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स्वदेशी मेला के लिए गोपाल मैदान किया गया व्यवस्थित, एक-दो दिन के लिए बढ़ सकती अवधि

भारतीय विपणन विकास केंद्र सीबीएमडी व स्वदेशी जागरण मंच की ओर से बिष्टुपुर स्थित गोपाल मैदान स्वदेशी मेला का आयोजन किया गया है जो आठ से 16 अक्टूबर तक चलना है। गुरुवार को आयोजकों ने मेेले को व्यवस्थित कर दिया जिससे लोग कीचड़ मुक्त रहकर मेले का आनंद उठा सकें।

By Jagran NewsEdited By: Uttamnath PathakUpdated: Fri, 14 Oct 2022 01:26 PM (IST)
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बिष्टुपुर स्थित गोपाल मैदान में लगे स्वदेशी मेला के एक स्टाल में बिक रहे कपड़े के थैले

जमशेदपुर, जासं। भारतीय विपणन विकास केंद्र सीबीएमडी व स्वदेशी जागरण मंच की ओर से बिष्टुपुर स्थित गोपाल मैदान स्वदेशी मेला का आयोजन किया गया है, जो आठ से 16 अक्टूबर तक चलना है। यह मेला शुरू से ही वर्षा की मार झेल रहा है। उदघाटन के एक दिन पहले ही भारी वर्षा हुई थी, तो इधर मंगलवार व बुधवार को भी लगातार वर्षा से गोपाल मैदान में पानी भर गया था। गुरुवार को आयोजकों ने मेेले को स्थगित रखकर व्यवस्थित कर दिया, जिससे लोग कीचड़ से मुक्त रहकर मेले का आनंद उठा सकें।

हालांकि गुरुवार को तेज बारिश नहीं हुई। दिन भर स्वदेशी मेला समिति के सारे कार्यकर्ता मिलकर मरम्मत कार्य में लगे रहे। टाटा स्टील प्रबंधन ने भी मैदान में जमा पानी निकालने में सहायता की। मेले में हुए नुकसान का जायजा लेने और स्वदेशी कार्यकर्ताओं का मनोबल को बढ़ाने के लिए स्वदेशी मेला के प्रखर समर्थक जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय भी मेले में आए। जिन स्टाल धारकों को जो भी व्यवस्था चाहिए थी, उसे लगभग पूरा किया गया। शुक्रवार को भी पूरे मैदान में शहरवासियों के आवागमन के लिए प्लेटफार्म तैयार किया जा रहा है। शुक्रवार को मेला विधिवत अपने समय से शुरू हो गया है। शाम छह बजे से सांस्कृतिक संध्या का आयोजन भी किया जाएगा। स्टाल धारकों ने वर्षा की वजह से हुए नुकसान की भरपाई करने के लिए मेले को एक-दो दिन बढ़ाने की मांग रखी है। आयोजकों ने टाटा स्टील प्रबंधन एवं स्थानीय प्रशासन के पास इसकी मांग रखी। ऐसे में उम्मीद है कि मेला एक या दो दिन बढ़ सकता है।

मेले में भारतीय संस्कृति को प्रोत्साहित कर रहे कई स्टाल

स्वदेशी मेला के 16वें संस्करण में इस बार झारखंड-बिहार सहित 19 राज्यों के लगभग 300 स्टाल लगे हैं, जहां दैनिक उपयोग के अलावा सजावट की वस्तुएं भी मिल रही हैं। मेले में हर दिन सुबह में बच्चों-महिलाओं के लिए रोचक, सांस्कृति व ज्ञानवर्धक प्रतियोगिता हो रही है, जबकि दोपहर में विभिन्न भारतीय संस्कारों पर आधारित गोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। प्रतिदिन सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें छऊ समेत विभिन्न प्रदेशों के लोकनृत्य शामिल हैं। मेले को हर बार की तरह शहरवासियों का प्यार भी मिल रहा है, लेकिन लगातार वर्षा ने मेले की रौनक फीकी कर दी है। इससे ना केवल स्टाल संचालक व शहरवासी, बल्कि आयोजक भी परेशान हैं। मेले में बुधवार को भी कार्यक्रम स्थगित कर दिए गए थे, जबकि गुरुवार को मेला पूरी तरह स्थगित कर दिया गया।

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