Jharkhand News: '77 साल से शरणार्थी...', CAA लागू होते ही झारखंड के इस शहर के लोगों की बदली किस्मत
77 साल...एक लंबा समय एक पीढ़ी का समय...एक जीवन का समय। आठ दशक से ईस्ट बंगाल कालोनी सीतारामडेरा पंजाबी रिफ्यूजी कॉलोनी गोलमुरी सिंधी रिफ्यूजी कॉलोनी गोलमुरी बंगाली कॉलोनी शंकोसाई में रहने वाले 700 परिवार के 6000 शरणार्थी अनिश्चितता और असुरक्षा के साये में जी रहे थे। 77 साल का इंतजार सोमवार को खत्म हुआ जब देश में नागरिकता संशोधन विधेयक को लागू कर दिया गया।
मनोज सिंह, जमशेदपुर। CAA-NRC 77 साल...एक लंबा समय, एक पीढ़ी का समय...एक जीवन का समय। आठ दशक से ईस्ट बंगाल कालोनी सीतारामडेरा, पंजाबी रिफ्यूजी कॉलोनी गोलमुरी, सिंधी रिफ्यूजी कॉलोनी गोलमुरी, बंगाली कॉलोनी शंकोसाई में रहने वाले 700 परिवार के 6000 शरणार्थी अनिश्चितता और असुरक्षा के साये में जी रहे थे।
अपनी मातृभूमि से विस्थापित, अपनी पहचान से वंचित ये शरणार्थी दर्द और पीड़ा की एक अनकही कहानी थे। 77 साल का इंतजार सोमवार को खत्म हुआ, जब देश में नागरिकता संशोधन विधेयक को लागू कर दिया गया। इसी के साथ एक नए भविष्य का वादा के साथ इन शरणार्थियों के जीवन की नई शुरुआत हुई।
आंखों में नमी, हृदय में उमंग, चेहरे पर मुस्कान, नागरिकता का अधिकार मिलने की खुशी एक साथ इनके चेहरों पर झलक रही थी।
1947 से ही जमशेदपुर में बसे हैं शरणार्थी
अब माथे से हट जाएगा रिफ्यूजी का कलंक
छह वर्ष वर्ष पूर्व बजे थे ढोल-नगाड़े
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