Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Indian Railways Record: दक्षिण-पूर्व रेलवे ने तोड़ा अपना ही रिकार्ड, जानिए

Indian Railways Record. दक्षिण-पूर्व रेलवे ने अपने पुराने रिकार्ड को तोड़ते हुए जनवरी 2021 में 10.27 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 17.18 मिलियन टन माल ढुलाई की है।राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के बावजूद दक्षिण पूर्व रेलवे ने माल ढुलाई का काम किया।

By Rakesh RanjanEdited By: Updated: Sun, 07 Feb 2021 08:56 AM (IST)
Hero Image
दक्षिण -पूर्व रेलवे को 16.06 मिलियन टन माल ढुलाई का लक्ष्य मिला था।

जमशेदपुर, जासं। दक्षिण-पूर्व रेलवे ने माल ढुलाई के मामले में अपने ही पुराने रिकार्ड को ध्वस्त किया है। जनवरी 2020 में दक्षिण- पूर्व रेलवे ने 15.58 मिलियन टन माल लोड किया था। अपने पुराने रिकार्ड को तोड़ते हुए जनवरी 2021 में 10.27 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 17.18 मिलियन टन माल ढुलाई की है।

हालांकि, दक्षिण -पूर्व रेलवे को 16.06 मिलियन टन माल ढुलाई का लक्ष्य मिला था। रिकार्ड माल ढुलाई कर जनवरी माह में दक्षिण पूर्व रेलवे ने पिछले वर्ष के जनवरी माह में 1307.16 करोड़ रुपये की तुलना में 1534.63 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया है जो पिछले आंकड़े से 17.4 प्रतिशत अधिक है। वहीं, चालू वित्तीय वर्ष के 2020-21 के पहले दस माह (अप्रैल से जनवरी) में इस जोन से कुल 141.87 मिलियन टन माल की ढुलाई की गई है जो पिछले वर्ष की आलोच्य अवधि में यह 141.78 मिलियन टन था। जबकि कोविड 19 महामारी के कारण चालू वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में दक्षिण पूर्व रेलवे में माल ढुलाई का काम पूरी तरह से प्रभावित था।

लॉकडाउन में भी जारी रही सेवा

राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के बावजूद दक्षिण पूर्व रेलवे ने आवश्यक खाद्यान्न की जरूरतों को पूरा करने के लिए माल ढुलाई का काम किया। इसके कारण भी माल ढुलाई में थोड़ा सुधार हुआ है। दक्षिण पूर्व रेलवे में मुख्य रूप से लौह अयस्क, कोयला, पिग आयरन, तैयार स्टील, सीमेंट, खाद्य सामग्री, अनाज व उर्वरक की सबसे ज्यादा ढुलाई होती है। रेल प्रबंधन के अनुसार हम माल ढुलाई को आकर्षक बनाने के लिए अपने ग्राहकों को कई तरह की रियायत और छूट देते हैं। नए व्यवसाय को आकर्षिक करने के लिए जोन के वरीय अधिकारी नियमित रूप से विभिन्न उद्योगों और माल ढुलाई करने वाले ग्राहकों के प्रतिनिधियों से बैठक करते हैं। उनकी जरूरत को पूरा करने के लिए अपने स्तर से काम करते हैं ताकि हम व्यावसायिक विकास इकाइयों का गठन और मालगाड़ियों की गति में वृद्धि कर माल लदान के आंकड़ों में बढ़ोतरी कर सके।

लोकल न्यूज़ का भरोसेमंद साथी!जागरण लोकल ऐपडाउनलोड करें