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Jharkhand Election Result 2024: झामुमो के गढ़ में भाजपा ने की सेंधमारी, चंपई सोरेन और पूर्णिमा ने बचाई BJP की साख

Jharkhand Election Result 2024 झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के नतीजे से भाजपा को बड़ा झटका लगा है। कोल्हान प्रमंडल में झामुमोनीत आईएनडीआईए को मंइयां समेत अपने कई लोकलुभावन योजनाओं का बखूबी लाभ मिला और उसने अपना दबदबा कायम रखा। पूर्व मुख्यमंत्रियों वाली इस प्रमंडल से भाजपा को काफी उम्मीदें थीं लेकिन उसे सफलता नहीं मिल पायी। फिर भी चंपई सोरेन और पूर्णिमा दास ने जीत दिलाकर पार्टी की लाज बचाई।

By U N. Pathak Edited By: Monu Kumar Jha Updated: Sat, 23 Nov 2024 10:50 PM (IST)
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कोल्हान प्रमंडल में भाजपा को झटका, झामुमोनीत आईएनडीआईए का दबदबा कायम। फाइल फोटो
उत्तम नाथ पाठक, जमशेदपुर।Jharkhand vidhan sabha chunav results: झारखंड विधानसभा चुनाव-2024 के नतीजे से भाजपा को बड़ा झटका लगा है। झामुमोनीत आईएनडीआईए को कोल्हान प्रमंडल में मंइयां समेत अपने कई लोकलुभावन योजनाओं का लाभ मिला और उसने अपना दबदबा कायम रखा। चार-चार पूर्व मुख्यमंत्रियों वाले इस प्रमंडल से भाजपा को काफी उम्मीदें थी।

पार्टी यहां सीटों की संख्या बढ़ने के साथ बड़ी जीत की भी आस लगाए हुए थी। लेकिन उस अनुरूप सफलता नहीं मिल पायी। लेकिन पिछले चुनाव से इसबार का प्रदर्शन भाजपा का पूरे प्रमंडल में फिर भी बेहतर रहा। क्योंकि पिछली बार प्रमंडल की 14 सीटों में भाजपा को एक भी सीट नहीं मिल पायी थी।

इस बार पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन (Champai Soren) ने अपनी सीट सरायकेला व पूर्व मुख्यमंत्री सह ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास की पुत्रवधू पूर्णिमा दास (Purnima Das) ने जमशेदपुर पूर्वी सीट से जीत दिलाकर पार्टी की प्रतिष्ठा बचाई। जबकि पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा की पत्नी मीरा मुंडा शुरुआती बढ़त के बावजूद पोटका से चुनाव हार गईं। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा को जगन्नाथपुर से चुनाव में पराजय का मुंह देखना पड़ा।

चंपई सोरेन, फाइल फोटो

एनडीए के सहयोगी दलों में जदयू का प्रदर्शन फिर भी ठीक रहा। जमशेदपुर पश्चिम से सरयू राय ने कांग्रेस के कद्दावर मंत्री बन्‍ना गुप्‍ता को करारी श‍िकस्‍त देते हुए जीत दर्ज की। सबसे ज्यादा निराशा आजसू से एनडीए को पूरे झारखंड के साथ कोल्हान प्रमंडल में मिला। कोल्हान के जुगसलाई, ईचागढ़ और मनोहरपुर सीट से आजसू ने प्रत्याशी उतारे थे। लेकिन किसी भी सीट पर उसे जीत नहीं मिल पायी। इसकी एक बड़ी वजह जयराम महतो की पार्टी जेकेएलएम भी रहा।

अब तक महतो वोट बैंक आजसू का कैडर वोट बैंक माना जाता रहा है। लेकिन इस बार उस पर जयराम महतो की पार्टी ने बड़ी सेंधमारी की है। ईचागढ़ विधानसभा सीट पर तकरीबन 40 हजार से अधिक वोट जेकेएलएम के प्रत्याशी को मिले। जबकि आजसू के हरेलाल महतो को 50 हजार के करीब वोट मिले और झामुमो की सविता महतो से 26 हजार वोटों से चुनाव हार गए।

जेकेएलएम उम्मीदवार को मिले वोट हार के अंतर से ज्यादा है। वहीं जुगसलाई विधानसभा सीट पर भी झामुमो के मंगल कालिंदी ने जीत दर्ज की यहां भी आजसू के रामचंद्र सहिस को हार का सामना करना पड़ा। जेकेएलएम का उम्मीदवार यहां भी तकरीबन 25 हजार से अधिक वोट ले गया। इन दोनों सीटों के परिणाम पर नजर डालें तो स्पष्ट हो रहा है कि जेकेएलएम का नुकसान भाजपानीत एनडीए गठबंधन को उठाना पड़ा।

रघुवर दास और पूर्णिमा दास। फाइल फोटो

पोटका व घाटशिला में भी जेकेएलएम (JKLM) के उम्मीदवार को अच्छे वोट मिले। झामुमोनीत सरकार से नाराज यह वोट भाजपानीत गठबंधन को ही मिलना था। लेकिन यह जेकेएलएम को चला गया। जिसका लाभ झामुमोनीत आइएनडीआइए को मिला।

झामुमो के जीत के प्रमुख कारण

झामुमो (JMM) को ग्रामीण क्षेत्र के मतदाताओं का पूर्ण समर्थन मिला। कई सीटों पर शहरी क्षेत्र के मतदाताओं का भी साथ मिला। झामुमो की जीत के दो प्रमुख कारण रहे एक मंइयां सम्मान योजना तो दूसरी बिजली बिल माफी। मंइयां सम्मान योजना की तीन किस्तें अब तक प्रदेश की महिलाओं के खाते में पहुंच चुकी है। वहीं झामुमो ने इस योजना को आगे भी जारी रखने के साथ, इसकी राशि भी चुनाव के तुरंत बाद बढ़ाने का वायदा किया था।

वहीं 200 यूनिट फ्री बिजली, बकाया बिजली बिल माफ योजना का भी खासा प्रभाव ग्रामीण क्षेत्रों में रहा। ईचागढ़, घाटशिला, जुगसलाई, पोटका, खरसांवा व बहरागोड़ा के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में ये जीत के प्रमुख कारण रहे। वहीं अबुआ आवास में तीन कमरे का घर देने का प्रविधान भी एक फैक्टर रहा।

पश्चिमी सिंहभूम की पांचों सीट पर झामुमो-कांग्रेस का कब्जा

पश्चिमी सिंहभूम जिले में झामुमो-कांग्रेस का दबदबा बरकरार रहा। यहां इस बार भी भारतीय जनता पार्टी एक भी सीट नहीं जीत सकी। भाजपा के चार उम्मीदवार मैदान में थे तो एक सीट आजसू को दी गई थी। पांच में से चार विधानसभा सीटों पर झामुमो और एक सीट पर कांग्रेस को जीत मिली है।

चाईबासा सदर विधानसभा सीट से झामुमो प्रत्याशी सह सरकार में मंत्री रहे दीपक बिरुवा, जगन्नाथपुर सीट से कांग्रेस प्रत्याशी सोनाराम सिंकू, मझगांव सीट से झामुमो प्रत्याशी निरल पुरती, चक्रधरपुर सीट से सुखराम उरांव और मनोहरपुर से सिंहभूम की सांसद जोबा मांझी के पुत्र जगत मांझी ने जीत दर्ज की है।

भाजपा ने मधु कोड़ा व गीता कोड़ा को कांग्रेस से अपने पाले में इस उम्मीद से किया था कि जिले में कम से कम एक या दो सीट कोड़ा दंपती दिला देंगे मगर पहले लोकसभा चुनाव में सिंहभूम संसदीय सीट और अब विधानसभा चुनाव में जगन्नाथपुर सीट से गीता कोड़ा को मिली हार के कारण भाजपा एक बार फिर यहां खाली हाथ रही।

जिले में ऐसा पहली बार हुआ है कि सभी सिटिंग विधायक जीते हैं। दीपक बिरुवा ने लगातार चौथी बार, निरल पुरती ने तीसरी बार, सुखराम उरांव ने लगातार दूसरी बार और सोनाराम सिंकू ने दूसरी बार जीत दर्ज की है। जगत मांझी पहली बार चुनाव में खड़े हुए और जीत दर्ज की।

सरायकेला में चंपई पर लोगों ने जताया भरोसा

सरायकेला ख्ररसांवा जिले की तीन सीटों में एक सीट सरायकेला में पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने अपना दबदबा बरकरार रखते हुए लगातार यहां से जीत का सिलसिला जारी रखा। चम्पाई की जीत ने यह तय किया कि किसी पार्टी से इतर उनका खुद का जनाधार अपनी सीट पर काफी मजबूत है। वहीं वे अपने बेटे बाबूलाल सोरेन व खरसांवा से अपने प्रमुख सिपहसलार सोनाराम बोदरा को जीत नहीं दिलवा सके।

वहीं ईचागढ़ में झामुमो की सबिता महतो ने आजसू के हरेलाल महतो को हराया। जबकि खरसांवा सीट से दशरथ गगराई ने अपने जीत का सिलसिला जारी रखा और बड़े अंतर से भाजपा के सोनाराम बोदरा को हराया।

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