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    Manipal Medical College के छात्र की मौत पर फूटा आक्रोश, धरने पर बैठे 250 से अधिक छात्र

    बारीडीह स्थित मणिपाल टाटा मेडिकल कालेज के तीसरे वर्ष के एमबीबीएस छात्र दिव्यांशु पांडे की मौत के बाद शनिवार को छात्र आक्रोशित हो गए। सुबह 930 बजे से ही 250 से अधिक छात्र धरने पर बैठ गए और कालेज प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। छात्रों का कहना है कि यदि समय पर एंबुलेंस पहुंचती और तत्काल इलाज शुरू हो जाता तो दिव्यांशु की जान बच सकती थी।

    By Jagran News Edited By: Kanchan Singh Updated: Sat, 23 Aug 2025 02:21 PM (IST)
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    धरना पर बैठे 250 से अधिक मेडिकल छात्र।

    जागरण संवाददाता, जमशेदपुर । बारीडीह स्थित मणिपाल टाटा मेडिकल कालेज में शुक्रवार की रात तीसरे वर्ष के एमबीबीएस छात्र दिव्यांशु पांडे की मौत के बाद शनिवार को हालात बिगड़ गए।

    सुबह 9:30 बजे से ही 250 से अधिक छात्र धरने पर बैठ गए और कालेज प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। छात्रों का आरोप है कि दिव्यांशु को हास्टल से नीचे उतारने में 15 मिनट लग गए। 

    एंबुलेंस पहुंचने में करीब 40 मिनट की देरी हुई। उनका कहना है कि यदि समय पर एंबुलेंस पहुंचती और तत्काल इलाज शुरू हो जाता तो दिव्यांशु की जान बच सकती थी।

    दो अफसरों के इस्तीफे की मांग

    आक्रोशित छात्रों ने डा. विनय (एसोसिएट डीन, स्टूडेंट अफेयर्स) और सुमित झा (ट्रांसपोर्ट हेड) के इस्तीफे की मांग की है। छात्रों ने आरोप लगाया कि डा. विनय छात्रों को मानसिक टॉर्चर करते हैं। 

    जबकि सुमित झा समय पर एंबुलेंस उपलब्ध कराने में नाकाम रहे। छात्रों का कहना है कि जब तक दोनों का इस्तीफा नहीं होगा, धरना खत्म नहीं होगा।

    हास्टल की सुविधाओं पर सवाल

    धरने पर बैठे छात्रों ने हास्टल में आपातकालीन चिकित्सा सुविधा और 24 घंटे एंबुलेंस उपलब्ध नहीं होने पर भी नाराजगी जताई। छात्रों ने कहा कि कई बार शिकायत के बावजूद स्थिति में सुधार नहीं हुआ।

    घटना से गुस्से में हैं छात्र

    गुरुवार की शाम दिव्यांशु पांडे ने आत्महत्या का प्रयास किया था। उन्हें गंभीर हालत में टाटा मेन हास्पिटल लाया गया, जहां देर रात 1:30 बजे उनकी मौत हो गई। इसके बाद छात्रों का गुस्सा फूट पड़ा और शनिवार को पूरे परिसर में हंगामा मच गया।

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    छात्रों की मांगें

    • दोनों अधिकारियों का इस्तीफा
    • हास्टल में 24 घंटे मेडिकल इमरजेंसी
    • एंबुलेंस की स्थायी तैनाती
    • मानसिक स्वास्थ्य काउंसलिंग की व्यवस्था

    कालेज प्रबंधन पर उठे सवाल

    दिव्यांशु की मौत ने कालेज प्रबंधन की कार्यशैली और आपातकालीन स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यदि जल्द समाधान नहीं निकला तो यह आंदोलन और बड़ा रूप ले सकता है।