Move to Jagran APP

सालखन ने 5 राज्यों में आंदोलन की दी चेतावनी, बोले- मरांग बुरू की रक्षा आदिवासी अस्तित्व और पहचान के लिए जरूरी

पुरलिया में बुधवार को प्रेसवार्ता करते हुए पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने आदिवासी हित में रेल व सड़क जाम आंदोलन की चेतावनी दी है। सालखन मुर्मू ने कहा कि पारसनाथ पहाड़ आदिवासियों के ईश्वर मरांग बुरु वास करते हैं जिसे जैन धर्मावलंबियों ने हड़प लिया है।

By Mantosh MandalEdited By: Mohit TripathiUpdated: Thu, 26 Jan 2023 07:47 PM (IST)
Hero Image
खड़गपुर : पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने पांच राज्यों में चक्का जाम आंदोलन की दी चेतावनी
जमशेदपुर, संवादसूत्र: पुरलिया में बुधवार को प्रेसवार्ता करते हुए पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने आदिवासी हित में रेल व सड़क जाम आंदोलन की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि उनकी मांगे नहीं मानी गई तो पांच राज्यों में चक्का जाम आंदोलन चलाया जाएगा।

सालखन मुर्मू ने कहा कि झारखंड के पारसनाथ पहाड़ आदिवासियों के ईश्वर मरांग बुरु वास करते हैं, जिसे जैन धर्मावलंबियों ने हड़प लिया है। हेमंत सरकार ने 5 जनवरी को भारत सरकार को भेजे पत्र के द्वारा इसे जैनियों को सौंपने का काम किया है। उन्होंने कहा कि इस मामले पर आदिवासियों के पक्ष को मुख्यमंत्री ने बिल्कुल दरकिनार कर दिया है। दुनिया भर के आदिवासियों के साथ बड़ा धोखा किया है। यह आदिवासियों के लिए अयोध्या के राम मंदिर से कम महत्वपूर्ण नहीं है। मरांग बुरू की रक्षा आदिवासी अस्तित्व, पहचान और हिस्सेदारी की रक्षा है।

पारसनाथ को लेकर आदिवासी सेंगेल अभियान ने 17 जनवरी को जमशेदपुर से मारंग बुरू बचाओ भारत यात्रा शुरू किया है। आज यात्रा का नौवां दिन है। पुरुलिया में प्रेस कांफ्रेंस के बाद बलरामपुर में आदिवासी प्रतिनिधि सभा का आयोजन किया गया। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि इस भारत यात्रा का नेतृत्व सेंगेल के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व सांसद सालखन मुर्मू और केंद्रीय संजोजक सुमित्रा मुर्मू कर रहे हैं। सालखन देश के विभिन्न राज्यों के आदिवासी बहुल जिलों में जिलेवार जनसभा करेंगे और आदिवासी जनता को जागरूक करेंगे।

वक्ताओं ने कहा कि भारत यात्रा के दौरान मरांग बुरु बचाने के साथ 2023 में हर हाल में सरना धर्म कोड की मान्यता लेना, कुड़मी को एसटी बनाने वालों का विरोध करना, झारखंड में प्रखंडवार नियोजन नीति लागू करना, देश के सभी पहाड़ पर्वतों को आदिवासियों को सौंपने की मांग करना, आदिवासी स्वशासन व्यवस्था में सुधार आदि मुद्दों पर काम किया जाएगा।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।