Odisha News: कीचड़ बनी जाम का सबब... 20 घंटे बंद रहा NH-32, लगा 14 KM लंबा जाम; चालकों को हुई भारी परेशानी
NH-32 पर शनिवार शाम करीब पांच बजे से वाहनों का ट्रैफिक जाम लगना शुरू हुआ जो कि 20 घंटे तक लगा रहा और यह जाम नीमडीह प्रखंड के जामडीह के पास एनएच 32 पर लगा। यहां सड़क मरम्मत कर रहे संवेदक द्वारा सड़क पर मिट्टी डलवा दी और शनिवार की शाम हुई बारिश के बाद सड़क कीचड़ में बदल गया और इस कारण जाम लग गया।
जागरण संवाददाता, नीमडीह/चांडिल। Traffic Jam News: नीमडीह प्रखंड के जामडीह के पास एनएच 32 पर शनिवार शाम करीब पांच बजे से वाहनों का जाम लगा। सड़क मरम्मत कर रहे संवेदक द्वारा सड़क पर मिट्टी डालने के कारण शनिवार की शाम हुई बारिश के बाद सड़क कीचड़ में बदल गया। कीचड़ में वाहन फंसते गए और सड़क पर वाहनों का जाम भी लंबा होता गया।
बता दें कि चांडिल गोलचक्कर से नीमडीह प्रखंड के जामडीह तक राष्ट्रीय राजमार्ग 32 का मरम्मत का काम चल रहा है। इसके कारण शनिवार की शाम करीब पांच बजे से उक्त सड़क पर वाहनों का आवागमन अवरुद्ध हो गया था। वाहनों का परिचालन बंद होने के कारण सड़क के दोनों तरफ कई किलोमीटर तक वाहनों की कतार लग गई।
लोगों का पैदल चलना हो रहा मुश्किल
इस दौरान उक्त सड़क पर पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। झारखंड के नीमडीह व कुकड़ू प्रखंड के साथ पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिला के मरीज ले जाने वाले दर्जनों एंबुलेंस को दलमा पर्वत श्रृंखलाओं के बीच बनी उबड़ खाबड़ रास्ते से पार किया गया। जिसके कारण मरीजों का हाल बेहाल हो गया।
रेंगते हुए चल रहे वाहन
रविवार की दोपहर सड़क पर कीचड़ में तब्दील मिट्टी को हटाकर सड़क को वाहनों के चलने लायक करने का प्रयास किया गया। उसके बाद रेंगते हुए वाहन चल रहे थे। सड़क से कीचड़ हटाने के बाद वाहनों का चलना शुरू हुआ।
लेकिन सड़क पर फिसलन रहने और गड्ढा रहने के कारण वाहनों का चलना दुभर हो रहा है। वैसे 20 घंटे से अधिक समय तक वाहनों का परिचालन बंद रहने के कारण सड़क पर वाहनों की लंबी कतार पश्चिम बंगाल तक पहुंच गई थी।
चालकों ने ये कहा
सड़क जाम के कारण लंबी दूरी के मालवाहक वाहनों के चालक व सहायक भूख प्यास बेहाल दिखे। बिहार के नवादा के रहने वाले ड्राइवर अशोक यादव ने कहा कि आसपास होटल भी नहीं है और भोजन पानी के लिए तरसना पड़ रहा है। गांव वाले से पपीता मांगा और भूख मिटाने का प्रयास किया। शमशेर खान, भीम सिंह, अजय कुमार आदि वाहन चालकों ने सड़क की दुर्दशा पर खेद जताया।
बता दें कि यह सड़क झारखंड और पश्चिम बंगाल के कई औद्योगिक शहरों को जोड़ने वाली महत्वपूर्ण सड़क है। इसके बाबजूद सड़क मरम्मत के काम में शिथिलता बरती जा रही है। चांडिल की जीवन रेखा कही जाने वाली राष्ट्रीय राजमार्ग 32 पर चांडिल गोलचक्कर से जामडीह तक आवागमन करना राहगीरों की परेशानी का सबब बना हुआ है।
90 दिन बाद भी नहीं हो सका मरम्मत कार्य
बदहाल सड़क की मरम्मत कार्य का शिलान्यास 17 दिसंबर को सांसद संजय सेठ व विधायक सविता महतो ने नारियल फोड़कर किया था।मंत्रोच्चारण के बीच नारियल फोड़कर मरम्मत कार्य का शिलान्यास करने के बाद क्षेत्र के सांसद संजय सेठ ने कहा था कि सड़क का मरम्मत कार्य 45 दिनों में पूरा हो जाएगा।
एनएचएआई को इसके लिए आवश्यक निर्देश दिया गया है। लेकिन 45 दिन तो क्या 90 दिन गुजर चुके हैं, लेकिन सड़क की मरम्मत अबतक पूरी नहीं हो सकी है। चांडिल गोलचक्कर से जामडीह तक एनएच 32 के 11.6 किमी लंबी बदहाल हिस्से की मरम्मत 7 करोड़ 36 लाख रुपये की लागत से होना है। बारिश में सड़क कीचड़ से सन गया वहीं अन्य दिन सड़क से उड़ने वाली धूल से राहगीर परेशान रहते हैं।
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