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Tata Group Bonus : टाटा की इस कंपनी के कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले, मिलेगा 7 करोड़ से ज्यादा बोनस

Tata Group Bonus जुस्को प्रबंधन इस बार बोनस मद में कुल सात करोड़ से ज्यादा राशि देने जा रहा है। पिछले साल कर्मचारियों को बोनस मद में कुल राशि 6.43 करोड़ रूपए मिली थी जो 2020 में 6.08 करोड़ थी। जुस्को में बोनस प्रतिशत में नहीं होता...

By Jitendra SinghEdited By: Updated: Sun, 11 Sep 2022 09:57 AM (IST)
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Tata Group Bonus : टाटा की इस कंपनी के कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले
अरविंद श्रीवास्तव, जमशेदपुर : टाटा स्टील के बाद उसकी सहायक कंपनी टाटा स्टील यूटिलिटीज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर सर्विसेस लिमिटेड (जुस्को) का बोनस भी बहुत जल्द होने जा रहा है। इस साल भी तीसरी बार जुस्को प्रबंधन बोनस का पैसा कर्मचारियों के बैंक खाते में सीधे भेजेगा। करीब सात करोड़ से ज्यादा मिले बोनस का लाभ कंपनी के 706 स्थायी कर्मचारियों को मिलेगा। टाटा स्टील में बोनस होने के बाद जुस्को कर्मियों की नजर अब कंपनी प्रबंधन पर टिकी हुई है।

जुस्को श्रमिक यूनियन का विवाद हाईकोर्ट में जाने के बाद प्रबंधन पिछले दो बार से बोनस की राशि को एकतरफा कर्मचारियों के खाते में भेज रहा है। मार्च 2020 में ही यूनियन का कार्यकाल खत्म हो गया था। इधर करीब ढ़ाई साल गुजरने के बाद भी यूनियन का चुनाव नहीं हो पाया है। यहीं वजह है कि प्रबंधन बगैर यूनियन के साथ समझौता किए बोनस राशि भेज रहा है।

इस बार कुल सात करोड़ से ज्यादा मिलेगी बोनस राशि

जुस्को प्रबंधन इस बार बोनस मद में कुल सात करोड़ से ज्यादा राशि देने जा रहा है। पिछले साल कर्मचारियों को बोनस मद में कुल राशि 6.43 करोड़ रूपए मिली थी जो 2020 में 6.08 करोड़ थी। जुस्को में बोनस प्रतिशत में नहीं होता। पिछले वित्तीय वर्ष में जुस्को का प्रदर्शन बेहतर रहा है। ऐसे में उम्मीद है कि यह राशि सात करोड़ के पार कर जाएगी। बीते साल करीब 44 करोड़ तो इस बार 49 करोड़ मुनाफे के आधार पर बोनस मिलना है।

पिछले साल कर्मचारियों का न्यूनतम बोनस 33557 रूपए और अधिकतम बोनस की राशि दो लाख 58 हजार तक मिला था। 2020 में अधिकतम बोनस की राशि दो लाख 21 हजार रूपए थी। इस साल अधिकतम बोनस की राशि तीन लाख रूपए को पार कर जाएगी।

पिछले साल फार्मूले से 6.28 करोड़ हुआ था बोनस, मिला 6.43 करोड़

2021 में बोनस मानदंड (पैरामीटर) के हिसाब से कर्मचारियों का कुल बोनस 6.28 ही हो रहा था। प्रबंधन ने कोरोना काल में कर्मचारियों के शहर में अबाध सुविधाएं मुहैया कराने, स्वच्छ भारत सर्वेक्षण में शहर की बेहतर रैंकिंग, सर्वाधिक वेस्ट वाटर रिसाइक्लिंग और टीबीईएम में बेहतर स्कोर के चलते बोनस की राशि को 6.28 से बढ़ाकर 6.43 करोड़ कर दिया था।

जानें क्या है फार्मूले का मापदंड

जुस्को का बोनस विभिन्न मापदंडों के आधार पर दिया जाता है। इसमें पीबीटी (प्रोफिट बिफोर टैक्स), सेफ्टी परफॉर्मेंस, कम्प्याएंस टू कम्प्लेन, टॉप बॉक्स, ट्रान्समिशन एंड डिस्ट्रिब्यूशन लॉस, कस्टमर सैटिस्फैक्शन इंडेक्स, रिपीट कम्प्लेन, प्रोडक्टिविटी एंड टोटल प्रोडक्टिव मेन्टेंस, गुड परफॉर्मेंस आदि शामिल हैं।

जुस्को श्रमिक यूनियन के अध्यक्ष रघुनाथ पांडेय ने कहा कि तीन साल पहले जुस्को प्रबंधन व जुस्को श्रमिक यूनियन ने कर्मचारियों के बोनस को लेकर जो फार्मूला बनाया है, उसी के आधार पर बोनस होगा। यूनियन-प्रबंधन के बीच समझौता नहीं होगा लेकिन यूनियन के बनाए फार्मूले से ही कर्मचारियों को लाभ होगा। यूनियन की दूरदर्शिता की वजह से इस बार बीते साल की अपेक्षा ज्यादा बोनस मिलेगा।

मार्च 2020 में जुस्को श्रमिक यूनियन की ओर से कराई गई आमसभा को विपक्ष ने असंवैधानिक करार दिया था। विपक्ष का आरोप था कि रघुनाथ पांडेय ने विपक्ष को जबरन बाहर रखकर आम सभा कराई। विपक्ष ने इसकी शिकायत उप श्रमायुक्त से की, जिसकी जांच में आरोप सही पाया गया।

श्रमायुक्त ने इस आमसभा को असंवैधानिक करार दिया और फिर से आमसभा कराने का निर्देश दिया। लेकिन रघुनाथ पांडेय ने श्रमायुक्त के इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दे डाली। उसके बाद से मामला कोर्ट में लटका हुआ है।

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