर्णय की बहुत सराहना करता हूं और गहराई से प्रभावित हूं। मैं आपकी व्यक्तिगत प्रतिबद्धता का प्रशंसक रहा हूं। असमिया लोगों की भलाई के लिए और इसलिए, आपसे यह पुरस्कार प्राप्त करना एक असाधारण सम्मान है। 24 जनवरी को गुवाहाटी में होने वाले समारोह में व्यक्तिगत रूप से पुरस्कार प्राप्त करने में मेरी असमर्थता को समझने के लिए और बाद में मुंबई में मुझे इसे प्रस्तुत करने की आपकी इच्छा के लिए धन्यवाद। आपसे मिलकर खुशी होगी और हमारे कार्यालय इस तरह की बैठक के लिए उपयुक्त तारीख खोजने के लिए मिलकर काम कर सकते हैं।"

सीएम सरमा ने नई दिल्ली में की थी घोषणा

ज्ञात हो कि गत वर्ष असम दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने उद्योगपति रतन टाटा को सबसे प्रतिष्ठित 'असम बैभव' पुरस्कार देने की घोषणा की थी। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने नई दिल्ली में कहा था कि "यह घोषणा करते हुए प्रसन्नता हो रही है कि असम सरकार ने असम में कैंसर देखभाल को आगे बढ़ाने में उनके असाधारण योगदान के लिए @ RNata2000 के अध्यक्ष, @tatatrusts को अपना सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘असम बैभव’ प्रदान करने का निर्णय लिया है।’

तीन श्रेणी में 19 को मिलेगा पुरस्कार

‘असम बैभव’

  • रतन टाटा
असम सौरव पुरस्कार

  • प्रोफेसर कमलेंदु देब क्रोरी- शिक्षाविद्
  • डॉ. लक्ष्मणन एस- लोक सेवा
  • प्रोफेसर दीपक चंद जैन- बिजनेस मैनेजमेंट
  • लवलीना बोर्गोहैन- स्पोर्ट्स
  • नील पवन बरुआ- कला और संस्कृति
असम गौरव पुरस्कार

  • मुनिंद्र नाथ नगेटी- लोक सेवा और टीकाकरण
  • डा. बसंता हजारिका- स्वास्थ्य और कोविड प्रबंधन
  • आकाश ज्योति गोगोई- कुक्कुट पालन
  • मनोज कु. बासुमतारी- सुअर पालन
  • खोर्सिंग तेरांग- खेल और पर्वतारोहण
  • बॉबी हजारिका- महिला उद्यमी
  • हेमोप्रभा चुटिया- बुनाई
  • नमिता कलिता- स्वास्थ्य एवं लोक सेवा
  • बोर्निता मोमिन- लोक सेवा
  • धरणीधर बोरो- वन्यजीव संरक्षण
  • कौशिक बरुआ- कृषि निर्यातक और उद्यमी
  • कल्पना बोड़ो- लोक सेवा
  • आसिफ इकबाल- स्वास्थ्य और चिकित्सा
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