Ratan Tata Photos: रतन टाटा मजदूरों से भी पूछते थे; कंपनी कैसे आगे बढ़े? पूर्व DGM ने सुनाया दिलचस्प किस्सा
Ratan Tata Old Photos रतन टाटा ने टाटा स्टील को भारत से निकालकर दुनिया की एक प्रमुख कंपनी बना दिया। उन्होंने मजदूरों से पूछा था कि आप देश में नंबर वन बने रहना चाहते हैं या दुनिया में? इस सवाल ने कंपनी का नजरिया ही बदल दिया। टाटा स्टील आज 26 देशों में काम कर रही है और 80500 लोगों को रोजगार दे रही है।
वेंकटेश्वर राव, जमशेदपुर। उद्योगपति रतन टाटा मजदूरों से भी कंपनी को आगे ले जाने की योजनाओं पर चर्चा करते थे। इसे वे अमल में लाने का प्रयास करते थे। मजदूरों के बीच रहकर समाजसेवा के लिए उन्हें भी जागृत करते थे।
जब भी वे जमशेदपुर दौरे पर आते थे तो मजदूरों से बात करने का पूरा प्रयास करते थे और लोगों से भी मिलते थे। जमशेदपुर उनके दिल में बसता था।
टाटा स्टील में उप महाप्रबंधक (डीजीएम) रहे डॉ. त्रिदिवेश मुखर्जी ने रतन टाटा से जुड़े एक दिलचस्प प्रसंग याद करते हुए बताते हैं कि वे कैसे मजदूरों और अधिकारियों में कंपनी को आगे ले जाने के लिए जोश भरते थे।
नतीजतन, टाटा स्टील भारत, नीदरलैंड और यूनाइटेड किंगडम समेत 26 देशों में काम करती है। लगभग 80,500 लोगों को रोजगार देती है।
Ratan Tata Images : टाटा स्टील के जमशेदपुर प्लांट का 2011 में दौरे के दौरान जानकारी लेते रतन टाटा।
क्या है रतन टाटा से जुड़ा वो पूरा किस्सा?
बात उस दौर की है कि जब मुखर्जी टाटा स्टील में फर्नेस के हेड ऑपरेशन थे। उस समय रतन टाटा ने कंपनी के कर्मचारियों और पदाधिकारियों से मुलाकात की थी।
उन्होंने पूछा कि आप देश में में नंबर वन बने रहना चाहते हो या दुनिया में? इस सवाल के जवाब में मजदूर व पदाधिकारी कुछ देर तक स्तब्ध हो गए। सभी को पता चल गया कि वे कंपनी के मजदूरों को एक टास्क उनकी इच्छानुसार देना चाहते हैं।
थोड़ा रुककर मजदूरों ने कहा कि आप जैसा सोचते हैं, कंपनी को वैसा ही बनाना चाहते हैं। मजदूरों का यह जवाब रतन टाटा को इतना पसंद आया कि उसी दिन से इस पर काम प्रारंभ हो गया।
जमशेदपुर में 2012 में फाउंडर डे के दौरान आम लोगों से मिलते रतन टाटा।
बकौल डॉ. टी मुखर्जी इसके बाद कई पदाधिकारियों को निप्पन स्टील व अन्य कई विदेशी स्टील कंपनियों में भेजा गया। वहां के वर्क कल्चर को देखा। उसके बाद जो होना था, अब सबके सामने है।
सामूहिक एकजुटता व प्रयास के कारण टाटा स्टील दुनिया की श्रेष्ठ कंपनी के साथ एक विश्वनीय कंपनी बन गई है। मजदूरों के प्रति उनका प्रेम सहज ही झलकता है। वे मजदूरों के हर सुझाव का सम्मान करते थे।
मुखर्जी ने रतन टाटा को लेकर कहा कि उन्होंने जिस आदर्शों के साथ कंपनी को खड़ा किया, वह दूसरों के लिए अनुकरणीय है। रतन टाटा ने राष्ट्रीय गौरव के साथ कभी समझौता नहीं किया। इस कारण उन्होंने ताज होटल का निर्माण करवाया।
श्वान के प्रति उनका प्रेम अद्वितीय
डॉ. टी मुखर्जी ने कहा कि श्वान (कुत्तों) के प्रति उनका प्रेम किसी से छुपा नहीं है। श्वानों के प्रति उनका प्रेम अद्वितीय है। यह पशुओं के प्रति उनके प्रेम को दर्शाता है कि उनकी बीमारी के समय वे आवश्यकता पड़ने पर विदेशों में उनका इलाज करवाते थे।
जमशेदपुर में वर्ष 1992 में जी ब्लास्ट फर्नेस के शुभारंभ के दौरान तत्कालीन एमडी जेजे ईरानी के साथ चर्चा करते रतन टाटा।
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